ठेस कहानी का सारांश उद्देश्य प्रश्न उत्तर

SHARE:

ठेस कहानी फणीश्वरनाथ रेणु ठेस कहानी का सारांश ठेस कहानी का उद्देश्य शीर्षक की सार्थकता ठेस कहानी के पात्र ठेस कहानी की समीक्षा प्रश्न उत्तर thes

ठेस कहानी - फणीश्वरनाथ रेणु 


ठेस कहानी फणीश्वरनाथ रेणु ठेस कहानी का सार ठेस कहानी का सारांश लिखिए ठेस कहानी का उद्देश्य ठेस कहानी का प्रश्न उत्तर ठेस कहानी की समीक्षा कीजिए thes kahani phanishwar nath renu बिहार की आंचलिक कहानी सिरचन Lokbharti 

ठेस कहानी का सारांश

फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी ठेस विशुद्ध ग्रामीण अंचल के एक बुनकर के जीवन की बदलती अवस्थाओं को चित्रित
ठेस कहानी का सारांश उद्देश्य प्रश्न उत्तर
करती है। समय के साथ बदलते उत्पादन के तरीकों ने ग्रामीण अंचल के अनेक छोटे - छोटे कारीगरों को बेकार कर दिया है। इन्ही में एक सिरचन नामक बुनकर भी है। कभी समय था कि चिरचन से काम करवाने के लिए गाँव वालों में प्रतिस्पर्धा हुआ करती थी। सिरचन को लुभाने के लिए अच्छे अच्छे खाद्य पदार्थ बनाये जाते और उसकी तीखी तेज़ जुबान को भी हँसकर सहन किया जाता था। परन्तु सिरचन के मनोभावों को परखने की सामर्थ्य गाँववालों में दिखाई नहीं देती थी। उनके लिए सिरचन चिक और शीतलपाटी जैसी चीज़ें बुनने वाला केवल एक उपकरण मात्र बनकर रह गया है। 

गाँव की लड़की ससुराल जा रही है तो उसे सिरचन के ही हाथ की बुनी हुई चिक और शीतलपाटी चाहिए क्योंकि इन वस्तुओं को ले जाने से ही ससुराल में उसका मान बढ़ता है। सिरचन इस बात को भली प्रकार समझता है परन्तु वह अपमान सहन नहीं कर पाता है। अपमानित होने के बावजूद भी सिरचन गाँव की बेटी के सम्मान का ध्यान रखता है और बिना मूल्य किये हुए अपनी अद्भूत कारीगरी से बनायीं हुई वस्तुएं उसे भेंट कर देता है। 

प्रस्तुत कहानी में एक कलाकार के स्वाभिमान और उसके मनोभावों का अत्यंत सूक्ष्म चित्रण किया गया है। बुनकर के रूप में सिरचन एक अद्भुत लोक कलाकार हैं परन्तु लोग उसकी कदर नहीं करते बल्कि केवल अपना अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं। इसके बाद भी सिरचन किसी से बुनाई के एवज में धन नहीं लेता है। सिरचन के अपने भी कुछ दुःख है जिनसे समाज को कोई वास्ता नहीं है। इस कहानी में बिहार के आंचलिक शब्दों का भरपूर प्रयोग हुआ है। भाषा सहज ,सरल एवं विषय के अनुकूल ही है। कहानी का अंत अत्यंत रोचक एवं मार्मिक है जिसमें एक कलाकार के मनोभावों की सम्पूर्णता छिपी हुई है। 

ठेस कहानी का उद्देश्य

कहानी ठेस एक समर्पित कलाकार के मनोविज्ञान की कहानी है। इस कहानी का नायक सिरचन एक अत्यंत कार्यकुशल बुनकर है। परन्तु वह अपनी कला को बेचता नहीं है। अभाव का जीवन जीने वाला सिरचन अपनी कला का मोल नहीं लेता है केवल दिनभर के खाने पीने पर ही काम करता है। परन्तु सिरचन कभी भी बेचारगी का जीवन नहीं जीता है। सिरचन के पास जितनी उत्कृष्ट कला है उतनी ही तीखी जीभ भी है। उसे स्वादिष्ट वस्तुएँ खाने का भी शौक है। सिरचन को किसी की कही हुई बात यदि चुभ जाती है तो वह तुरंत प्रतिकार करता है। फिर बात कहने वाला भले ही समाज में कितना भी प्रतिस्थापित व्यक्ति क्यों न हो। यही एक कलाकार की स्पष्टवादीता है। इसी कहानी में एक संवेदनशील कलाकार के भावात्मक रूप को अत्यंत सफलतापूर्वक चित्रित किया गया है। लेखक सिरचन के माध्यम से समाज को सन्देश देता है कि धन से कला और कलाकार की भावनाओं की ख़रीदा नहीं जा सकता है। कला का स्थान धन से ऊपर है। प्रलोभन सच्चे कलाकार को छू भी नहीं सकता है और लोभवश कोई भी कलाकार अपनी आत्मा की आवाज को नहीं नकारता। परन्तु कलाकार दूसरे की भावनाओं का सम्मान भी करता है। इसीलिए सिरचन मानू के घरवालों से रुष्ट होने के पश्चात भी अपनी कला का सर्वश्रेष्ठ रूप मानू को प्रदान करता है और उसका कोई भी मूल्य नहीं स्वीकारता। इस कहानी का उद्देश्य यह दर्शाना है कि कलाकार की दृष्टि में उसकी कला धन से श्रेष्ठ है। 

