बंदर बाँट Bandar Bant NCERT Rimjhim Class 3 Hindi

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बंदर बाँट कहानी का सारांश 

बन्दर बाँट नाटक में हरिवंश राय बच्चन जी ने दो बिल्लियों की आपस में लडाई व बंदर की रोटी खा जाने का वर्णन किया गया है। प्रस्तुत नाटक में काली बिल्ली और सफ़ेद बिल्ली से कहानी की शुरुवात होती है। दोनों बिल्लियाँ एक दूसरे को नमस्ते करती है। वे दोनों ही भूखी रहती है। तभी उन्हें कहीं से रोटी की गंध मिलती है। रोटी मेज पर रखी रहती है ,लेकिन सफ़ेद बिल्ली रोटी लेने से डरती है। इसीलिए काली बिल्ली लपककर रोटी ले लेती है। उसके पीछे सफ़ेद बिल्ली भी भागती है। वह कहती है कि मेरे दिखाने पर ही तुने रोटी उठाई है। काली बिल्ली कहती है कि रोटी पर पहला हक मेरा है क्योंकि मैंने उसे उठाई है। इस प्रकार दोनों बिल्लियाँ झगड़ा करती है। 

बंदर बाँट
बंदर बाँट
इसी बीच नाटक में बन्दर का प्रवेश होता है। वह कहता है कि मैं तुम दोनों का न्याय करूँगा। तुम लोग कचहरी चलो। दूसरे दृश्य में बन्दर की कचहरी लगी हुई है। बन्दर के सामने दोनों बिल्लियाँ फ़रियाद करती हैं। बन्दर सफ़ेद बिल्ली से कहता है कि तुम एक आँख से रोटी देखी थी कि दोनों आँखों से। वह दोनों आँखों से रोटी देखने की बात करती है। वही काली बिल्ली से कहता है कि तुम एक टांग से झपटी थी या दोनों टांगों से। इस प्रकार बन्दर अपना धर्म काँटा निकालता है और रोटी रखता है। वह तराजू के दोनों पलड़ों पर एक एक टुकड़ा काट कर खाता है। जिससे एक पलड़ा हल्का हो जाता है। अतः वह एक एक करके रोटी खाता जाता है। वह कहता है कि यह टुकडे भी कितने खोटें हैं , जो एक दूसरे को छोटा दिखलाने में ही लगे हुए है। बन्दर कहता है कि मैं झगडे की झड़ को ही समाप्त कर देता हूँ और बचा खुचा भी खा लेता हूँ। इस प्रकार ,बंदर सारी रोटी खा लेता है और तराजू लेकर भाग जाता है। दोनों बिल्लियाँ पछताती रह जाती है। 

बंदर बाँट कहानी के प्रश्न उत्तर 



लडाई झगड़ा 

प्र. दोनों बिल्लियों के बीच झगड़े की जड़ क्या थी? उनके झगड़े का हल कैसे निकाला गया?

उ. दोनों बिल्लियों के बीच झगडे की रोटी खाने को लेकर थी। बन्दर ने रोटी खाकर दोनों बिल्लियों के बीच झगड़े को समाप्त कर दिया। 

प्र.  तुम किस-किस के साथ अक्सर झगड़ते हो?  झगड़ते समय तुम क्या-क्या करते हो?जब तुम किसी से झगड़ते हो तो तुम्हारा फ़ैसला कौन करवाता है?

उ.  मैं अक्सर चोकलेट खाने के लिए अपनी छोटी बहन से झगड़ा करता हूँ। मैं झगड़ा करते समय ,उसे तकिया फेंक कर मारता हूँ। झगड़े होने पर मम्मी ,हम दोनों के बीच फैसला करवाती हैं। 

तुम्हे क्या लगता है - 

प्र.  अगर बंदर बीच में नहीं आता तो तुम्हारी राय में रोटी किस बिल्ली को मिलनी चाहिए थी?

उ.  मुझे लगता है कि यदि बन्दर इन दोनों के बीच में नहीं आता तो रोटी काली बिल्ली को ही मिलनी चाहिए थी क्योंकि वह बिना डरे मेज से रोटी उठाकर खाती है। सफ़ेद बिल्ली ,जब कि डरती रहती है। 

प्र. बंदर ने बिल्लियों से यह सवाल क्यों पूछा होगा कि उन्होंने रोटी एक आँख से देखी थी या दोनों आँखों से ? एक टाँग से झपटी थी या दोनों टाँगों से ?

उ.  बन्दर ,दोनों बिल्लियों को मूर्ख  बना रहा था। उसकी नियत सिर्फ रोटी खाने की थी ,इसीलिए वह न्याय करने का दिखावा कर रहा था। 

बन्दर बाँट 

प्र. कहानी का शीर्षक बंदर-बाँट क्यों है?

उ. कहानी का शीर्षक बन्दर बाँट इसीलिए रखा गया क्योंकि बन्दर रोटी के दोनों टुकड़ों को बराबर तराजू के पलड़ों पर रखता है। वह न्याय का दिखावा करने के लिए पलड़ों का एक एक टुकड़ा रोटी रखता है। वह एक एक करके टुकड़ा बाँटते हुए सारी रोटी खा जाता है। 

प्र. तुम नाटक को क्या नाम देना चाहोगी ?

उ.  मैं नाटक का मूर्ख बिल्लियाँ और चलाक बंदर का नाम देना चाहूँगा।  

प्र.  जो शीर्षक तुमने दिया, उसे सोचने का कारण बताओ।

उ. इस शीर्षक को देने का कारण यह है कि बिल्लियाँ अपनी मूर्खता के कारण रोटी गँवा बैठी। यदि वह चाहती तो अपनी समझदारी से आधी आधी रोटी बाँट कर खा जाती। इससे बन्दर को अपना षड्यंत्र करने का मौका नहीं मिलता और दोनों बिल्लियाँ को बाद में पछताना भी नहीं पड़ता।  


वाह ! क्या खुशबू है - 

प्र. बिल्लियों को रोटी की महक आ रही थी।तुम्हें किन-किन चीज़ों के पकने की महक अच्छी लगती है?

उ. मुझे आलू के पराठे ,शिमला मिर्च की सब्जी ,मैगी नूडल्स आदि चीज़ों के पकने की महक अच्छी लगती है। 

प्र.  और किन-किन चीज़ों की महक आती है जो खाने से जुड़ी नहीं हैं। जैसे – साबुन की सुगंध, जूते की पॉलिश की गंध आदि।

उ.  मिटटी के तेल ,पेट्रोल ,फिनायल ,पाउडर ,डेटोल आदि। 


आगे पीछे 

प्र.  मुझे महक रोटी की आती।

इस वाक्य को इस तरह भी लिख सकते हैं – मुझे रोटी की महक आती।
तुम भी इसी तरह नीचे दिए वाक्यों के शब्दों को आगे-पीछे करके लिखो–

उ.  उसी खोज में मैं भी निकली।
मैं भी उसकी खोज में निकली।  

रखी मेज़ पर है वो रोटी।
वो रोटी मेज पर रखी हुई है। 

डरती थी उस तक जाने में।
उस तक जाने में डरती थी। 

मैं ले जाने तुझे न दूँगी।
तुझे मैं ले जाने न दूँगी। 

जो पहले देखे हक उसका है रोटी पर।
रोटी पर हक उसका है जो पहले देखे।  


एक और बटवारा 

प्र.  अगले दिन दोनों बिल्लियों को एक तरबूज़ मिला। दोनों सोचने लगीं, इस तरबूज़ को कैसे बाँटा जाए कि तभी फिर से बंदर आ गया। आगे क्या हुआ होगा ?

उ.  अगले दिन दोनों बिल्लियों को एक तरबूज मिला। दोनों सोचनी लगी कि इस तरबूज को कैसे बांटा जाए कि तभी फिर से बंदर आ गया। इस बार बिल्लियाँ सतर्क हो गयी थी। उन्होंने साफ़ - साफ़ कह  बन्दर से कह दिया कि हम आपके झाँसे में नहीं आने वाली हैं। पिछली बार आपने रोटी को स्वयं खा लिया था ,न्याय करने के नाम पर। हम तरबूज को स्वयं बाँट लेंगी। आम चुपचाप यहाँ से दफा हो जाइए। यह सारी बातें सुनकर बन्दर बहुत लज्जित हुआ। वह वहां से भाग गया। इसके बाद बिल्लियों ने आपसी समझदारी से तरबूज का बँटवारा किया और मजे से तरबूज का आनंद लिया। 



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