डॉक्टर्स डे के अवसर पर सम्मानित हुए फ्रंट लाइनर्स

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डा पी एल मिश्रा, डा ऊषा सिंह,डा आफताब रजा, डा डी के गुप्ता और डा के बी सिंह को सम्मानित किया गया। अंत में आईएमए के संरक्षक डा के के तिवारी ने सभी आगंत

डॉक्टर्स डे के अवसर पर सम्मानित हुए फ्रंट लाइनर्स

स्ती। इन्डियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा हर साल की भांति 1 जुलाई 2022 को डॉक्टर्स डे यानी राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस  मनाया गया । इस दिन सभी लोग, जिनका जीवन किसी न किसी डॉक्टर से जुड़ा हो, वह  चिकित्सक को धन्यवाद करते हैं। एक शिशु के तौर पर उन्हें इस दुनिया में लाने के लिए और उन्हें सेहतमंद रखने के लिए डॉक्टर के प्रयासों के लिए उनका आभार जताया जाता है। साल 2022 डाक्टर्स डे की थीम ' फैमली डॉक्टर्स ऑन दि फ्रंट लाइन' है।

भारत में पहली बार राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की शुरुआत साल 1991 से हुई थी। इस साल केंद्र सरकार ने पहली बार डॉक्टर डे मनाया था। इस दिन को  मनाने की शुरुआत एक डॉक्टर की याद में हुई थी। उनका नाम डॉ बिधान चंद्र राॅय था।एक जुलाई को ही डॉक्टर दिवस मनाने की एक खास वजह भी है। 

महान चिकित्सक डॉ बिधान चंद्र रॉय का जन्मदिन 1 जुलाई 1882 को हुआ था। इतना ही नहीं एक जुलाई 1962 को ही डॉ बिधान का निधन भी हुआ था। इसी वजह से उनके जन्मदिन और पुण्यतिथि के दिन पर ही उनकी याद में हर चिकित्सक को सम्मान देने के लिए एक जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की घोषणा की गई।
 

केरोना वेलेंटियर्स को विशेष सम्मान

डॉक्टर्स डे के अवसर पर सम्मानित हुए फ्रंट लाइनर्स
इलाज के दौरान कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग व अस्पतालों से जुड़े चिकित्सकों में मरीजों की सेवा का हौसला बरकरार रहा। निगेटिव होने के साथ ही काम पर लौटे और सेवा में जुट गए। इसी सेवाभाव की बदौलत काफी कोविड मरीजों की जान कोविड की दूसरी व तीसरी लहर में बचाई जा सकी है।

मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग में तैनात 40 से ज्यादा चिकित्सक कोविड की चपेट में आए। वार्ड में तैनात, आईडीएसपी सेल, आरआरटी के इमरजेंसी में मरीजों के इलाज के दौरान चिकित्सक संक्रमित हुए। दूसरी लहर में कोविड वार्डो में तैनात चिकित्सक परिवार से हफ्तों दूर रहे, केवल फोन पर ही परिवार से हाल-चाल लेते रहे। चिकित्सकों की इस महान सेवा को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

मई में पॉजिटिव हो गए थे। हम सभी इस समय एक मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। यह शायद हमारे जीवन का सबसे कठिन समय है। डॉक्टरों के लिए यह सुनिश्चित करना और भी मुश्किल हो गया है कि जो लोग संक्रमित हैं उन्हें उचित चिकित्सा सुविधाएं मिलती रहें। डॉक्टर्स और हेल्थकेयर स्टॉफ जिस तरह से समाज के प्रति अपना योगदान देते रहे हैं और कड़ी मेहनत करते हैं इसके लिए उनका सम्मान हर दिन होना चाहिए न कि सिर्फ किसी विशेष दिन ही उनके द्वारा किए गए कार्यों को सम्मान देना चाहिए। 

जून के मध्य में पॉजिटिव हो गया था। भारत में डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है। डॉक्टर ही लोगों को छोटी-बड़ी या गंभीर और खतरनाक बीमारियों से बचाते हैं, यही वजह है कि हर साल डॉक्टर्स को सम्मान देने के लिए पहली जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाया जाता है। कोविड महामारी बीती एक सदी की सबसे अभूतपूर्व घटना रही है। इसका सबसे बुरा असर स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों पर पड़ा, खास तौर पर डॉक्टरों और नर्सों पर। इसकी वजह यह थी कि उनकी लड़ाई एक अनदेखे दुश्मन से ऐसे मैदान में थी, जिसके बारे में उन्हें कुछ भी नहीं पता था। ज़्यादातर चीज़ों के बारे किसी को कोई जानकारी नहीं थी।

इन्डियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा आयोजित आज के कार्यक्रम  के मुख्य अतिथि बस्ती के जिलाधिकारी श्रीमती प्रियंका निरंजन रहीं।विशेष अतिथि बस्ती के पुलिस अधीक्षक श्री आशीष श्रीवास्तव रहे।कार्यक्रम प्रारंभ में दीप प्रज्वलित करके डा बी सी राय के चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण किया गया। आईएमए के सदस्यों ने पुलिस अधीक्षक की पत्नी डा आकांक्षा श्रीवास्तव को बैज लगाकर बुके और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।पैरा मेडिकल कॉलेज गोटवा की छात्राओं ने अतिथियों के स्वागत में गीत गया।कार्यक्रम का संचालन डा रंगजी द्विवेदी ने किया।

आईएमए के अध्यक्ष डा अनिल श्रीवास्तव ने डॉक्टर्स डे की महत्ता पर प्रकाश डाला।डा वी के वर्मा ने डा बी सी राय के जीवन पर चर्चा किया। डा रंगजी द्विवेदी ने इस साल के थीम

' फैमली डॉक्टर्स ऑन दि फ्रंट लाइन' पर विस्तार से चर्चा किया।बस्ती जिले के डीएम और एसपी  द्वारा अधिवक्ता , स्वमसेवी संस्थाएं,संस्था पत्रकार छायाकार शिक्षाविद समाजसेवी चिकित्सको को सम्मानित किया गया। पत्रकार में श्री संतोष श्रीवास्तव, अरुणेश श्रीवास्तव,अशोक श्रीवास्तव,विनोद उपाध्याय, वशिष्ठ पाण्डेय और रमेश गिरि प्रमुख थे। ब्लड डोनेशन हेतु रोटरी क्लब,मिड टाउन और संत निरंकारी मिशन को सम्मानित किया गया। समाज सेवा के लिए डा वी के वर्मा,कार्तिक सेवा समिति तथा अन्नपूर्णा रसोई के राघवेंद्र मिश्र को सम्मानित किया गया।

शिक्षा विभाग में जीजीआईसी प्राचार्य श्रीमती नीलम सिंह, जीआईसी के प्राचार्य श्री शिव बहादुर सिंह,जीवीएम के श्री संतोष सिंह,एनसीसी के तफ्फाजल हुसैन,सेंट्रल एकेडमी के जे पी तिवारी,सीएमएस के अनूप खरे सम्मान पाने वालों में थे। अधिवक्ताओं में भारत भूषण, वीरेंद्र नाथ पांडे रहे।कोतवाली थाना प्रभारी संजय कुमार,पुरानी बस्ती थाना के आलोक श्रीवास्तव, दक्षिण दरवाजा चौकी के जितेंद्र सिंह, गांधी नगर चौकी के मनीष जायसवाल सम्मानित किए गए। चिकित्सकों में 

डा पी एल मिश्रा, डा ऊषा सिंह,डा आफताब रजा, डा डी के गुप्ता और डा के बी सिंह को सम्मानित किया गया। अंत में आईएमए के संरक्षक डा के के तिवारी ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।


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