जैसा सवाल वैसा जवाब कक्षा 4

SHARE:

जैसा सवाल वैसा जवाब Jaisa Savaal Vaisa Javaab जैसा सवाल वैसा जवाब कक्षा 4 जैसा सवाल वैसा जवाब Jaisa Savaal Vaisa Javaab Class 4 Hindi NCERT CBSE कक्षा 4 हिंदी अध्याय 2 सवाल जवाब NCERT Solutions for Class 4 Hindi Rimjhim for chapter 2 जैसा सवाल वैसा जवाब पाठ के कठिन शब्द जैसा सवाल वैसा जवाब जैसा सवाल वैसा जवाब पाठ 2 हिंदी class 4th full explanation with exercises Jaisa Sawal Waisa Jabab जैसा सवाल वैसा जवाब जैसा सवाल वैसा जवाब (प्रश्न और उत्तर) Class 4 Hindi NCERT CBSE एनसीईआरटी कक्षा 4 हिंदी अध्याय 2 जैसा सवाल वैसा जवाब जैसा सवाल वैसा जवाब पाठ का सारांश जैसा सवाल वैसा जवाब की कहानी जैसा सवाल वैसा जवाब पाठ का सारांश

जैसा सवाल वैसा जवाब Jaisa Savaal Vaisa Javaab


जैसा सवाल वैसा जवाब कक्षा 4 जैसा सवाल वैसा जवाब Jaisa Savaal Vaisa Javaab Class 4 Hindi NCERT CBSE कक्षा 4 हिंदी अध्याय 2 सवाल जवाब NCERT Solutions for Class 4 Hindi Rimjhim for chapter 2 जैसा सवाल वैसा जवाब पाठ के कठिन शब्द  जैसा सवाल वैसा जवाब जैसा सवाल वैसा जवाब पाठ 2 हिंदी class 4th full explanation with exercises Jaisa Sawal Waisa Jabab जैसा सवाल वैसा जवाब  जैसा सवाल वैसा जवाब (प्रश्न और उत्तर) Class 4 Hindi NCERT CBSE एनसीईआरटी कक्षा 4 हिंदी अध्याय 2 जैसा सवाल वैसा जवाब जैसा सवाल वैसा जवाब पाठ का सारांश जैसा सवाल वैसा जवाब की कहानी

जैसा सवाल वैसा जवाब पाठ का सारांश

जैसा सवाल वैसा जवाब पाठ या कहानी में बादशाह अकबर के मंत्री बीरबल की बुद्धिमानी का रोचक दृष्टांत चित्रित किया गया है | इस कहानी के अनुसार, बादशाह अकबर अपने मंत्री बीरबल को बहुत पसंद करते थे | बीरबल की बुद्धि के आगे सबकी बोलती बंद हो जाती थी | इस कारण कुछ दरबारी बीरबल के प्रति ईर्ष्या की भावना रखते थे | वे बीरबल को नीचा दिखाने के तरीके सोचते रहते थे | 

बादशाह अकबर के दरबार में ख्वाजा सरा नाम का एक दरबारी रहता था, जिसे अपनी विद्या और बुद्धि पर बहुत अभिमान था | वह अपने आगे बीरबल को निरा बालक और मूर्ख समझता था | एक दिन ख्वाजा सरा ने बीरबल को मूर्ख साबित करने का निश्चय किया | उसने कुछ कठिन प्रश्नों का संग्रह कर लिया | उसे पूरा विश्वास था कि बीरबल उन प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाएगा | तत्पश्चात् बादशाह अकबर की नज़र में उसकी इज्जत बढ़ जाएगी | 

जैसा सवाल वैसा जवाब
जैसा सवाल वैसा जवाब
ख्वाजा सरा अचकन-पगड़ी पहनकर दाढ़ी सहलाते हुए बादशाह अकबर के पास पहुँचा | उन्हें तीन सवाल देकर कहा कि उनके जवाब बीरबल से पूछे ताकि उसके दिमाग की गहराई का पता चल सके | वह स्वयं को बड़ा बुद्धिमान समझता है | 

ख्वाजा सरा के अनुरोध पर बादशाह अकबर ने बीरबल को बुलाया और कहा कि परम ज्ञानी ख्वाजा साहब तुमसे तीन प्रश्न पूछना चाहते हैं | क्या तुम इनके उत्तर दे सकोगे ? इसपर बीरबल ने कहा --- " जहाँपनाह ! जरूर दूँगा | खुशी से पूछें |" 

बादशाह अकबर ने बीरबल से ख्वाजा का पहला प्रश्न पूछा --- "संसार का केन्द्र कहाँ है ?" बीरबल ने तुरंत जमीन पर अपनी छड़ी गाड़कर उत्तर दिया, “ यही स्थान चारों ओर से दुनिया के बीचों-बीच पड़ता है | यदि ख्वाजा साहब को विश्वास न हो तो वे फीते से सारी दुनिया को नापकर दिखा दें कि मेरी बात गलत है |" 

अकबर ने दूसरा प्रश्न पूछा --- " आकाश में कितने तारे हैं ?"  बीरबल ने एक भेड़ मँगवाकर कहा, " इस भेड़ के शरीर में जितने बाल हैं, उतने ही तारे आकाश में हैं | ख्वाजा साहब को इसमें कुछ संदेह लगता है, तो वे बालों को गिनकर तारों की संख्या से तुलना कर लें |" 

तीसरा सवाल था ---  " संसार की आबादी कितनी है ?" बीरबल ने कहा --- " जहाँपनाह! संसार की आबादी पल भर में घटती-बढ़ती रहती है | क्योंकि हर पल लोगों का मरना-जीना लगा ही रहता है |  इसलिए यदि सभी लोगों को एक जगह इकट्ठा किया जाए तभी उनको गिनकर ठीक-ठीक संख्या बताई जा सकती है |" अकबर तो बीरबल के उत्तरों से संतुष्ट हो गए, पर ख्वाजा साहब बीरबल के उत्तरों से संतुष्ट नहीं हुए | उसने बीरबल से कहा " ऐसे गोलमोल जवाबों से काम नहीं चलेगा जनाब |" तभी बीरबल ने कहा " ऐसे सवालों के ऐसे ही जवाब होते हैं | पहले मेरे जवाबों को गलत साबित कीजिए, तब आगे बढ़िए |" ख्वाजा साहब से आगे कुछ बोलते नहीं बना...|| 

जैसा सवाल वैसा जवाब कहानी का उद्देश्य 


जैसा सवाल वैसा जवाब पाठ या कहानी का उद्देश्य यह है कि स्वयं को अत्यधिक बुद्धिमान समझकर दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करना चाहिए | सदा दूसरों के गुणों का आदर व सम्मान करना चाहिए | 


जैसा सवाल वैसा जवाब के प्रश्न उत्तर Question answer


प्रश्न-1 ख्वाजा सरा के तीनों सवालों का क्या कोई और जवाब हो सकता है ? अपने मन से सोचकर लिखो | 

उत्तर- ख्वाजा सरा के तीनों सवालों का जवाब व्यक्तिगत रूप से भिन्न-भिन्न हो सकता है | यहाँ मैं अपना व्यक्तिगत उत्तर लिख रहा हूँ --- 

प्रथम प्रश्न --- “ संसार का केन्द्र कहाँ है ?” 

प्रथम उत्तर --- " एक पत्थर आसमान की ओर फेंकने पर, वह जहाँ पर गिरेगा वही संसार का केंद्र है |" 

दूसरा प्रश्न --- “ आकाश में कितने तारे हैं ?”

दूसरा उत्तर --- " जितना हमारे शरीर में बाल है, उतना आकाश में तारे हैं |" 

तीसरा प्रश्न ---  “ संसार की आबादी कितनी है ?”

तीसरा उत्तर --- " जितना संसार में पेड़-पौधे हैं |" 


प्रश्न-2 अगर तुम ख्वाजा सरा की जगह पर होते तो बीरबल को हराने के लिए कौन-से सवाल पूछते ?

उत्तर- ( नोट :- इसका जवाब व्यक्तिगत रूप से पृथक-पृथक हो सकता है |) 


प्रश्न-3 ख्वाजा सरा का बस चलता तो वे बीरबल को हिंदुस्तान से निकाल देते | अगर तुम्हारा बस चले तो तुम कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहोगे ?

उत्तर- ( नोट :- इसका जवाब व्यक्तिगत रूप से पृथक-पृथक हो सकता है |) 


प्रश्न-4 नीचे लिखे "चल" शब्द से वाक्य बनाओ | 

(चल, चल-चल, चला, चलें, चलना, चलती, चलो)

उत्तर-  वाक्य निम्नलिखित हैं - 
• चल -       बिना चप्पल का मत चल | 
• चल-चल - ओह ! पैदल चल-चल कर पैरों में छाला पड़ गया है | 
• चला -      मैं तो अब खेलने चला | 
• चलें -       तुम बताओ कहाँ चलें ? 
• चलना -    कल तुम्हें मेरे साथ चलना है | 
• चलती -    जब ट्रेन चलती है, तब ठंडी हवा का एहसास होता है | 
• चलो -      चलो बाहर जाकर देखें, सर्कस वाला आया है | 


प्रश्न-5 नीचे लिखे मुहावरों का इस्तेमाल तुम कब-कब कर सकते हो ? आपस में चर्चा करो | अब इनका वाक्यों में इस्तेमाल करो | 

• नाक-भौंह सिकोड़ना
• कलई खुलना

उत्तर - इन मुहावरों का इस्तेमाल निम्नलिखित प्रकार से हो सकता है --- 

• नाक-भौंह सिकोड़ना - वह मुझे देखते ही नाक- भौंह सिकोड़ने लगता है |

• कलई खुलना - आज घर में सबके सामने उसकी कलई खुल गई | 


प्रश्न-6 किसकी बुद्धि के आगे बड़े-बड़ों की भी कुछ नहीं चल पाती थी ? 

उत्तर- बादशाह अकबर के मंत्री बीरबल की बुद्धि के आगे बड़े-बड़ों की भी कुछ नहीं चल पाती थी | 


प्रश्न-7 कौन बीरबल को मूर्ख साबित करना चाहता था ? 

उत्तर- बादशाह अकबर के दरबारी ख्वाजा सरा बीरबल को मूर्ख साबित करना चाहता था | 


जैसा सवाल वैसा जवाब पाठ के कठिन शब्द


• मुसीबत -                    समस्या, संकट, परेशानी 
• तूती बोलना -               बातों का प्रभाव होना या पड़ना 
• जलते थे -                    ईर्ष्या रखते थे 
• तरीके -                       उपाय 
• अभिमान -                  घमण्ड 
• छक्के छूटना -             दिमाग काम न करना, उपाय न सूझना 
• कलई खुलना -             भेद खुलना 
• अनुरोध -                     विनती, आग्रह, निवेदन, 
• नाक-भौंह सिकोड़ना -  गुस्सा होना या घृणा करना 
• आबादी -                      जनसंख्या | 


COMMENTS

Leave a Reply: 1
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ हमें उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !
टिप्पणी के सामान्य नियम -
१. अपनी टिप्पणी में सभ्य भाषा का प्रयोग करें .
२. किसी की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी न करें .
३. अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .

You may also like this -

Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका