आधुनिकीकरण Modernity आधुनिकीकरण की विशेषता आधुनिकीकरण का अर्थ एवं परिभाषा आधुनिकीकरण के विविध पक्ष आधुनिकीकरण से अभिप्राय उस प्रयास तथा प्रभाव से है जिससे कि एक , व्यक्ति, संस्था, समुदाय या समाज आधुनिक या नये समझे जाने वाले मूल्यों, विचारों, दृष्टिकोणों,संस्थाओं व संगठनों को अपनाने का प्रयास करे।
आधुनिकीकरण Modernity
आधुनिकीकरण की विशेषता आधुनिकीकरण का अर्थ एवं परिभाषा आधुनिकीकरण के विविध पक्ष आधुनिकीकरण से अभिप्राय उस प्रयास तथा प्रभाव से है जिससे कि एक व्यक्ति, संस्था, समुदाय या समाज आधुनिक या नये समझे जाने वाले मूल्यों, विचारों, दृष्टिकोणों,संस्थाओं व संगठनों को अपनाने का प्रयास करे। सामान्य तौर पर जब भी हम आधुनिकीकरण की बात करते हैं तो पाश्चात्य जनतांत्रिक देशों, विशेषकर अमेरिका, इंग्लैण्ड, और फ्रांस आदि द्वारा प्राप्त की गयी महान औद्योगिक प्रगति तथा भौतिक सुख-सुविधाओं की सुलभता के सन्दर्भ को ध्यान में रखा जाता है।
आधुनिकीकरण का अर्थ एवं परिभाषा
वास्तव में सामाजिक परिवर्तन की दिशा इंगित करने वाला एक संप्रत्यय आधनिकीकरण माना जाता है।
आधुनिकीकरण |
आधुनिकीकरण की विशेषता Characteristics of Modernity
जब हमारे देश में पाश्चात्य विचारों से प्रभावित विचारक आधुनिकीकरण की बात सोचते हैं तो उनके सामने आधुनिकीकरण का यही पाश्चात्य स्वरूप होता है। प्राचीन मूल्य उन्हें परम्परावादी लगते हैं और जब वे भारतीय संस्कृति की बात करते हैं तो उसमें उन्हें जो मूल्य दिखायी देते हैं वे हैं- धर्मपरायणता, अन्धविश्वास, ऊँच-नीच, छुआछूत, पवित्रता, नातेदारी, सामाजिक भेदभाव, तर्करहित व्यवहार, भाग्य तथा भविष्यवाणी पर भरोसा, पूर्व जन्म में विश्वास, स्त्रियों का नीचा दर्जा तथा सामन्तवादी भावना आदि।आधुनिक बनने का प्रयास करने वाले एक व्यक्ति को बुद्धिमत्तापूर्वक अन्धविश्वासों, मान्यताओं, परम्पराओं तथा यांत्रिक सभ्यता के अनेक दोषों तथा सीमाओं से स्वयं को परे रखने का निरन्तर प्रयास करना चाहिए। उसे मूल्यों के संघर्ष में एक सन्तुलित व सही चिन्तन रखने व व्यवहार करने का अभ्यस्त होना चाहिए अन्यथा वह विभिन्न प्रकार की सामाजिक, सांस्कृतिक,विडम्बनाओं या खाइयों में उलझ जायेगा। उसे अपना दृष्टिकोण साफ तथा व्यक्तित्व गतिमान बनाना चाहिए। उसे जनसंचार के साधनों का बराबर उपयोग करना चाहिए।
आधुनिकीकरण के विविध पक्ष
जीवन के विविध पक्षों में आधुनिकीकरण की विभिन्न माँगें होती हैं।अर्थशास्त्री आधुनिकीकरण के अन्तर्गत प्रकृति के साधनों को नियंत्रित करने के लिए ऐसी तकनीकों का पयोग करने पर बल देते हैं जिससे आर्थिक उत्पादन में वृद्धि हो। एक समाजशास्त्री सामाजिक संरचनाओं में आने वाले उन अन्तरों, भिन्नताओं, स्तरणों आदि में रुचि लेते हैं जो नये व्यवसायों ,नयी परिस्थितियों तथा नयी जटिलताओं को विकसित होने के फलस्वरूप पनप मन राजनीतिज्ञ आधुनिकीकरण की कुछ विनाशकारी विशेषताओं तथा विशेषकर राष्टों व सरकारों के निर्माण से सम्बद्ध समस्याओं में रुचि लेते हैं। निष्कर्ष यह है कि आधुनिकीकरण कई रूप हैं। आइजनस्टीड ने लिखा है कि मोटे रूप से हम दो प्रकार के आधनिकीकरण के पारूप देखते हैं- प्रथम, वे जिनका मूल औद्योगीकरण से पूर्व के नये मूल्यों से परिपूर्ण व्यवस्था में रहा था; द्वितीय, वे जिनका मूल परम्परागत सामाजिक व सांस्कृतिक व्यवस्थाओं में रहा है। देश, काल व परिस्थितियों के अनुसार इच्छित प्रकार के आधुनिकीकरण की विशेषताओं में अन्तर होना स्वाभाविक है।
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