वक्त के साथ हिन्दी मीडिया का बदलता अंदाज

SHARE:

वक्त के साथ हिन्दी मीडिया का बदलता अंदाज नित नव रूप में हिन्दी मीडिया ने लंबा सफर तय किया है। मीडिया के साथ हिन्दी ने भी संचार किया है। माध्यम बदले हैं तो हिन्दी ने भी अपने तेवर बदले हैं। गांधी की दुनिया से लेकर ग्लोबल दुनिया तक जो कुछ बदला है लगभग उसी तरह के परिवर्तन हिन्दी मीडिया में भी दिखाई पड़ते हैं। आज हिन्दी मीडिया की दो स्थितियां सामने हैं: एक पुरातन पंथी और दूसरी नवाचारी।

वक्त के साथ हिन्दी मीडिया का बदलता अंदाज


नित नव रूप में हिन्दी मीडिया ने लंबा सफर तय किया है। मीडिया के साथ हिन्दी ने भी संचार किया है। माध्यम बदले हैं तो हिन्दी ने भी अपने तेवर बदले हैं। गांधी की दुनिया से लेकर ग्लोबल दुनिया तक जो कुछ बदला है लगभग उसी तरह के परिवर्तन हिन्दी मीडिया में भी दिखाई पड़ते हैं। आज हिन्दी मीडिया की दो स्थितियां सामने हैं: एक पुरातन पंथी और दूसरी नवाचारी। एक ओर अपने ही बाबुल की परम्पराओं और रूढि़यों में लिपटी दीन-हीन, वहीं दूसरी ओर, नवाचारी परिसर में चहक-महक रही है जिसकी कूक और खुशबू से पूरी दुनिया गंुजायमान है। बिंदी लगाकर हिन्दी जब चांदनी के साथ फेसबुक पर उतरती है तो गागर में सागर कहावत चरितार्थ होती है। ट्वीटर पर स्वीट हिन्दी के पैर थिरकते हैं तो यूजर्स इसके मोहपाश में बंधे रह जाते हैं। गूगल के साथ ग्लोबल हो चुकी इस नवाचारी हिन्दी में कुछ अंग्रेजी है, कुछ उर्दू, कुछ पंजाबी, कुछ बंगला, कुछ भोजपुरी आदि भाषाओं का काकटेल है। वक्त के साथ कदमताल करने वाली आज की हिन्दी कम्प्यूटर सैवी जरूर है परन्तु इसमें अपनी माटी की सोंधी सुगंध बरकरार है।
हिन्दी मीडिया
हिन्दी मीडिया
भारत बहुसंस्कृति के साथ-साथ भाषा वैविध्य का भी देश है जहां कोस-कोस पर बदले पानी, चार कोस पर बानी कहावत चरितार्थ होती है। भाषा ही संस्कृति, समाज और जीवन को अभिव्यक्ति प्रदान करती है। भाषा ही अतीत और वर्तमान के मध्य सेतु का कार्य करती है और भविष्य के लिए मार्ग प्रशस्त करती है। भाषा ही नर और वानर का विभेद करती है। जनमाध्यमों में भाषा की अपनी भूमिका होती है। यहां तक कि दृश्य माध्यमों में भी भाषा के बिना दृश्यों को समझना मुश्किल हो जाता है चाहे मुद्रित माध्यम हो या श्रव्य माध्यम, भाषा के प्रयोग में अत्यधिक सावधानी और कुशलता की जरूरत होती है।
जनमाध्यमों में जो भाषा प्रयुक्त होती है उसे व्यापक जनसमुदाय पढ़ता है। हिन्दी भारत की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह देश की संपर्क भाषा है। हिन्दी को भाषा के तौर पर देखा जाय तो दुनिया की जबानों की सूची में इसका नंबर छठा है। जनमाध्यमों की वजह से इसका प्रसार क्षेत्र सारे भारत में है। इसे वे लोग भी सुनते हैं और बोलते हैं जिनकी हिन्दी मातृभाषा नहीं हैं।
हिन्दी मीडिया चाहे वो प्रिन्ट हो या इलेक्ट्रानिक, इसी खुली, उदार और समावेशी चरित्र वाली हिन्दी के साथ विकसित हुई है। भारत में मीडिया के विशाल साम्राज्य को खड़ा करने में हिन्दी ने महती भूमिका निभायी है लेकिन इन्हीं भारतीय जनमाध्यमों को लेकर कुछ विद्वजन सशंकित हैं। उनकी मानें तो भारत में उदारीकरण के बाद भारतीय जनमाध्यम और पूर्ववर्ती भारतीय जनमाध्यम में जमीन आसमान का अंतर है। दूसरे शब्दों में कहें तो वर्ष 1990 के दशक को संधिकाल मान सकते हैं जहां से हिंदी जनमाध्यम में विभाजन स्पष्टतः दृष्टिगोचर होता है। यही वो वक्त है जब से मीडिया हो या फिल्में, परिवर्तनकारी लक्षण परिलक्षित होने लगे। इलेक्ट्रानिक मीडिया विशेषतः टीवी न्यूज की भाषा में युगान्तरकारी परिवर्तन तब आया जब आजतक न्यूज कार्यक्रम की कमान सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने संभाली। भारतीय टीवी न्यूज चैनल की भाषा के जनक सुरेंद्र प्रताप सिंह ही थे। उन्होंने टीवी न्यूज को प्रतिस्पर्धात्मक बनाया। समाचार सामग्री के साथ उसके प्रस्तुति पर भी जोर दिया जाने लगा।
भारतीय शहरी मध्य वर्ग हिन्दी के अतिरिक्त अंग्रेजी अच्छी तरह से बोलता है, लिखता और समझता नहीं है लेकिन अंग्रेजी इसकी वर्गीय उध्र्व गतिशीलता को सहलाती है। इस वर्ग में अपनी पहुंच और प्रभाव का दायरा बढ़ाकर विज्ञापनों की आय में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए हिन्दी मीडिया ने नगर आधारित न्यूज बुलेटिन शुरू किए हैं और नीति के तहत इनकी भाषा अंग्रेजी मिश्रित हिन्दी यानी हिंग्लिश रखी गई है। सिटी न्यूज, सिटी बुलेटिन, सिटी टाइम्स आदि नामों से प्रकाशित/प्रसारित होने वाले इन समाचारों में एंटरटेनमेंट, एजुकेशन, फैशन, फूड, लाइफ स्टाइल, सेलीब्रिटीज आदि से संबंधित सामग्री ऐसी भाषा में परोसी जा रही है जिसमें हिन्दी के वाक्य गठन में अधिसंख्य शब्द अंग्रेजी के हैं। कोविड काल में भी यह देखने को मिल रहा है कि हिन्दी ने कैसे सोशल डिस्टेसिंग, सैनेटाइजर, क्वेरेन्टाइन, आइसोलेशन आदि शब्दों को ज्यों का अपना लिया है।
हिन्दी और अंग्रेजी के मिश्रण से तैयार भाषा ‘हिंग्लिश’ आज सर्वाधिक प्रचलन में है। आम लोगों की भाषा होने की वजह से इस हिंग्लिश को धीरे-धीरे चैनल, अखबार और पत्रिकाएँ भी अपना रही हैं। हाल ही में एक ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि गैर हिन्दी भाषी नेता-अभिनेता भी हिन्दी में बोल रहे हैं और बतिया रहे हैं। फेहरिस्त लंबी है, बात वोटों की हो या टीआरपी की, जनता को खुद से जोड़ना हो तो मजबूरी में ही सही भाषा अब उसी की बोली जाए, यह कायदा पक्ष-प्रतिपक्ष को समझ में आने लगा है। 

हिन्दी की क्षमता और प्रभाव में बढ़ोत्तरी गैर-सरकारी क्षेत्र, खासकर मुक्त-बाजार और सूचना प्रसार प्रौद्योगिकी की वजह से है, सरकारी उपक्रमों की वजह से नहीं। बाजार और तकनीक वे बिन्दु हैं जिन पर हिन्दी-कर्मियों को चिंतन करना चाहिए। वह भाषा समृद्ध नहीं हो सकती जो अन्य भाषा  के शब्दों को आत्मसात करने का साहस नहीं रखती। यह गंगाजमुनी संस्कृति ही इसे इतना मोहक व इतना दिलकश बनाती है। 
जन माध्यमों के प्रिंट से इलेक्ट्रानिक-आनलाइन, प्रसारण के श्वेत-श्याम से रंगीन और फिर एनालाग से डिजिटल तकनीक के साथ साथ जनमाध्यमों पर अर्थव्यवस्था का भी प्रभाव पड़ा क्योंकि अर्थ का ही अर्थ है बाकी सब व्यर्थ है। फिर वैश्वीकरण के भूचाल से मीडिया की दुनिया कैसे बची रहती। भारत में वैश्वीकरण के आगमन के साथ सूचना-माध्यमों का भी कलेवर बदला है। हिंदी मीडिया की संस्कृति में आमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिला है। वैश्वीकरण के दौर में ही जनमाध्यमों ने चोला ही नहीं बदला अपितु विदेशी जमीन पर भी अपनी पैठ बनाई है। वैश्वीकरण से जहां हिन्दी जनमाध्यमों की कमाई और पैठ बढ़ रही है वहीं हिन्दी भाषा का प्रसार भी तेजी से हो रहा है। 
ऐसे वक्त में जब हिन्दी मीडिया तेजी से कदम पूरे संसार में पसार रही है तो भाषा को लेकर गंभीर होने की जरूरत है। हिन्दी मीडिया की संख्या में भारी इजाफा हुआ है परन्तु अधिकता हमेशा गुणवत्ता नहीं लाती है। हिन्दी न्यूज चैनलों पर खबरों को सनसनीखेज बनाने, बढ़ा-चढ़ाकर बात कहने के तरीके और खबरों के स्तर को गम्भीर रूप से गिराने के आरोपण हैं। टेलीविजन न्यूज मीडिया में लोगों का भरोसा फिर से कैसे बहाल किया जाए, इसके लिए सही भाषा की समझ जरूरी है। चाहे वो बोल्ड हेडलाइन हो, ब्रेकिंग न्यूज हो या न्यूज फ्लैश। जरूरी है कि उसकी भाषा तसवीरों के अनुकूल और बारीक छान-बीन के बाद उसे तथ्यों के अनुरूप ही लिखा जाए। भाषा एक दोधारी तलवार की तरह है। इसका प्रयोग सम्पर्क बनाने में किया जा सकता है और उलझाने में भी।

वेब और सोशल मीडिया पर हिन्दी की फसल खूब लहलहा रही है। यूनिकोड ने तो इंटरनेट पर हिन्दी के भाग्य को एक दिशा और गति सी दी है। नेट पर आज हिन्दी सामग्री का भंडार है। आज का जो सीन बना है, उसे देखकर यही लगता है कि आने वाले समय में इंटरनेट पर हिन्दी का बोलबाला और भी बढ़ने वाला है।भाषा की काॅकटेल परोसने के पीछे प्रमुख वजह यह भी है कि मीडिया एक ऐसी विधा है जो क्लाॅस के लिए न होकर माॅस के लिए होती है। पाठको/श्रोताओ/दर्शकों की रेंज भी विविधतापूर्ण है; चाहे वह ग्रामीण या नगरीय हो या उच्च वेतनभोगी या अल्प, भारतीय या विदेशी आदि। आज वह भाषा सबसे समृद्ध भाषा नहीं है जिसका इतिहास, साहित्य और संस्कृति समृद्ध है बल्कि वह भाषा सबसे समृद्ध है जो वर्तमान परिवेश में अधिक अनुकूल और उपयोग में लाई जाती है।




- डा0 राजेश सिंह कुशवाहा
सहायक आचार्य
जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग
डा0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय
अयोध्या, उ0प्र0।
मोबाइल नं0.9415862377 
email id: manurajchandra@gmail.com


COMMENTS

Leave a Reply: 1
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ हमें उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !
टिप्पणी के सामान्य नियम -
१. अपनी टिप्पणी में सभ्य भाषा का प्रयोग करें .
२. किसी की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी न करें .
३. अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .

नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,35,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",6,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,3,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,7,आषाढ़ का एक दिन,17,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,2,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,15,कमलेश्वर,6,कविता,1412,कहानी लेखन हिंदी,13,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,5,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,4,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,2,केदारनाथ अग्रवाल,3,केशवदास,4,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,138,गजानन माधव "मुक्तिबोध",14,गीतांजलि,1,गोदान,6,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,2,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,2,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,30,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,72,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,5,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,25,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,3,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,6,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,23,नाटक,1,निराला,35,निर्मल वर्मा,2,निर्मला,38,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,174,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,133,प्रयोजनमूलक हिंदी,24,प्रेमचंद,40,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,86,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,5,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,7,भक्ति साहित्य,138,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,13,भीष्म साहनी,7,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,5,मलिक मुहम्मद जायसी,4,महादेवी वर्मा,19,महावीरप्रसाद द्विवेदी,2,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,11,मैला आँचल,4,मोहन राकेश,11,यशपाल,14,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,5,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,20,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,2,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,8,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,2,लघु कथा,118,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,33,विद्यापति,6,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,1,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,7,शमशेर बहादुर सिंह,5,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,5,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,53,शैलेश मटियानी,2,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,1,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,28,सआदत हसन मंटो,9,सतरंगी बातें,33,सन्देश,39,समसामयिक हिंदी लेख,221,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,17,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,69,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",9,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,20,सूरदास,15,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,10,हजारी प्रसाद द्विवेदी,2,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,348,हिंदी लेख,504,हिंदी व्यंग्य लेख,3,हिंदी समाचार,164,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,85,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,6,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,18,hindi essay,340,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,98,hindi stories,656,hindi-gadya-sahitya,2,hindi-kavita-ki-vyakhya,15,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,14,kavyagat-visheshta,22,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,10,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,Rimjhim Class 3,14,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,sponsored news,10,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,38,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: वक्त के साथ हिन्दी मीडिया का बदलता अंदाज
वक्त के साथ हिन्दी मीडिया का बदलता अंदाज
वक्त के साथ हिन्दी मीडिया का बदलता अंदाज नित नव रूप में हिन्दी मीडिया ने लंबा सफर तय किया है। मीडिया के साथ हिन्दी ने भी संचार किया है। माध्यम बदले हैं तो हिन्दी ने भी अपने तेवर बदले हैं। गांधी की दुनिया से लेकर ग्लोबल दुनिया तक जो कुछ बदला है लगभग उसी तरह के परिवर्तन हिन्दी मीडिया में भी दिखाई पड़ते हैं। आज हिन्दी मीडिया की दो स्थितियां सामने हैं: एक पुरातन पंथी और दूसरी नवाचारी।
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjXjs4GukpMkcx5BL9W5HfieUJUTRevc8PCU3QdI8nrGVzOD7uMWFhvlVjFDRzOYvchu7vNbjL7VphIpzc5oclrR2yjGwYAwm5llpZK2EBE_D6j1jRbBV1uTHZnV9xzyzmCpwNowja1nkKj/s320/media.png
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjXjs4GukpMkcx5BL9W5HfieUJUTRevc8PCU3QdI8nrGVzOD7uMWFhvlVjFDRzOYvchu7vNbjL7VphIpzc5oclrR2yjGwYAwm5llpZK2EBE_D6j1jRbBV1uTHZnV9xzyzmCpwNowja1nkKj/s72-c/media.png
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2020/05/hindi-media-badalta-andaj.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2020/05/hindi-media-badalta-andaj.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका