आधुनिक नारी और नौकरी

SHARE:

नारी और नौकरी पर निबंध आधुनिक नारी और नौकरी नारी और नौकरी पर निबंध इन हिंदी adhunik nari aur naukri essay in hindi naukri pesha nari ki samasya par nibandh नारी और नौकरी पर निबंध nari aur naukri dohri bhumika kitni jaruri hai नारी और नौकरी पर निबंध हिंदी में adhunik samaj me nari ki suraksha nari aur naukri speech आधुनिक नारी की दोहरी भूमिका पर निबंध nari aur naukri dohri bhumika kitni sambhav hai kitni zaroori hindi essay nari ka mahatva nari ke vividh roop in hindi essay

नारी और नौकरी पर निबंध


आधुनिक नारी और नौकरी नारी और नौकरी पर निबंध इन हिंदी adhunik nari aur naukri essay in hindi naukri pesha nari ki samasya par nibandh नारी और नौकरी पर निबंध nari aur naukri dohri bhumika kitni jaruri hai नारी और नौकरी पर निबंध हिंदी में adhunik samaj me nari ki suraksha nari aur naukri speech आधुनिक नारी की दोहरी भूमिका पर निबंध nari aur naukri dohri bhumika kitni sambhav hai kitni zaroori hindi essay nari ka mahatva nari ke vividh roop in hindi essay

भारतवर्ष महान् परम्पराओं का देश है। नारी के प्रति भारतीय ऋषियों मुनियों ने सदा ही आधार का भाव प्रदर्शित किया है। मन महाराज ने मनु-स्मृति में स्पष्ट कहा है कि जहां नारी की पूजा होती है वहां पर देवता निवास करते हैं । भारतीय संस्कृति में जो कुछ शुभ है, सुन्दर है, शक्तिशाली है, जीवनदायनी है उसे नारी रूप में ही देखा गया। विद्या की देवी सरस्वति, धन-धान्य और समद्धि की देवी लक्ष्मी तथा शक्ति की देवी दुर्गा को सारा भारत पूजता है । स्वयं शिव भी ‘इकार' अर्थात शक्ति के बिना शव ही हैं। प्राचीन काल में हमारे समाज में नारी को जो गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त था वह मध्य युग तक आते-आते प्राय: समाप्त हो गया। नारी को घर की चारदिवारी में बन्द कर दिया ग्रया। उसके लिए शिक्षा के द्वार बन्द हो गए।आर्थिक पराधीनता को उसका गुण मान लिया गया। वह व्यक्तित्वहीन मान ली गई । पुरुष की सम्पत्ति और भोग की सामग्री के रूप में ही उसे समाज में देखा जाने लगा।

नारी का राष्ट्रीय जीवन 

नारी की दोहरी भूमिका
नारी की दोहरी भूमिका
स्वाधीनता के महायज्ञ में नारियों के अभूतपूर्व बलिदान रंग लाए । नारी स्वातन्त्रय की आवाज़ पूरे विश्व में उठ रही थी। भारत में भी राम मोहन राय, स्वामी दयानन्द, तिलक, गोखले, गांधी और सुभाष जैसे नेताओं के प्रयत्नों से नारी मुक्ति के द्वार खुले । स्वतन्त्र भारत के संविधान में नारी को पुरुषों के बराबर अधिकार दिए गए। नारी शिक्षा का आन्दोलन बंगाल में ईश्वर चन्द्र विद्या सागर और शरद चन्द्र जैसे महापुरुषों ने चलाया। देखते-ही-देखते भारत की नारी शक्ति राष्ट्रीय जीवन के हर क्षेत्र में उपयोगी भूमिका निभाने लगी।