ठेस फणीश्वरनाथ रेणु कहानी शीर्षक की सार्थकता 

फणीश्वरनाथ रेणु
ठेस कहानी का शीर्षक के कथानक के अनुरूप है। सिरचन एक बुनकर है और उसकी कला की प्रसिद्धि दूर - दूर तक है। परन्तु सिरचन अपनी कला का कोई मूल्य नहीं लेता है। परन्तु सिरचन अपनी कला का कोई मूल्य नहीं लेता है। सिरचन के लिए दैनिक जीवन की आवश्यकताओं पूरी करने से अधिक कोई भी प्रलोभन जीवन में नहीं है। मानू की विदाई के लिए चिक बुनते हुए सिरचन चाची से जर्दा माँग लेता है। चाची इसे अपना अपमान समझकर सिरचन पर कड़े व्यंग करती है जिससे सिरचन के स्वाभिमान को ठेस लगती है और वह बुनाई अधूरी छोड़कर तुरंत उस घर से चला जाता है। सिरचन को बढ़िया धोती का प्रलोभन भी रोक नहीं पाता है। परन्तु वही सिरचन बिना मूल्य लिए मानू को स्टेशन पर अपनी उत्कृष्ट कला की वस्तुएँ भेंट करता है। 

इस कहानी का शीर्षक कलाकार के मन को लगने वाली ठेस के पूर्णतः अनुरूप है और कलाकार के स्वाभिमान के आहत होने पर उसके मनोभावों को सफलतापूर्वक दर्शाता है। अतः ठेस के अतिरिक्त इस कहानी का कोई और शीर्षक कथानक के अनुरूप प्रतीत नहीं होता है। 

ठेस कहानी के पात्र - सिरचन  

ठेस कहानी फणीश्वरनाथ रेणु जी द्वारा लिखित प्रसिद्ध कहानी है . सिरचन गाँव का एक स्वाभिमानी बुनकर है। सिरचन के हाथ में जादू है। उसकी बुनी हुई चिक और शीतलपाटी दूर - दूर तक प्रसिद्ध है जो भी उन्हें देख लेता है उनकी की कामना करता है। परन्तु सिरचन धन के लिए कार्य नहीं करता।  सिरचन अपनी बुनी हुई किसी भी वस्तु के लिए पारिश्रमिक नहीं लेता है। सिरचन को यदि कोई शौक है तो स्वादिष्ट भोजन खाने का। सिरचन को कार्य के लिए बुलाने वाले लोग पहले ही उसके लिए स्वादिष्ट भोजन का प्रबंध करके उसे आमंत्रित करते हैं। 

सिरचन गरीब होते हुए भी स्वाभिमानी है। यदि कोई बात उसे बुरी लगती है तो वह बिना झिझक उसका प्रतिकार भी करता है। किसी को उसकी बात प्रतिष्ठा के अनुकूल प्रतीत हो अथवा नहीं इसकी परवाह सिरचन को नहीं है। इस सबके पश्चात सिरचन गाँव में अपेक्षा के अनुरूप व्यवहार न पाने पर दुखी होता है। सिरचन अत्यंत संवेदनशील व्यक्ति है। मानू के विदाई के लिए बुनी जा रही शीतलपाटी और चिक का काम अधूरा छोड़कर वापस लौटने पर भी सिरचन अपना दायित्व नहीं भूलता है। सिरचन को याद रहता है कि उसके गाँव की लड़की को विदाई के समय शीतलपाटी न मिलने पर ससुराल में प्रताड़ित होना पड़ेगा। इसीलिए वह बिना किसी प्रलोभन के अपनी उत्कृष्ट कारीगरी से बुनी हुई वस्तुएं मानू को भेंट करता है और उन वस्तुएं का कोई मूल्य नहीं लेता है। इस प्रकार सिरचन एक उत्कृष्ट कलाकार है जो प्रलोभन से मुक्त रहकर अपनी कला में ही निमग्न रहता है। 

COMMENTS

Leave a Reply: 4
  1. रेणु जी का कहानी संग्रह कहा मिलेगा और कितने का तथा कैसे प्राप्त करें बताने का कष्ट करें

    जवाब देंहटाएं
  2. अति सुन्दर कहानी जो मन को भाकर मनः स्थिति को परिवर्तित कर दे 😯👌🙏

    जवाब देंहटाएं
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ हमें उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !
टिप्पणी के सामान्य नियम -
१. अपनी टिप्पणी में सभ्य भाषा का प्रयोग करें .
२. किसी की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी न करें .
३. अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .

You may also like this -

Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका