दान का हिसाब हिंदी कहानी

SHARE:

दान का हिसाब हिंदी कहानी दान का हिसाब Daan Ka Hisaab Class 4 Hindi NCERT Solutions for Class 4 Hindi Daan ka hisab दान का हिसाब of Rimjhim book NCERT CBSE दान का हिसाब Daan Ka Hisaab Chapter 7 Class 4 Hindi with Question and Answers NCERT Class 4th दान का हिसाब पाठ 7 हिंदी दान का हिसाब प्रश्न और उत्तर Class 4 Hindi NCERT CBSE Dan Ka Hisab दान का हिसाब Ch 7 दान का हिसाब Daan Ka Hisaab Hindi, Grade 4 Rimjhim, CBSE Easy explanation NCERT Solutions for Class 4 Hindi Daan ka hisab

दान का हिसाब हिंदी कहानी


दान का हिसाब  Daan Ka Hisaab Class 4 Hindi  NCERT Solutions for Class 4 Hindi Daan ka hisab  दान का हिसाब of Rimjhim book NCERT CBSE दान का हिसाब  Daan Ka Hisaab  Chapter 7 Class 4 Hindi with Question and Answers  NCERT Class 4th दान का हिसाब पाठ 7 हिंदी दान का हिसाब प्रश्न और उत्तर Class 4 Hindi NCERT CBSE Dan Ka Hisab  दान का हिसाब Ch 7 दान का हिसाब  Daan Ka Hisaab Hindi, Grade 4 Rimjhim, CBSE Easy explanation NCERT Solutions for Class 4 Hindi Daan ka hisab  


दान का हिसाब कहानी का सारांश

दान का हिसाब पाठ या कहानी में एक कंजूस राजा और दूर दृष्टि रखने वाले संन्यासी का रोचक दृष्टांत का उल्लेख किया गया है | इस कहानी के अनुसार, एक राजा था | वह अपने कपड़ों के ऊपर हजारों रुपये खर्च करते रहते थे | पर जब दान देने का समय आता था, तब उनकी मुट्ठी बंद हो जाती थी | उसके राजसभा में नामी या बड़े लोगों की पूछ-परख होती थी | पर गरीबों, विद्वानों, सज्जनों की कोई पूछ नहीं होती थी | इसलिए ये लोग राज दरबार में नहीं आते थे | 

एक बार उस देश में अकाल पड़ गया | पूर्वी सीमा के लोग भूखे-प्यासे मरने लगे थे | राजा के पास खबर आई | परन्तु राजा यह कहकर मदद करने से इनकार कर दिया कि यह तो भगवान की मार है, इसमें मेरा कोई हाथ नहीं है | 

जब लोगों ने राजा से सहायता की गुहार लगाई तो निर्दयी राजा ने यह कहकर लोगों को निराश किया कि --- " आज तुम लोग आकाल से पीड़ित हो, कल पता चलेगा, कहीं भूकंप आया है | परसों सुनूँगा, कहीं के लोग बड़े गरीब हैं, दो वक़्त की रोटी नहीं जुटती | इस तरह सभी की सहायता करते-करते जब राजभंडार ख़त्म हो जाएगा, तब खुद मैं ही दिवालिया हो जाऊँगा |" राजा की ये बातें सुनकर सभी निराश होकर लौट गए | 

इधर अकाल का प्रकोप फैलता ही जा रहा था | न जाने कितने लोग भूख से मरने लगे थे | लोग फिर राजा के पास पहुंचे | उन्होंने राजसभा में गुहार लगाते हुए सिर्फ दस हजार रुपए की मांग रखी, ताकि आधा पेट खाकर भी जीवित रह सकें | परन्तु, राजा ने उनकी एक नहीं सुनी | जब एक व्यक्ति से रहा नहीं गया, तब वह बोला --- " भगवान की कृपा से लाखों रुपए राजकोष में मौजूद हैं | जैसे धन का सागर हो | उसमें से एक-आध लोटा ले लेने से महाराज का क्या नुकसान हो जाएगा !" तभी राजा ने कहा --- " राजकोष में अधिक धन है तो क्या उसे दोनों हाथों से लुटा दूँ ?" जब दूसरे व्यक्ति ने कहा कि महल में प्रतिदिन हजारों रुपये सुगंधित वस्त्रों, मनोरंजन और महल की सजावट में खर्च होते हैं | यदि इन रुपयों में से ही थोड़ा सा धन जरूरतमंदों को मिल जाए तो उनकी जान बच जाएगी | यह सुनकर राजा को क्रोध आ गया | लोग डरकर वहाँ से चले गए |  

दो दिन बाद एक बूढ़ा संन्यासी राजसभा में आया |  उसने राजा को आशीर्वाद देते हुए कहा --- " दाता कर्ण महाराज ! बड़ी दूर से आपकी प्रसिद्धि सुनकर आया हूँ | संन्यासी की इच्छा भी पूरी कर दें |" अपनी प्रशंसा सुनकर राजा बोला --- " ज़रा पता तो चले तुम्हें क्या चाहिए ? यदि थोड़ा कम मांगो तो शायद मिल भी जाए |" तभी संन्यासी ने कहा कि मैं राजकोष से बीस दिन तक बहुत मामूली भिक्षा प्रतिदिन लेना चाहता हूँ | मेरा भिक्षा लेने का नियम कुछ इस प्रकार है कि मैं पहले दिन जो लेता हूँ, दूसरे दिन उसका दुगुना, फिर तीसरे दिन उसका दुगुना, फिर चौथे दिन तीसरे दिन का दुगुना | इसी तरह से प्रतिदिन दुगुना लेता जाता हूँ | भिक्षा लेने का मेरा यही नियम है | जब राजा ने संन्यासी से पूछा कि यह तो ठीक है, पर पहले दिन कितना लेंगे ? तब संन्यासी ने कहा कि आज मुझे एक रुपया दे दीजिए | फिर बीस दिन तक दुगुने करके देते रहने का हुक्म दे दीजिए | राजा तैयार हो गया | उसने हुक्म दे दिया कि संन्यासी के कहे अनुसार बीस दिन तक राजकोष से उन्हें भिक्षा दी जाती रहे | संन्यासी राजा की जय-जयकार करते हुए घर लौट गए | 

दान का हिसाब हिंदी कहानी
दान का हिसाब हिंदी कहानी
राजा के आदेशानुसार राज भंडारी संन्यासी को भिक्षा देने लगा | ठीक दो सप्ताह तक भिक्षा देने के बाद उसने हिसाब करके देखा कि दान में काफी धन निकलता जा रहा है | वह चिंतित हो उठा | उसने यह बात मंत्री को बताई | मंत्री भी चिंता में पड़ गया | उसने भंडारी से बोला कि यह क्या कर रहे हो ! अभी से इतना धन चला गया है ! तो फिर बीस दिनों के अंत में कितने रुपये होंगे ? उसने भंडारी को तुरंत हिसाब करने का आदेश दिया | भंडारी ने हिसाब करके बताया कि दस लाख अड़तालीस हजार पाँच सौ पिचहत्तर रुपए | भंडारी की बात सुनते ही मंत्री घबरा गया | सभी उन्हें सँभालकर बड़ी मुश्किल से राजा के पास ले गए | 

राजा ने पूछा --- " क्या बात है ?" मंत्री बोले --- " महाराज, संन्यासी को आपने भिक्षा देने का हुक्म दिया है | मगर अब पता चला है कि उन्होंने इस तरह राजकोष से दस लाख रुपए झटकने का उपाय कर लिया है |" मंत्री की बात सुनते ही राजा के होश उड़ गए | राजा के आदेश पर संन्यासी को तुरंत राजसभा में बुलाया गया | 
संन्यासी के आते ही राजा रोते हुए उसके पैरों पर गिर पड़ा और बोलने लगा कि मुझे इस तरह जान-माल से मत मारिए संन्यासी महाराज | अगर आपको बीस दिन तक भिक्षा दी गई तो राजकोष खाली हो जाएगा | फिर राज-काज कैसे चलेगा !   