नारी की शिक्षा 

नारी के स्वतन्त्र व्यक्तित्व का निर्माण शिक्षा के द्वारा ही सम्भव है । शिक्षित नारी आर्थिक दष्टि से आत्म-निर्भर हो कर ही अपने अस्तित्व को स्थापित कर सकती है। नारी को घर की चारदीवारी में बन्द करके उसे देवी की तरह पूजने की पुरानी परम्परा अब समाप्त हो रही है। आज की नारी शिक्षा के क्षेत्र में अध्यापिका के रूप में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही है। बच्चे के कोमल हृदय को जिस उदार एवं संवेदनशील व्यवहार की आवश्यकता रहती है वह महिला अध्यापिका ही दे सकती है । आज हमारे स्कूलों में शारीरिक दण्ड प्राय: समाप्त हो रहा है और डण्डे का एकछत्र माना टूट रहा है। इसका एकमात्र कारण महिला अध्यापिकाओं का बड़ी संख्या में विद्यालयों में  अध्यापिकाओं के रूप में आना है। हमारे देश की महिलाएं अच्छी डाक्टर, वैज्ञानिक कलाकार सिद्ध हो रही हैं । कार्यालयों में नारियां उपयोगी भूमिका निभा रही हैं। अच्छे कार्य के कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं । नारियों ने इंजीनियरी के पदार्पण किया है। औद्योगिक संस्थान चलाने वाली महिलाएं भी हमारे में है। स्वास्थ्य विभाग में महिलाओं की भूमिका से सभी परिचित हैं। परिवार नियोजन कार्यक्रमों में महिलाएं बढ़-चढ़ कर भाग ले रही हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में भी महिलाओं ने उच्चतम मानदण्ड स्थापित किए हैं। 

राजनीति में नारी 

राजनीति को केवल पुरुषों का आखाड़ा समझा जाता था। आज भारतीय प्रजातन्त्र को मजबूत बनाने में महिलाओं की भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता । हर दल में हर स्तर की महिला कार्यकर्ता देखी जा सकती हैं । लगभग डेढ दशक तक भारतीय राजनीति पर छाई रहने वाली इन्दिरा गांधी जी ने यह सिद्ध कर दिया कि नारियां बड़ी से बड़ी जिम्मेवारी का निर्वाह कुशलतापूर्वक कर सकती हैं। चुनावों में चुनाव केन्द्रों पर नारियों की बढ़ती भीड़ इस बात को सूचक है कि नारियां अपने अधिकारों और दायित्वों के प्रति सचेत होती जा रही हैं। आज महिलाएं अच्छी वकील, जज तथा राजनेता सिद्ध हो रही हैं। सैनिक सेवाओं में भी उनका प्रवेश हो रहा है। पुलिस तथा गुप्तचर विभाग में भी नारी आगे आ रही है।काम-काजी महिलाओं के लिए समस्याएं अभी भी हैं। पुरुषों की मनोवृत्ति अभी भी दकियानुसी है। वे यह तो चाहते हैं कि नारी नौकरी करके पैसा कमाए परन्तु घरेलु काम में उसकी सहायता करना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। घर-परिवार और कार्यालय की दुहरी नौकरी के भार से नारी पिस रही है । 

कार्यालय में नारी 

कार्यालय में, पुरुष सहयोगियों की दृष्टि भी अनेक बार नारियों के लिए समस्या बन जाती है। अधिकारियों द्वारा नारियों के शोषण के समाचार भी छपते रहते हैं। प्रायः पुरुष सहकर्मी नारियों को अभी भी समान अधिकार देने के पक्ष में नहीं दीखते । नारियों के प्रति अभद्र व्यवहार अथवा छेड़छाड़ के मामले भी प्रकाश में आते रहते हैं।नारियों को घर-परिवार और कार्यालय की दुहरी जिम्मेवारी निभानी होती है। इसलिए वे प्राय: कार्यालय के समय के पश्चात् अतिरिक्त समय कार्यालय में नहीं लगा पाती और न ही दूर-दराज के क्षेत्रों में तबादले पर जा पाती हैं। पुरुष और महिला कर्मचारियों में इस बात को लेकर भी प्राय: तनाव की स्थिति बन जाती है।अभी भी हमारे समाज में काम-काजी महिला के प्रति बहुत उदार दष्टिकोण नहीं है। प्राय: कामकाजी महिला पर पति और बच्चों की उपेक्षा का आरोप लगता है। कामकाजी महिलाओं को सास-ससुर की जली-कटी बातें भी सुननी पड़ती हैं। यदि अपनी कमाई पर वह अधिकार जताती है तो उसे घर पर कठिनाई का सामना करना पड़ता है। 

भारतीय नारी का भविष्य

भारत की महिलाएं संस्कारों से ही उदार, कर्मठ एवं त्यागमयी हैं। अनेक कष्ट उठा कर भी वे नौकरी करती हैं और अपने परिवार का आर्थिक स्तर ऊंचा उठाती हैं। भारतीय नारी का भविष्य उज्ज्वल है। 


विडियो के रूप में देखें - 



COMMENTS

Leave a Reply: 1
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ हमें उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !
टिप्पणी के सामान्य नियम -
१. अपनी टिप्पणी में सभ्य भाषा का प्रयोग करें .
२. किसी की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी न करें .
३. अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .

You may also like this -

Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका