अपने मन की आवाज सुनो अपने मन की आवाज सुनो जो लोग लेन देन ,पढ़ाई लिखाई पर हर प्राणी से खुलकर बात नहीं करते हैं।वे सदा आनंद से रहते हैं।प्राणी को यदि मुक्ति प्राप्त करनी हो तो उसे झूठे बंधनों को तोडना होगा और मन का सहारा लेना होगा।संसार में यदि आप किसी चीज़ पर सम्पूर्ण रूप से विश्वास कर सकते हैं तो केवल आपका मन है। जो लोग अपने मन की आवाज सुनकर चलते हैं ,वे सदा सुखी रहते हैं।
अपने मन की आवाज सुनो
अपने मन की आवाज सुनो जो लोग लेन देन ,पढ़ाई लिखाई पर हर प्राणी से खुलकर बात नहीं करते हैं।वे सदा आनंद से रहते हैं।प्राणी को यदि मुक्ति प्राप्त करनी हो तो उसे झूठे बंधनों को तोडना होगा और मन का सहारा लेना होगा।मनुष्य के लिए शांति का एक मात्र मार्ग केवल उसका मन है।जैसे धरती खोदने से उसमें से पानी निकलता है।वैसे ही गुरु की सेवा करने से विद्या प्राप्त होती है।वैसे ही गुरु की सेवा करने से विद्या प्राप्त होती है। यह बात सदा याद रखें की गुरु की सेवा के बिना इंसान कभी अच्छी शिक्षा नहीं पा सकता है।
सदा दूसरों का भला करो
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विश्वास |
- सदा दूसरों का भला करो।स्वार्थ दूर रहो। दूसरों का भला करने वालों का भला स्वयं भगवान् करते हैं। ऐसे लोगों के सुख दुःख के साथ भगवान रहते हैं।
- एक महान वृक्ष रूपी संसार के दो ही रूप हैं - अच्छी अच्छी बातें ,गुणवान महान लोगों की संगत। इसीलिए प्राणी को सदा इन दो रूपों को सामने रखकर ही अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए।इन मार्गों पर चलकर सफलता मिलेगी।
- जीवन और मृत्यु का चक्र तो सदा से ही चलता रहता है। आत्मा अमर है ,वह केवल अपना शरीर बदलती हैं।मनुष्य का जीवन यही आत्मा हैं।
- आत्मा के साथ परमात्मा हैं।मनुष्य हर जीवन के साथ ही अपने जन्म के कर्मों का फल पाता है।
- बिना पढ़ें पुस्तक को अपने पास रखना।अपना कमाया धन दूसरों के हवाले करना।यह अच्छी बातें नहीं। इनसे दूर रहने में लाभ हैं।
- जीवन ,धर्म त्याग से मिलेगा।दुश्मन की शरण में जाने से धन मिले।ऐसे धन से आदमी निर्धन अच्छा ,ऐसे जीवन से मौत अच्छी है।
- पाप और अत्याचारों से कमाया धन ,अधिक से अधिक दस वर्ष तक पुरुष के साथ रहता है। इसके पश्चात ऐसा धन मूल सहित अपने आप नष्ट हो जाता है।इसीलिए पाप को कमायी से सदा दूर रहा।
- जो ज्ञान देता है ,वह गुरु है भले गुरु से मात्र एक अक्षर ही प्राप्त हैं। अधर्म की कमाई से सदा दूर रहो।
- धर्म ,धन ,अन्न,गुरु का ज्ञान ,दवाइयाँ आदि का सदा संग्रह करके रखना चाहिए।ऐसी सब चीज़ों समय आने पर इंसान के काम आती हैं।
- कोई भी काम आरम्भ करने से पहले तीन प्रश्न करने चाहिए। यह काम क्यों कर रहा हूँ। इसका क्या फल मिलेगा।इस प्रश्नों का उत्तर गंभीरता से अपने मन को खोजने का प्रयत्न करें।इसके पश्चात ही काम आरम्भ करे।
- शक्तिशाली शत्रु ,कमजोर मित्र सदा नुकसान देते हैं। क्योंकि कमजोर मित्र कभी भी विश्वास घात कर सकता है। परन्तु शत्रु से आदमी स्वयं होशियार रहता है।
- इस संसार में यदि आप किसी चीज़ पर सम्पूर्ण रूप से विश्वास कर सकते हैं तो केवल आपका मन है। जो लोग अपने मन की आवाज सुनकर चलते हैं ,वे सदा सुखी रहते हैं।
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