आतंकवाद पर निबंध

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आतंकवाद पर निबंध 
Essay On Terrorism In Hindi 

आतंकवाद पर निबंध आतंकवाद पर निबंध Essay On Terrorism In Hindi आतंकवाद की समस्या, कारण और समाधान  What is Terrorism Problem, causes, type and solution in Hindi - दो शव बरामद किये गए ,पुलिस ने गोली चलायी ,हथियार बरामद किये गए .बम फटा .ये ऐसे शब्द है जिन्हें हम आये
आतंकवाद
आतंकवाद
दिन समाचार पत्रों में पढ़ते हैं .बहुत से लोगों के लिए हिंसा जीवन शैली बन गयी है .आतंकवाद बीसवीं शाताम्दी का सबसे बड़ा अभिशाप रहा है . दुनिया के कई भाग आतंकवाद के तांडव का खामियाजा भुगत रहे हैं किन्तु दुनिया की सरकारें इस पर पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित कर  पाने में सफल नहीं हो पायी हैं .आतंकवाद का सबसे पीड़ादायक पहलू यह है कि हजारों निर्दोष लोग इसका शिकार बन रहे हैं .

आतंकवाद का कारण क्या है - 

जब हम आतंकवाद द्वारा फैलायी जा रही नफरत ,भय और भयावहता को देखते हैं तो हमें आश्चर्य होता है हमारी सभ्यता को यह घातक बीमारी कहाँ से लग गयी .मनुष्य ने अपनी बुद्धि के बल पर भूमि ,समुद्र और यहाँ तक की अन्तरिक्ष पर भी विजय प्राप्त कर ली है किन्तु अपने पड़ोसियों के साथ सौहार्द्रपूर्ण रूप से रहना उसने नहीं सीखा .यहीं आकर हमें आश्चर्य होता है कि क्या मनुष्य सचमुच में सभ्य बन पाया है या अभी भी वह पृथ्वी पर आस्तित्व में आये होमो सेपियन की तरह बर्बर और जंगली ही है .किन्तु इतना तो होता था कि आदिम युग का मनुष्य अपनी भूख मिटाने के लिए अथवा अपनी रक्षा करने के लिए दूसरे मनुष्यों को मारता था .किन्तु आज हम एक दुसरे के प्रति अपनी नफरत को संतुष्ट करने के लिए हत्या कर रहे हैं . 

आतंकवाद का दुखद पहलु - 

हिंसा से हिंसा ही पैदा होती है .महात्मा गांधी जैसे अनेक महान व्यक्ति ने हमें शान्ति और अहिंसा का मार्ग दिखाया था किन्तु उस पर बहुत कम ही ध्यान दिया गया .सत्ता के भूखे मानवरूपी दानवों ने आतंकवाद के बीज बो दिए हैं और उसे समाज में जड़ें ज़माने के लिए खाद पानी दे रहे हैं .आतंकवाद का एक और दुखद पहलु यह भी है कि जो लोग इस रास्ते को चुनते हैं अक्सर वे स्वयं उसी की बलि चढ़ा दिए जाते हैं . 

भारत में आतंकवाद - 

भारत में भी आतंकवाद ने काफी तबाही मचाई है .पूर्वोत्तर क्षेत्र के असम ,नागालैंड ,मेघालय और मिजोरम को आतंकवाद का सामना करना पड़ा है .पंजाब में खालिस्तान के नाम से अलग राष्ट्र बनाने की मुहीम ने राज्य में लगभग एक दशक तक उथल पुथल मचाये रखी थी .आज के समय कश्मीर में आतंकवाद की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है .भारत में हर व्यक्ति आतंकवादियों के हाथों सताए जा रहे लोगों के डर और दुर्दशा से वाकिफ है . 

आतंकवाद को रोकने के उपाय - 

अधिकांस युवक जो आतंकवादी बनते हैं उन्हें दिग्भ्रमित किया गया होता है .उन्हें अपनी ही वैधानिक सरकारों के विरुद्ध लड़ने के लिए उसकाया जाता है .वे न्याय ,स्वतंत्रता और देशप्रेम  के नाम पर लड़ते हैं .किन्तु सच्चाई तो यह है कि वे स्वयं महसूस नहीं कर पाते हैं कि वे अपनी ही देश भूमि के दुश्मनों के हाथों की कठपुतलीयां बन गए होते हैं .अपने देश के खिलाफ हथियार उठा लेना अपनी समस्याओं अथवा शिकायतों के समाधान के लिए न्यायोचित रास्ता नहीं है .सरकार और लोगों को अपने मतभेदों को दूर करने के लिए शांतिपूर्ण उपाय खोजने चाहिए .देश की युवा पीढ़ी हमारे लिए अत्यंत बहुमूल्य है और हिंसा और आतंकवाद के जाल में फंसकर उसे बर्बाद नहीं होने देना चाहिए .


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