अल्लाह तुमसे ताकतवर है अपनी देखो

SHARE:

मुसलमान अपराधी को मारने के नाम पर तीन हिन्दू को अपराधी बना दिया। वो भी किसी दिन मारे जाएंगे। इसलिए मेरी मानो और पढ़ाई में लगो। छोड़ो अल्लाह को उनके हाल

अल्लाह तुमसे ताकतवर है अपनी देखो 


स देश के मुसलमान भी कम नहीं हैं- हिंदुओं की तरह अकड़ पाले बैठे हैं। अबे आबादी कम है। तुम्हारे भाई अलग देश ले चुके, चाचा के हिस्से के घर में रह रहे हो, इंसान बनके रहो। मुसलमान बनके रहोगे, ऊपर से दादागिरी भी दिखाओगे, ये तो नहीं न चलेगा। कांग्रेस थी तब चल गया। अब जब कांग्रेस ख़ुद ख़तरे में है, तब तुम्हारी रक्षा क्या करेंगे? और तुम भी तो महान हो- कांग्रेस को छोड़कर समाजवादी बन गए। कौन ताकतवर लगता है तुम्हें अब ? कांग्रेस या समाजवादी? समाजवादियों के भरोसे मत रहो। वो वोट लेकर राज्य की सत्ता में तो बैठेंगे, लेकिन दिल्ली अब उनके लिए सपना है। अपना अवसर खो चुके वो। 

ये ठीक है कांग्रेस के समय भी दंगे खूब हुए- खूब मारे गए तुम्हारे भाई भतीजे, लेकिन जहां तुम्हारी आबादी ज्यादा है, वहाँ तुम भी तो गुंडों की जय करने में पीछे नहीं रहते। अतीक के पीछे, मुख्तार के पीछे क्या तुम नहीं खड़े थे? अब तुम कहोगे क्या योगी के पीछे हिन्दू नहीं थे, नहीं हैं? 

अल्लाह तुमसे ताकतवर है अपनी देखो
अबे फिर उसी राग पर आ गए ! बताया न तुम्हारे भाई ने अपना देश ले लिया, ये हिंदुओं का देश है। गांधी-नेहरू-पटेल कोशिश किये कि देश सबका रहे- जो तुम बच गए हो, उसका भी, लेकिन तुम भी गांधी-नेहरू की बात कहाँ माने? तुम कभी बुखारी की आवाज पर नाचने लगे, कभी अतीक अहमद, दाऊद और ओवैसी पर इतराने लगे। लेकिन क्या करेंगे ये लोग? या तो देश छोड़ कर भाग जाएंगे या मारे जाएंगे या फिर तुम्हारा इस्तेमाल करेंगे, तुमको उकसाएंगे, तुम्हारा वोट लेंगे और चुनाव लड़ने का खर्चा उनसे वसूलेंगे? खुद नेता बन दौलत बढ़ाएंगे, तुम कूटे जाओगे। क्या लगता है तुमलोगों को, ओवैसी कभी दिल्ली में सरकार बनाएगा? सरकार तो सदा हिंदुओं की ही बनेगी- काहे कि संख्या उनकी ज्यादा है- बहुमत राज है लोकतंत्र। इसी डर से तो तुम्हारे भाइयों ने अलग राष्ट्र मांगा था- ताकि वो बहुमत में रहे और मुस्लिम राष्ट्र बना सकें। वहाँ के हिंदुओं की हालत देखो? क्या तुमसे बेहतर है? हालांकि मुसलमानों की हालत भी बेहतर नहीं है। मस्जिद में भी बम फट रहे हैं- यहाँ मस्जिद में भी फिदायीन हमला नहीं हो रहा है न। और शांति से रहकर आगे बढ़ना चाहो, तो किसी को कोई प्रॉब्लम भी नहीं है। पढ़ाई करो और आगे बढ़ो, लेकिन तुम टोपी लगाकर ज्यादा से ज्यादा अरबी फारसी बोलने की कोशिश करते हो। अब हिंदुस्तान में रहोगे और अरब और ईरान की भाषा बोलोगे तो हिंदुओं को कैसे बर्दाश्त होगा। रहोगे हिंदुस्तान में ज़ुबान बोलोगे अरब-ईरान की, ये तो ग़लत है भाई। 

फिर ये भी तो देखो क्या अल्लाह और इस्लाम की रक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ़ तुमपर है?  अरब-ईरान चिंता करे अल्लाह और इस्लाम की। तुम तो ओरिजनल हो भी नहीं। या तो सताये गए इसलिए या लालच में बन गए मुसलमान। तुमको क्या लगता है ये हिन्दू नहीं जानते ? अरे ये सरदारों को अपना नहीं मानते तो तुमको क्या मांनेंगे? अच्छा छोड़ो ये सब- जो गांधी को जो मार सकते हैं तुमको छोड़ेंगे? गांधी तो हिन्दू थे। 

छोड़ो गांधी की बात ये हिंदुओं के लिए भी सोचते तो क्या गैस सिलेंडर 450 रुपये से 11 सौ कर देते, इतनी महंगाई बढ़ाते? अच्छा अस्पताल और स्कूल बनवाते। ताकि सारे हिन्दू स्वस्थ रहे, पढे और आगे बढ़ें। तुम अपनी छोड़ो हिंदुओं की हालत देख लो, क्या तुमसे बेहतर है? ये जो 80 करोड़ लोगों को सरकार भीख में 5 किलो अनाज प्रति महीना  देती है, क्या सिर्फ़ तुम्ही खड़े हो लाइन में? तुम्हारी तो कुल आबादी 20 करोड़ ही है- मान लो सब लाइन में खड़े हो, तो बाकी 60 करोड़ तो हिन्दू हैं भाई? बताओ इन हिंदुओं की कौन अच्छी स्थिति है? ये भी तुम्हारी तरह लात खाते हैं। कोई सुनने वाला नहीं। जैसे वो फिर भी हिन्दू बने फिर रहे हैं, तुम भी मुसलमान बने फिर रहे हो। काहे का हिन्दू मुसलमान? 

गरीब और कमजोर आदमी का कोई धर्म नहीं होता, केवल ईमान होता है उसके पास। इसलिए हिन्दू मुसलमान के बजाय ईमान पर खड़े रहना सीखो। न ओवैसी बचाएगा न अखिलेश न अल्लाह और न मस्जिद। सिर्फ़ शिक्षा और पढ़ाई बचाएगी तुम सबको। जो पढ़ गया समझो बढ़ गया। हिंदुओं को भी मैं कहता हूँ कोई भगवान और मंदिर तुम्हारे काम नहीं आएगा, क्योंकि ये दोनों धूर्तों के हथियार बन गए हैं। अब बताओ कहते हैं हिन्दू खतरे में है। बताओ कैसे खतरे में है बे? ये तो संख्या में भी ज़्यादा में हैं। मैं अपनी बात करूँ तो मेरे असली दुश्मन मेरे गोतिया और पड़ोसी हैं और सब हिन्दू हैं। हिन्दू रोज हिन्दू की जमीन हड़पते हैं, उनकी बेटी के साथ रेप करते हैं- बोलो करते हैं कि नहीं करते? और फिर तुम्हारी लड़कियों के रेप नहीं होते?  क्या रेप करने वाले मुसलमान नहीं होते? 

फिर कहोगे गुंडों का कोई धर्म नहीं होता? अरे भाई यही तो गलतफहमी है- सच ये है गुंडों का धर्म होता है, शरीफ़ों का कोई धर्म नहीं होता। वह हिन्दू मुसलमान नहीं होते, सिर्फ़ इंसान होते हैं। अब तुम जानो मुसलमान बने रहना है या शरीफ़ इंसान ? 

मैं तो कभी भगवान और मंदिर के लिए नहीं लड़ा, अपने परिवार के लिए लड़ने से फुर्सत मिले तब न। धोती खरीदता हूँ, तो कुर्ता फट जाता है, कुर्ता खरीदता हूँ तो लंगोटी। सोचो सोचो- सोचोगे तो बचोगे? नहीं सोचोगे तो अपराधी ही बनोगे। अब अभी वाला खेल देखो दो मुसलमान अपराधी को मारने के नाम पर तीन हिन्दू को अपराधी बना दिया। वो भी किसी दिन मारे जाएंगे। इसलिए मेरी मानो और पढ़ाई में लगो। छोड़ो अल्लाह को उनके हाल पर। वो अपना देख लेंगे, तुमसे ताकतवर है वो। 



- धनंजय कुमार 

COMMENTS

Leave a Reply

You may also like this -

Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका