बिहार के बुनकरों को बाजार की जरूरत

SHARE:

बिहार के बुनकरों को बाजार की जरूरत बुनकरों को तकनीकी योजना और धागा उपलब्ध कराने की योजना भी चलाई जा रही है ताकि इन्हें प्रोत्साहित मिले और उनके उत्पाद

बिहार के बुनकरों को बाजार की ज़रूरत


त्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से हैंडलूम (हस्तकरघा) की अपनी समृद्ध परंपरा और हुनरमंद बुनकरों के हुनर को दुनिया के सामने लाने की अपील की थी. बावजूद इसके आज बिहार के विभिन्न जिलों के बुनकरों की आर्थिक स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है. पहले से उनके पास काम की कमी तो थी ही, पिछले दो सालों में कोरोना के कारण उनके उत्पाद से जुड़े बाजार पर भी गहरा असर पड़ा है. साल में लगने वाले मेले, प्रदर्शनी और विभिन्न जगहों से मिलने वाले ऑर्डर अब ना के बराबर रह जाने से बुनकर अपना जीवन यापन बेहद कठिनाई से कर पा रहे हैं. 

बुनकरों का कहना है कि उनके उत्पादों के लिए एक भी बेहतर प्लेटफॉर्म या बाजार नहीं है, जहां उनके उत्पाद की बिक्री हो सके. उनका मानना है कि सरकार की योजनाएं तो हैं, लेकिन इसका लाभ बहुत कम लोगों को मिल पाता है. सरकार को बुनकरों के लिए मार्केटप्लेस देने की जरूरत है, जिससे वे अपनी कला से जुड़कर आजीविका कमा सकें. सरकार की ओर से उन्हें सतरंगी चादर, स्कूल के पोशाक, हॉस्पिटल के लिए चादर आदि का ऑर्डर अगर मिले तो काफी हद तक बुनकरों के हालात में बदलाव आ सकता है. कुछ प्राइवेट और सरकारी संस्थाओं का गठन किया जाए जिससे बाजार की उम्मीदे, बुनकरों का काम और एक बेहतर प्लेटफॉर्म मिले.
बिहार के बुनकरों को बाजार की जरूरत

पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल स्थित सिंगोड़ी में 15000 बुनकरों का परिवार रहता है. यहां अब भी करीब 5000 बुनकर कार्य कर रहे हैं. जहां पहले 500 लूम चला करते थे, वहीं आज सिर्फ 100 लूम चल रहे हैं. इसका कारण मार्केट का ना होना है. स्थानीय ग्रामीण व प्राथमिक बुनकर सहयोग समिति के अध्यक्ष फैयाज अहमद बताते हैं कि अभी उनके साथ 100 बुनकर कार्य कर रहे हैं. आज से पांच साल पहले सभी की स्थिति काफी बेहतर थी, लेकिन पिछले दो सालों में कोरोना के चलते उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हुई है. बाजार नहीं मिलने की वजह से 30 लाख का सामान बचा हुआ है. सतरंगी चादर और गमछा में कार्य करने वाले बुनकर अब लूम में दिन-रात की जगह कुछ ही घंटों के लिए काम करते हैं. सरकार की ओर से मौखिक तौर पर पर्दों का ऑर्डर मिला था, जिसे बुनकरों ने तैयार किया था लेकिन आज तक इसकी डिलीवरी नहीं हुई. हम चाहते हैं कि सरकार पूंजी से अधिक बाजार उपलब्ध कराए दे.

इस संबंध में नवादा में हैंडलूम सिल्क का काम कर रहे शैलेंद्र कुमार बताते हैं कि यह काम उनके घर में कई पुश्तों से चलता आ रहा है. उनके साथ कोऑपरेटिव सोसाइटी के जरिये नवादा, कादिरगंज और गोपालगंज के रहने वाले गांव के बुनकर शामिल हैं. महिलाएं चरखा पर धागा तैयार करती है जबकि पुरुष बुनाई का काम करते हैं. महिला-पुरुष मिलाकर 800 लोग इसमें काम करते हैं. इससे पहले एग्जीबिशन, सरस मेला, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में लगने वाले नेशनल एग्जीबिशन से बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिलते थे, लेकिन पिछले दो सालों से इस कारोबार पर 40-50 प्रतिशत कमी आयी है. सिल्क महंगा होता है. ऐसे में बुनकरों के लिए बेहतर बाजार ना होने पर इसका असर उनके काम पर भी पड़ा है.

वहीं बिहारशरीफ के रहने वाले कपिल देव प्रसाद बताते हैं कि पिछले 50 सालों से वे बावन बूटी की साड़ी, चादर और इससे जुड़े उत्पाद तैयार कर रहे है. वे बसवन बीघा प्राथमिक बुनकर सहयोग समिति संस्था से जुड़े हुए हैं. बावन बूटी का काम उनके परिवार का पुश्तैनी काम है. दो साल पहले तक कई प्राइवेट संस्था उनके और अन्य बुनकरों द्वारा बनाए गए उत्पादों के लिए बाजार मुहैया करवाता था, लेकिन पिछले दो सालों में इसमें काफी अंतर आया है. बुनकरों की संख्या में लगातार गिरावट आ रहा है. नई पीढ़ी इस काम से जुड़ना नहीं चाहती क्योंकि बाजार की कमी है तो आर्थिक विकास संभव नहीं होता है. कपिल देव के अनुसार सरकार को बुनकरों के विकास के लिए कई कदम उठाने होंगे जिससे उन्हें अधिक से अधिक संख्या में ऑर्डर मिल सके.

भपटिया गांव, सिकटी प्रखंड जिला अररिया के रहने वाले अशोक सिंह बताते हैं कि उनका परिवार जूट से जुड़ा कार्य करता है. लेकिन सभी की तरह उनके पास भी अपने उत्पाद के लिए बाज़ार मुहैया कराने का जरिया नहीं है. गांव के आस-पास रहने वाले लोग और दुकानदार ही इनके उत्पाद को खरीदते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार सभी बुनकरों का एक ऐसा समूह बनाना चाहिए जो उन्हें आज के बाजारीकरण के अनुसार उन्हें अपडेट रखने और सामान तैयार करने में मदद करे ताकि पीढ़ी दर पीढ़ी यह काम चल सके. औरंगाबाद के रहने वाले राज नंदन प्रसाद बताते हैं कि वे पिछले 25 सालों से कालीन का काम कर रहे हैं.

महफिल-ए-कालीन ओबरा प्राथमिक बुनकर सहयोग समिति लिमिटेड नाम की संस्था की स्थापना 1986 में की गयी थी. यहां पर कई बुनकर कालीन बनाने का कार्य करते हैं. राज नंदन बताते हैं कि 1986 में सरकार की ओर से बुनकरों को कालीन बनाने की ट्रेनिंग दी गयी थी. साथ ही सरकारी संस्था का भी गठन किया. लेकिन देख-रेख की कमी से संस्था बंद हो गयी और कई कालीन बुनकर दूसरे राज्यों में जाकर बस गये. उनकी संस्था लगातार इस हस्तकरघा कला को संजोने का काम कर रही हैं. उनके पास ज्यादातर ऑर्डर बिहार, झारखंड और यूपी से आते हैं. उन्होंने कहा कि यह काम मेहनत से भरा होता है. लेकिन बुनकरों को उनके लागत अनुसार मुनाफा ज्यादा नहीं मिल पाता है. ऐसे में बुनकरों को इ मार्केट, इ कॉमर्स और बदलते ट्रेंड के साथ अपडेट करने के लिए सरकार को पहल करनी होगी.

बांका सिल्क प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक उदयन सिंह बताते हैं भागलपुर और बांका में हैंडलूम सिल्क के कारीगरों को बेहतर मार्केट मिल इसके लिए वे लगातार उन्हें नयी तकनीक और बाजार में किस तरह की स्पर्धा है, इससे जुड़ी जानकारियों से अवगत करा रहे हैं. उनके साथ फैशन डिजाइनर भी बुनकरों को फैब्रिक के बारे में समझा कर उस पर काम करने के तरीके बता रहे हैं. बिहार सरकार के साथ वे लगातार एक्सपोर्ट पॉलिसी को लेकर कार्य कर रहे हैं. साथ ही नाबार्ड से भी सहयोग मिले, इसके लिए भी बातचीत जारी है. हाल ही में भागलपुर और बांके बुनकरों का उत्पाद वेंकूवर, टोरंटो एक स्टोर में एक्सपोर्ट किया गया. आने वाले कुछ महीने में नीदरलैंड, दुबई और अन्य राज्यों में उत्पादों को एक्सपोर्ट किया जायेगा. 

रामपुर बोध गया की रहने वाली प्रियंका देवी बताती हैं कि हमारे यहां भेड़ों से निकलने वाले ऊन से कंबल बनाया जाता है. यह हमारा पुश्तैनी काम है. पिछले साल कोरोना और फिर लॉकडाउन के दौरान उस समय जो सामान बीने थे, वह नहीं बिक पाया. जितने लागत से तैयार किया गया उसके आधे दाम पर बेचना पड़ा. खुद की पूंजी लगाने के बाद आर्थिक स्थिति काफी बिगड़ गई थी. सरकार की योजनाओं के बारे में हम जैसी कई महिलाओं को जानकारी नहीं है. फिलहाल हमें कुछ ऑर्डर यहां के लोकल व्यापारियों से मिल रही है लेकिन इससे गुजारा कर पाना आसान नहीं है. वहीं रामपुर की रहने वाली आरती कुमारी बताती हैं कि वे 2019 से गम्छा और चादर बनाने का काम करती थी लेकिन लॉकडाउन में आर्थिक तंगी इतनी ज्यादा हो गयी कि उन्हें अपना यह काम बंद करना पड़ा.

कोरोना काल में बुनकरों को सबसे ज्यादा परेशानी और नुकसान हुआ है और अब फिर से कोरोना का आतंक मंडराने भी लगा है। काम नहीं मिलने से कई बुनकरों ने अपना पुश्तैनी काम छोड़ दिया तो कइयों ने आधे पेट खाकर गुजारा किया. क्योंकि उन्हें लागत से ज्यादा नुकसान होने लगा है. हालांकि सरकार ने अपने स्तर से बुनकरों को पहचान दिलाने का प्रयास किया है. जैसे- प्रदेश के सभी बुनकरों को कार्यशील पूंजी उपलब्ध करायी जा रही है. इसके तहत राज्य सरकार दस हजार रुपये उनके बैंक खाते में जमा कराती है. साथ ही प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ बुनकरों को देने के लिए प्रतिवर्ष किया जाने अंशदान भी राज्य सरकार देती है.

इसके अलावा बुनकरों को तकनीकी योजना और धागा उपलब्ध कराने की योजना भी चलाई जा रही है ताकि इन्हें प्रोत्साहित मिले और उनके उत्पाद को खरीदने की योजना बने जिससे इन्हें घाटा न हो. बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए सरकारी संरक्षण भी दिया जा रहा है. हालांकि बुनकरों को रोजगार के साधन मिलते रहे और उनका काम न रुके इसके लिए सरकार योजनाएं तो चला रही है मगर कोरोना की रफ्तार को देखते हुए भी कुछ विशेष योजनाएं बनाने की ज़रूरत है. (चरखा फीचर)



- जूही स्मिता
पटना, बिहार

COMMENTS

Leave a Reply
नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,37,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,3,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,8,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,4,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,6,कविता,1466,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,32,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,2,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,139,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,2,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,34,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,75,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,5,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,28,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,6,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,39,निर्मल वर्मा,2,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,198,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,138,प्रयोजनमूलक हिंदी,37,प्रेमचंद,45,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,88,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,7,भक्ति साहित्य,143,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,17,भीष्म साहनी,7,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,5,मलिक मुहम्मद जायसी,9,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,2,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,14,मैला आँचल,8,मोहन राकेश,13,यशपाल,14,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,21,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,124,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,7,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,1,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,8,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,56,शैलेश मटियानी,2,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,1,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,32,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,43,समसामयिक हिंदी लेख,260,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,19,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,85,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,11,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,415,हिंदी लेख,527,हिंदी व्यंग्य लेख,13,हिंदी समाचार,179,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,91,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,10,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,19,hindi essay,407,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,105,hindi stories,674,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,44,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,21,kavyagat-visheshta,25,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,10,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,6,sponsored news,10,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,45,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: बिहार के बुनकरों को बाजार की जरूरत
बिहार के बुनकरों को बाजार की जरूरत
बिहार के बुनकरों को बाजार की जरूरत बुनकरों को तकनीकी योजना और धागा उपलब्ध कराने की योजना भी चलाई जा रही है ताकि इन्हें प्रोत्साहित मिले और उनके उत्पाद
https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEireSgKgt5OYbuDsA-vNp3M4l22nPSt3_w1VXGxnz0UcMAafClye7oMjphQyilS7Sk9qe0kW4ClhtazbImqjqvaT_zoSj66_WgVkouGtcf6w60Y745lbgHvfHWst62KOGtvPBbstgkVcgMm6mE4maiSYQ2TtFKQIsumOXw7Waq90EYpsm_z_TkDT0HNjg=s320
https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEireSgKgt5OYbuDsA-vNp3M4l22nPSt3_w1VXGxnz0UcMAafClye7oMjphQyilS7Sk9qe0kW4ClhtazbImqjqvaT_zoSj66_WgVkouGtcf6w60Y745lbgHvfHWst62KOGtvPBbstgkVcgMm6mE4maiSYQ2TtFKQIsumOXw7Waq90EYpsm_z_TkDT0HNjg=s72-c
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2022/01/bihar-bunkar-bazar-jarurat.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2022/01/bihar-bunkar-bazar-jarurat.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका