खिलौनेवाला कविता सुभद्रा कुमारी चौहान

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खिलौनेवाला कविता सुभद्रा कुमारी चौहान 

खिलौनेवाला सुभद्राकुमारी चौहान खिलौनेवाला कविता हिंदी में khilonewala poem in hindi khilonewala class 5 hindi question answer खिलौनेवाला कविता का अर्थ रिमझिम कक्षा 5 के प्रश्न उत्तर कक्षा 5 हिंदी रिमझिम के लिए एनसीईआरटी समाधान खिलौना कविता का भावार्थ खिलौने वाला रिमझिम क्लास 5 khilona poem summary in hindi खिलौनेवाला Summary Class 5 Hindi. खिलौनेवाला कविता का सारांश खिलौनेवाला कविता प्रश्न उत्तर khilonewala poem class 5th 




खिलौनेवाला कविता का भावार्थ कविता की व्याख्या


1. " वह देखो माँ आज
      खिलौनेवाला फिर से आया है | 
      कई तरह के सुंदर-सुंदर
      नए खिलौने लाया है |
      हरा-हरा तोता पिंजड़े में
      गेंद एक पैसे वाली
      छोटी-सी मोटर गाड़ी है 
      सर-सर-सर चलने वाली |" 

व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान के द्वारा रचित कविता "खिलौनेवाला" से ली गई हैं | इन पंक्तियों के माध्यम से कवयित्री बताना चाहती हैं कि एक बालक खिलौनेवाला को देखकर बेहद उत्साहित है और अपनी माँ से कहता है कि आज फिर खिलौनेवाला तरह-तरह के खिलौने लेकर आया है |उसके पास पिंजड़े में बंद हरा-हरा तोता है | उसके पास एक पैसे वाली छोटी-सी मोटर गाड़ी है | यह मोटर गाड़ी सर-सर-सर करके चलती जाती है | 


2. " सीटी भी है कई तरह की
      कई तरह के सुंदर खेल
      चाभी भर देने से भक-भक
      करती चलने वाली रेल | 
      गुड़िया भी है बहुत भली-सी
      पहिने कानों में बाली
      छोटा-सा  ‘टी सेट’  है | 
      छोटे-छोटे हैं लोटा-थाली |"

व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान के द्वारा रचित कविता "खिलौनेवाला" से ली गई हैं | इन पंक्तियों के माध्यम से कवयित्री बताना चाहती हैं कि एक बालक खिलौनेवाला को देखकर बेहद उत्साहित है और अपनी माँ से कहता है कि आज फिर खिलौनेवाला सुन्दर-सुन्दर खिलौने लेकर आया है |  उसके पास कई तरह की सीटियाँ हैं, चाभी भर देने मात्र से भक-भक की आवाज़ से चलने वाली सुन्दर रेल है | जो गुड़िया उसके पास है वह कानों में बाली पहने हुए है |  खिलौनेवाला छोटा सा ‘टी-सेट’ और छोटा-छोटा लोटा-थाली भी रखा हुआ है | 
खिलौनेवाला कविता
खिलौनेवाला कविता


3. " छोटे-छोटे धनुष-बाण हैं | 
      हैं छोटी-छोटी तलवार
      नए खिलौने ले लो भैया
      ज़ोर ज़ोर वह रहा पुकार | 
      मुन्नू ने गुड़िया ले ली है | 
      मोहन ने मोटर गाड़ी
      मचल-मचल सरला कहती है | 
      माँ से लेने को साड़ी
      कभी खिलौनेवाला भी माँ
      क्या साड़ी ले आता है | 
      साड़ी तो वह कपड़े वाला
      कभी-कभी दे जाता है |"

व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान के द्वारा रचित कविता "खिलौनेवाला" से ली गई हैं | इन पंक्तियों के माध्यम से कवयित्री बताना चाहती हैं कि एक बालक खिलौनेवाला को देखकर बेहद उत्साहित है और अपनी माँ से कहता है कि आज फिर खिलौनेवाला तरह-तरह के खिलौने लेकर आया है |  खिलौनेवाला ज़ोर-ज़ोर से बोल रहा है कि उसके पास नए-नए खिलौने हैं | उसके पास छोटे-छोटे धनुष-बाण और तलवार भी है | मुन्नू ने गुड़िया खरीदी है और मोहन ने मोटरगाड़ी | सरला अपनी माँ से साड़ी ख़रीदने की जिद्द मचा रही है | इस पर बालक अपनी माँ से कहता है कि क्या कभी खिलौनेवाला साड़ियाँ भी लाता है ? साड़ियाँ तो कपड़े बेचनेवाले रखते हैं, जो कभी-कभी आते हैं | 


4. " अम्मा तुमने तो लाकर के
      मुझे दे दिए पैसे चार
      कौन खिलौना लेता हूँ मैं
      तुम भी मन में करो विचार | 
      तुम सोचोगी मैं ले लूंगा | 
      तोता, बिल्ली, मोटर, रेल
      पर माँ, यह मैं कभी न लूंगा
      ये तो हैं बच्चों के खेल | 
      मैं तलवार खरीदूंगा माँ
      या मैं नँगा तीर-कमान
      जंगल में जा, किसी ताड़का
      को मारूंगा राम समान |"

व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान के द्वारा रचित कविता "खिलौनेवाला" से ली गई हैं | इन पंक्तियों के माध्यम से कवयित्री बताना चाहती हैं कि एक बालक खिलौनेवाला को देखकर बेहद उत्साहित है और अपनी माँ से कहता है कि खिलौनेवाले के आने पर तुमने मुझे चार पैसे दे दिए | अब वह विचार कर रहा है कि उसे कौन-सा खिलौना खरीदना चाहिए | वह माँ से कहता है कि वह भी इस बारे में विचार करे | बालक पुनः माँ से कहता है कि तुम सोचती हो कि तुम्हारा बेटा अन्य बच्चों की तरह तोता, बिल्ली, मोटर या रेलगाड़ी खरीदेगा तो गलत सोचती हो | तुम्हारा बेटा इन खिलौनों को कभी नहीं लेगा माँ | ये खिलौने तो बच्चों के हैं | मैं तो तलवार या तीर-कमान खरीदूँगा और जंगल में जाकर राम की तरह किसी ताड़का को मार गिराऊँगा | 


5. " तपसी यज्ञ करेंगे, असुरों-
      को मैं मार भगाऊँगा
      यों ही कुछ दिन करते-करते
      रामचंद्र बन जाऊँगा | 
      यहीं रहूँगा कौशल्या मैं
      तुमको यहीं बनाऊँगा | 
      तुम कह दोगी वन जाने को
      हँसते-हँसते जाऊँगा | 
      पर माँ, बिना तुम्हारे वन में
      मैं कैसे रह पाऊँगा | 
      दिन भर घूमूंगा जंगल में
      लौट कहाँ पर आऊँगा।
      किससे लूँगा पैसे, रूठूँगा 
      तो कौन मना लेगा
      कौन प्यार से बिठा गोद में
      मनचाही चीजें देगा |"

व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान के द्वारा रचित कविता "खिलौनेवाला" से ली गई हैं | इन पंक्तियों के माध्यम से कवयित्री बताना चाहती हैं कि एक बालक खिलौनेवाला को देखकर बेहद उत्साहित है और अपनी माँ से कहता है कि तपस्वी साधु यज्ञ करेंगे और मैं असुरों को जंगल से मार भगाऊँगा ताकि तपस्वीगण शांतिपूर्वक यज्ञ कर सकें | इस प्रकार से वह एक दिन रामचन्द्र बन जाएगा और उसकी माँ कौशल्या बन जाएगी | अगर उसकी माँ उसे वन जाने का आदेश देगी तो वह खुशी-खुशी वन भी चला जाएगा | लेकिन बालक शीघ्र ही दुखी हो जाता है और अपनी माँ से कहता है कि वह जंगल में उसके बिना अकेले कैसे रह पाएगा ? जंगल में वह किससे पैसे माँगेगा ? रूठेगा तो कौन उसे मनाएगा और कौन उसे गोद में बिठाकर मनचाही चीजें देगा ?

खिलौनेवाला कविता का सारांश

  
कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान के द्वारा रचित इस कविता में एक बालक की मासूमियत और बहादुरी भरे जज़्बात को वर्णित किया गया है | खिलौने वाले के आगमन से बालक उत्साहित है | वह अपनी माँ को संबोधित करते हुए कह रहा है कि आज फिर खिलौनेवाला तरह-तरह के खिलौने लेकर आया है | उसके पास पिंजड़े में हरा-हरा तोता है, एक पैसे वाली गेंद है, छोटी सी मोटरगाड़ी है, सुन्दर सी गुड़िया भी है, जो कानों में बाली पहनी है | रेलगाड़ी चाभी भर देने से भक-भक चलने लगती है | खिलौनेवाले के पास छोटा सा टी-सेट और छोटा सा लोटा-थाली भी है | उसके पास छोटे-छोटे धनुष-बाण भी हैं और छोटे-छोटे तलवार भी हैं | वह बार-बार चिल्ला रहा है कि नए-नए खिलौने हैं, ले लो भइया | 

बालक माँ से कहता है, मुन्नू ने गुड़िया ख़रीद ली है और मोहन ने मोटरगाड़ी ले ली | सरला अपनी माँ से साड़ी लेने को कह रही है | मुझे भी माँ से चार पैसे मिले हैं | लेकिन मैं अन्य बच्चों की तरह तोता, बिल्ली, मोटरगाड़ी आदि नहीं खरीदूंगा | मैं तो तलवार या तीर-कमान खरीदूंगा | फिर मैं जंगल में जाकर राम की तरह किसी ताड़का (एक राक्षसी, जिसे विश्वामित्र की आज्ञा से श्रीरामचंद्र ने मारा था |) को मार गिराऊँगा | मैं राम बनूंगा और माँ को कौशल्या बनाऊँगा | 

एक पल बालक माँ से कहता है कि उसके आदेश पर वह हँसते-हँसते वन को चला जाएगा | लेकिन दूसरे ही पल बालक तुरंत चिंतित हो उठता है | वह कहता है कि हे माँ, मैं तुम्हारे बिना जंगल में कैसे रह पाऊँगा ? वहाँ पर किससे रूठूँगा और कौन मुझे मनाएगा ? और प्यार से गोद में बिठाकर कौन मुझे मनचाही चीजें देगा...?  

खिलौनेवाला कविता शब्दार्थ 

• पिंजड़ा -   पक्षियों को बंद करके रखने हेतु धातु या  बांस आदि की तीलियों से निर्मित बक्सा 
• पुकार -    किसी को आवाज़ लगाने की क्रिया 
• अम्मा -     माँ 
• ताड़का -   एक राक्षसी, जिसे विश्वामित्र की आज्ञा  से श्रीरामचंद्र ने मारा था 
• तपसी -     तपस्या करने वाले साधु या संत 
• यज्ञ -        हवन पूजन युक्त एक वैदिक कृत्य, धार्मिक कृत्य 
• असुर -      दैत्य, दानव, असभ्य व्यक्ति 
• रामचंद्र -    भगवान राम को संबोधित शब्द 
• कौशल्या -  भगवान राम की माता का नाम 

khilonewala poem question answer खिलौनेवाला कविता प्रश्न उत्तर 


प्रश्न-1 तुमने रामलीला के ज़रिए या फिर किसी कहानी के ज़रिए रामचंद्र के बारे में जाना-समझा होगा | तुम्हें उनकी कौन-सी बातें अच्छी लगीं ? 

उत्तर- आस्था के दृष्टिकोण से रामचन्द्र को पूर्ण रूप से "मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम" के तौर पर जाना और माना जाता है | रामचंद्र की निम्नलिखित बातें अच्छी लगी  - 

रामचंद्र एक आज्ञाकारी और आदर्शवादी पुत्र ही नहीं थे बल्कि सदैव सत्य और धर्म के मार्ग पर भी चलते थे | वे अपने वचन के पक्के थे | वीर और साहसी पुरूष थे | 


प्रश्न-2 इस कविता में तीन नाम– राम, कौशल्या और ताड़का आए हैं | 

(क)- ये तीनों नाम किस प्रसिद्ध कथा के पात्र हैं ?

(ख)- यहीं रहूँगा कौशल्या मैं तुमको यहीं बनाऊँगा | इन पंक्तियों का कथा से क्या संबंध है ?

(ग)- इस कथा के कुछ संदर्भों की बात कविता में हुई है | अपने आस-पास पूछकर इनका पता लगाओ | 

• तपसी यज्ञ करेंगे, असुरों को मैं मार भगाऊँगा | 

• तुम कह दोगी वन जाने को हँसते-हँसते जाऊँगा | 


उत्तर (क)- राम, कौशल्या और ताड़का ये तीनों पात्र “रामायण” के हैं | रामायण को रामचरितमानस के नाम से भी जाना जाता है, जिसके रचयिता तुलसीदास जी हैं | 

उत्तर (ख)- प्रस्तुत कविता में बालक अपनी माँ के पास रहना चाहता है | वह अपनी माँ को कौशल्या और स्वयं को रामचंद्र मानता है | भगवान रामचंद्र चौदह वर्षों के लिए अपनी माँ से दूर हो गए थे | परंतु बच्चा अपनी माँ से दूर नहीं जाना चाहता है | वह कौशल्या के साथ ही रहना चाहता है | 

उत्तर (ग) -  • भगवान रामचंद्र ने ऋषि मुनियों की तपस्या सफल बनाने के लिए राक्षसों अर्थात् असुरों का वध किए  थे | 

• भगवान रामचंद्र अपनी माता को सम्बोधित करते हुए कहते हैं कि अगर तुम कह दोगी तो तुम्हारी खुशी के लिए मैं चौदह वर्षों के लिए वन चला जाऊँगा | मान्यतानुसार श्री रामचंद्र चौदह वर्षों के लिए वनवास भी गए थे | 





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