भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निबंध

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नरेंद्र मोदी पर निबंध


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नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय

नरेन्द्र मोदी का जन्म वडनगर ग्राम (तत्कालीन बॉम्बे राज्य के महेसाना जिला स्थित) में एक मध्यम-वर्गीय परिवार में हुआ था | इनके पिताजी का नाम दामोदरदास मूलचन्द मोदी और माताजी का नाम हीराबेन मोदी था | जब मोदी जी 13 वर्ष के थे, तभी उनकी सगाई जसोदा बेन चमनलाल के साथ हो गई थी | फिर जब वे 17 वर्ष के हुए, तब उनका विवाह सम्पन्न हुआ | मोदी जी के जीवनी-लेखक के अनुसार, "उन दोनों की शादी जरूर हुई परन्तु वे दोनों एक साथ कभी नहीं रहे | शादी के कुछ वर्षों बाद नरेन्द्र मोदी ने घर त्याग दिया और एक प्रकार से उनका वैवाहिक जीवन लगभग समाप्त-सा ही हो गया |"
नरेन्द्र मोदी
नरेन्द्र मोदी

मोदी जी युवावस्था से ही छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल रहे तथा भ्रष्टाचार विरोधी नव-निर्माण आन्दोलन में भी सक्रियता से हिस्सा लिए | तत्पश्चात्, 1980 में उन्होंने आर.एस.एस. के प्रचारक रहते हुए गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त किया | कहीं न कहीं मोदी जी राजनेता के साथ-साथ एक कवि की भूमिका का भी निर्वहन करते रहे | वे गुजरती और हिंदी दोनों भाषाओं में देशभक्ति पर कविताएँ लिखते रहे | उनकी कविता की चंद पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं --- आसमान में सिर उठाकर, घने बादलों को चीरकर, रोशनी का संकल्प लें, अभी तो सूरज उगा है....| दृढ़ निश्चय के साथ चलकर, हर मुश्किल को पार कर, घोर अंधेरे को मिटाने, अभी तो सूरज उगा है....| मोदी जी एक औसत छात्र थे, किन्तु वाद-विवाद, नाटक इत्यादि प्रतियोगिताओं में उन्हें बेहद रूचि थी | वे राजनीतिक विषयों पर नई-नई परियोजनाओं को तार्किक ढंग से सम्पन्न करने में ख़ूब माहिर थे | 


नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में

वर्तमान में नरेन्द्र मोदी भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में सेवारत् हैं | बेशक, प्रधानमंत्री पद की कुर्सी तक का सफ़र आसान न रहा होगा | विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक संगठनों से निरन्तर जुड़े रहने और आर.एस.एस के निष्ठावान प्रचारक के तौर पर काम करने के पश्चात् मोदी जी का राजनीतिक जीवन बहुत फला-फूला | 1985 में वे बीजेपी से जुड़े और 2001 तक पार्टी पदानुक्रम के भीतर कई पदों पर कार्य करते रहे | इसी दौरान एक वक़्त ऐसा भी आया, जब उनकी मेहनत रंग लाई और गुजरात में 1995 के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने बलबूते दो तिहाई बहुमत प्राप्त कर सरकार बनाने में कामयाब हुई | 

तत्पश्चात्, नरेन्द्र मोदी को दिल्ली बुला कर भाजपा में संगठनात्मक दृष्टिकोण से केन्द्रीय मंत्री का दायित्व सौंपा गया | 1995 में ही मोदी जी को पाँच प्रमुख राज्यों में पार्टी संगठन का काम सौंपा गया, जिसे उन्होंने बड़ी सक्रियता से निभाया | इसके बाद 1998  में उन्हें पदोन्नत करके राष्ट्रीय संगठन महामन्त्री की ज़िम्मेदारी सौंपा गया | तत्पश्चात्, अक्टूबर 2001 में भारतीय जनता पार्टी ने केशुभाई पटेल को हटाकर मोदी जी को गुजरात के मुख्यमंत्री (14वें) पद की कमान सौंप दी | वे 2001 से 2014 तक लगातार चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री चुने गए | 



मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता हासिल की | मोदी जी ने स्वयं वाराणसी (उत्तर प्रदेश) और वडोदरा (गुजरात) दोनों जगह से सांसद के तौर पर जीत प्राप्त किया | अंतत: बहुमत दल का नेता होने के नाते भारत के प्रधानमंत्री का ताज उनके सिर सजा और भारत को नरेन्द्र मोदी के रूप में 15वां प्रधानमंत्री मिला | तत्पश्चात्, 2019 में भी वे पुन: भारत के प्रधानमंत्री बने (दूसरा कार्यकाल, जो अब जारी है) | 

नरेंद्र मोदी के कठोर निर्णय 

प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए मोदी जी ने कुछ बड़े और कठोर फैसले भी लिए हैं, जिन फैसलों की वजह से भी वे आलोचकों के निशाने पर निरन्तर रहते हैं | फिर चाहे वो अयोध्या मामला हो, कश्मीर का मुद्दा हो, नोटबंदी का निर्णय हो, तीन तलाक का मुद्दा हो या नागरिकता संशोधन बिल इत्यादि हो |



लोकप्रिय निर्णय 

लेकिन इसके विपरीत मोदी जी की कुछ योजनाएँ ऐसी भी हैं, जो लोगों के द्वारा खूब सराही गईं | जैसे स्वच्छ भारत अभियान, घर-घर तक शौचालयों के निर्माण की योजना को फलीभूत करना, आत्मनिर्भर भारत का नारा देकर स्टार्ट-अप करने के लिए युवाओं अथवा नए उद्दमी को लोन देना, डिजिटल इंडिया, मेक-इन-इंडिया, कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना इत्यादि | 

अत: हम इस निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं कि नरेंद्र मोदी (वर्तमान प्रधानमंत्री) में प्रशासनिक सूझबूझ, स्पष्ट दूरदर्शिता और चरित्र की अखंडता आदि की कुशलता है, जिसके सहारे उन्हें चुनावों में सफलता प्राप्त हुई | 



- मनव्वर अशरफ़ी 

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