तभी संन्यासी ने गंभीर होकर कहा --- " इस राज्य में लोग अकाल से मर रहे हैं | मुझे उनके लिए केवल पचास हजार रुपए चाहिए | वह रुपए मिलते ही मैं समझूँगा मुझे मेरी पूरी भिक्षा मिल गई है |" राजा और उसके मंत्री लोग भी रुपए कम करने के लिए संन्यासी के सामने बहुत गिड़गिड़ाए लेकिन संन्यासी अपने वचन पर डटा रहा | अंतत: लाचार होकर राजकोष से पचास हजार रुपए संन्यासी को देने के बाद ही राजा की जान बची | 

तत्पश्चात्, पूरे देश में ख़बर फैल गई कि अकाल के कारण राजकोष से पचास हजार रुपए राहत में दिए गए हैं | सभी ने कहा --- " हमारे महाराज कर्ण जैसे ही दानी हैं...||" 


दान का हिसाब हिंदी कहानी का उद्देश्य 

दान का हिसाब कहानी का उद्देश्य यह है कि हमें एक-दूसरे के प्रति अपनी क्षमतानुसार परोपकार की भावना रखना चाहिए | एक-दूसरे के दुख-सुख में भागीदार बनना चाहिए | 


दान का हिसाब के प्रश्न उत्तर

प्रश्न-1 राजा किसी को भी दान क्यों नहीं देना चाहता था ?

उत्तर- राजा बहुत कंजूस था | उसे लगता था कि दान देने से राजकोष खाली हो जाएगा | इसलिए वह किसी को भी दान नहीं देना चाहता था | 

प्रश्न-2 राजदरबार के लोग मन ही मन राजा को बुरा कहते थे लेकिन राजा का विरोध क्यों नहीं कर पाते थे ?

उत्तर- राजदरबार के लोग मन ही मन राजा को बुरा कहते थे लेकिन राजा का विरोध इसलिए नहीं कर पाते थे, क्योंकि उन्हें राजा के द्वारा दण्डित किए जाने का डर लगा रहता था | राजा अपना नुकसान देखकर क्रोधित भी हो जाता था | 

प्रश्न-3 राजसभा में सज्जन और विद्वान लोग क्यों नहीं जाते थे ?

उत्तर- राजसभा में सज्जन और विद्वान लोग इसलिए नहीं जाते थे, क्योंकि उनका वहाँ आदर-सत्कार नहीं होता था | 

प्रश्न-4 संन्यासी ने सीधे-सीधे शब्दों में भिक्षा क्यों नहीं माँग ली ?

उत्तर- संन्यासी ने सीधे-सीधे शब्दों में भिक्षा इसलिए नहीं माँगी, क्योंकि वह पहले से जानता था कि राजा कंजूस है | वह एक बार में पचास हजार रुपए कभी नहीं देता | 

प्रश्न-5 राजा को संन्यासी के आगे गिड़गिड़ाने की जरूरत क्यों पड़ी ?

उत्तर- यदि संन्यासी की बात पर चलते हुए उसे भिक्षा दी जाती तो निश्चित ही राजकोष खाली हो जाता | अत: राजकोष को बचाने के लिए राजा को संन्यासी के आगे गिड़गिड़ाना पड़ा | 

प्रश्न-6 अकाल के समय लोग राजा से कौन-कौन से काम करवाना चाहते थे ?

उत्तर- अकाल के समय लोग राजा से अकाल पीड़ितों की सहायता करवाना चाहते थे | लोग चाहते थे कि राजा जरूरतमंदों को कम से कम दस हजार रुपये भी दे दे, ताकि वे अपना पेट भर सकें | 

प्रश्न-7 सभी ने कहा, “हमारे महाराज कर्ण जैसे ही दानी हैं |" पता करो कि
(क) कर्ण कौन थे ?
(ख) कर्ण जैसे दानी का क्या मतलब है ?
(ग) दान क्या होता है ?
(घ) किन-किन कारणों से लोग दान करते हैं ?

उत्तर- (क) कर्ण महाभारत के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारियों में से एक थे, जो कुन्ती के पुत्र थे | 

(ख) कर्ण जैसे दानी का मतलब है कि कर्ण के जैसा ही अपना सर्वस्व दान कर देना | 

(ग) जब किसी गरीब की सहायता के लिए अपने पास से धन स्वेच्छा और नि:स्वार्थ भाव से दिया जाता है, तो वह दान कहलाता है | 

(घ) दान करने के कई कारण हो सकते हैं |जैसे कोई परोपकार की भावना से दान करता है |कोई नाम  कमाने के लिए दान करता है | कोई पुण्य के लिए दान करता है | 


दान का हिसाब शब्दार्थ 

• सत्कार -             आदर, सम्मान, ख़ातिरदारी 
• अकाल -             भुखमरी, दुर्भिक्ष, 
• लकदक -            कीमती, मंहगा, चमक-दमक वाला 
• वक्त -                 समय, काल 
• नामी लोग -          प्रसिद्ध लोग
• खबर -               समाचार 
• बकवास -            फालतू बात करना 
• दिवालिया -          जो अपना सारा धन गंवा दिया हो 
• प्रकोप -              अत्यधिक क्रोध 
• गुहार लगाई -        आवाज़ लगाई, प्रार्थना की 
• रकम -                रुपया-पैसा
• लोभी -                लालची
• हुक्म -                आदेश, आज्ञा 
• मुक्त कर दीजिए -   स्वतंत्र कर दीजिए
• लाचार होकर -      मज़बूर होकर, विवश होकर 
• तरीका -               ढंग | 

COMMENTS

Leave a Reply
नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,35,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",6,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,3,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,7,आषाढ़ का एक दिन,17,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,2,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,15,कमलेश्वर,6,कविता,1413,कहानी लेखन हिंदी,13,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,5,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,4,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,2,केदारनाथ अग्रवाल,3,केशवदास,4,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,138,गजानन माधव "मुक्तिबोध",14,गीतांजलि,1,गोदान,6,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,2,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,2,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,30,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,73,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,5,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,25,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,3,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,6,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,23,नाटक,1,निराला,35,निर्मल वर्मा,2,निर्मला,38,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,174,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,133,प्रयोजनमूलक हिंदी,24,प्रेमचंद,40,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,86,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,5,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,7,भक्ति साहित्य,138,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,13,भीष्म साहनी,7,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,5,मलिक मुहम्मद जायसी,4,महादेवी वर्मा,19,महावीरप्रसाद द्विवेदी,2,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,11,मैला आँचल,4,मोहन राकेश,12,यशपाल,14,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,20,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,2,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,8,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,2,लघु कथा,118,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,33,विद्यापति,6,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,1,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,7,शमशेर बहादुर सिंह,5,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,5,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,53,शैलेश मटियानी,2,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,1,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,28,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,39,समसामयिक हिंदी लेख,222,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,17,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,70,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",9,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,20,सूरदास,15,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,10,हजारी प्रसाद द्विवेदी,2,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,353,हिंदी लेख,504,हिंदी व्यंग्य लेख,4,हिंदी समाचार,164,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,86,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,6,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,18,hindi essay,345,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,102,hindi stories,656,hindi-gadya-sahitya,7,hindi-kavita-ki-vyakhya,15,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,14,kavyagat-visheshta,22,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,10,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,Rimjhim Class 3,14,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,sponsored news,10,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,41,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: दान का हिसाब हिंदी कहानी
दान का हिसाब हिंदी कहानी
दान का हिसाब हिंदी कहानी दान का हिसाब Daan Ka Hisaab Class 4 Hindi NCERT Solutions for Class 4 Hindi Daan ka hisab दान का हिसाब of Rimjhim book NCERT CBSE दान का हिसाब Daan Ka Hisaab Chapter 7 Class 4 Hindi with Question and Answers NCERT Class 4th दान का हिसाब पाठ 7 हिंदी दान का हिसाब प्रश्न और उत्तर Class 4 Hindi NCERT CBSE Dan Ka Hisab दान का हिसाब Ch 7 दान का हिसाब Daan Ka Hisaab Hindi, Grade 4 Rimjhim, CBSE Easy explanation NCERT Solutions for Class 4 Hindi Daan ka hisab
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjKqgLbW1Rmp3IH7s1vTAtO1gBPZwkBTU0xO93hUOVkOcQdYLNC8D7YsFZlOVXnZ40B-EP_ZaQSC-upLyrIP6j6VlcHdEk2fpCzYN7K165d2pMarXiVloG-he7eT6rMisF2OGw-4KQpu75r/s320/%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8+%25E0%25A4%2595%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25AC+%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%25A6%25E0%25A5%2580+%25E0%25A4%2595%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%2580.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjKqgLbW1Rmp3IH7s1vTAtO1gBPZwkBTU0xO93hUOVkOcQdYLNC8D7YsFZlOVXnZ40B-EP_ZaQSC-upLyrIP6j6VlcHdEk2fpCzYN7K165d2pMarXiVloG-he7eT6rMisF2OGw-4KQpu75r/s72-c/%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8+%25E0%25A4%2595%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25AC+%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%25A6%25E0%25A5%2580+%25E0%25A4%2595%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%2580.jpg
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2020/07/daan-ka-hisab.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2020/07/daan-ka-hisab.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका