एक मुकदमा और एक तलाक

SHARE:

एक मुक़दमा और एक तलाक़ कुत्ता एक खाज-खुजली वाला कटहा जीव है । वह एक चापलूस जानवर है । वह भौंक-भौंक कर आसमान सिर पर उठा लेने वाला , बेवजह काटने वाला और तलवे चाटने वाला एक निकृष्ट जीव है।मेरे दोनों दादा भी इसी राय के थे ।

एक मुकदमा और एक तलाक


प्रिय पाठक , मैं आप के सामने यह स्वीकार करता हूँ कि कुत्तों से मुझे कोई लगाव नहीं है । सच्चाई यह है कि मैं उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं करता।ईमानदारी से कहूँ तो मुझे उनसे नफ़रत है । जहाँ तक मेरा सम्बन्ध है , कुत्ता एक खाज-खुजली वाला कटहा जीव है । वह एक चापलूस जानवर है । वह भौंक-भौंक कर आसमान सिर पर उठा लेने वाला , बेवजह काटने वाला और तलवे चाटने वाला एक निकृष्ट जीव है।मेरे दोनों दादा भी इसी राय के थे ।

और यदि मेरे मन में कुत्तों के प्रति कोई अच्छी भावना रही भी होती , तो उस मुक़दमे के बाद वह ग़ायब हो जाती ।

कुत्ता
कुत्ता
पिता की अदालत का दरवाज़ा खुला और एक लम्बा , हृष्ट-पुष्ट व्यक्ति भीतर आया । उसने एक सलेटी जैकेट , सलेटी पतलून और सलेटी टोपी पहन रखी थी । उसके कपड़ों पर आटा लगा हुआ था । उसका नाम ज़ैनवेल था और वह हमारी गली में नानबाई था । अपनी बेकरी के आँगन में वह अक्सर एक लम्बा कच्छा , मुड़ी-तुड़ी चप्पलें और काग़ज़ की एक शंकाकार टोपी पहने चलते हुए दिख जाता था ।
यूँ तो नानबाई ठीक-ठाक रक़म कमा लेते हैं , पर ज़ैनवेल अपने पिता की बेकरी में काम करता था और उसे दूसरों से अधिक वेतन मिलता था । उसकी त्वचा पीली थी और आँखें नीली थीं । उसके कंधे और उसकी गर्दन किसी मुक्केबाज़ की तरह गठे हुए थे। वह आटे को बहुत बड़े आकार के लोंदों में गूँधता था । यह एक ऐसा काम था जिसे करने वाला व्यक्ति यदि सुदृढ़ न हो , तो उसकी हालत ख़राब हो सकती थी ।
वह पिता की मेज पर पहुँचा और मेज पर मुक्का मारते हुए बोला , " मैं एक मुक़दमा दायर करना चाहता हूँ । "
" किसके विरुद्ध ? "
" अपनी पत्नी के विरुद्ध । "
" बैठो । बात क्या है ? "
" धर्म-गुरु , अब या तो कुत्ता रहेगा या मैं रहूँगा ! " ज़ैन्वेल ने चीख़ कर कहा । " इस घर में हम दोनों के रहने का सवाल ही नहीं उठता । "
" यह कुत्ता कौन है ? "
" यह कोई आदमी नहीं बल्कि वास्तव में एक कुत्ता है , " ज़ैन्वेल चिल्लाया । " वह घर में एक कुत्ता लाना चाहती थी -- उसका बेड़ा ग़र्क हो ! जब से वह उस कुत्ते को ले आई है , वह भूल ही गई है कि उसका कोई पति भी है । मेरा काम बहुत मुश्किल है और मुझे हाड़-तोड़ मेहनत करनी पड़ती है । मैं एक नानबाई हूँ , धर्म-गुरु । लोगों के खाने के लिए मैं नान , डबल-रोटी आदि बनाता हूँ । पूरी रात मैं बिना रुके बेकरी में काम करता हूँ , पर सुबह जब मैं घर पहुँचता हूँ तो पत्नी द्वारा स्वागत किए जाने की बजाए एक कुत्ता मेरी ओर दौड़ता हुआ आता है । वह मुझ पर भौंकता है और मुझ पर कूद जाता है । वे कहते हैं कि यह उसका प्यार जताने का तरीका है , लेकिन मुझे उसका प्यार नहीं चाहिए । यदि वह एक छोटा पिल्ला होता तो मुझे इतना बुरा नहीं लगता । लेकिन यह कुत्ता किसी भालू जैसा है । एक जंगली जानवर । मैं अपने घर में एक जंगली जानवर नहीं चाहता हूँ । वह किसी शेर की तरह अपना बड़ा-सा मुँह खोलता है । वह किसी सख़्त हड्डी के भी टुकड़े-टुकड़े कर सकता है । जब वह भौंकता है तो मुझे अपने कान बंद करने पड़ते हैं । वह बहुत ज़्यादा शोर मचाता है और उछलता-कूदता है । मैं खुद को किस्मतवाला समझता हूँ कि वह मेरी नाक काट कर नहीं ले जाता । मुझे इस कुत्ते की क्या ज़रूरत है ? मेरे पिता के पास भी कोई कुत्ता नहीं था ।
" लोग कहते हैं कि यदि आप किसी गाँव में रहते हों तो आपके लिए कुत्ता उपयोगी होता है -- लेकिन यहाँ वारसॉ में मुझे कुत्ते की क्या ज़रूरत है ? यहाँ कोई मेरे यहाँ चोरी करने नहीं आएगा -- मेरे दरवाज़े पर एक मज़बूत ताला लगाया जाता
है । ग़रीब लोग मेरे घर आते थे , और मैं उन्हें जो भी संभव हो , देता था -- नान या चीनी आदि । लेकिन इस कुत्ते की वजह से अब कोई ग़रीब मेरे घर आने की हिम्मत नहीं करता । दीवार पर टँगे एक डिब्बे में मैं धर्मार्थ कार्यों के लिए कुछ रुपए -पैसे डाल देता था । यहूदी धर्म-स्थल पर काम करने वाला एक आदमी आ कर वह रुपए-पैसे ले जाता था । पर इस कुत्ते की वजह से उसने भी मेरे घर आना बंद कर दिया । यदि हमने इस कुत्ते को मेरे घर से नहीं भगाया तो वह किसी राहगीर की कोट का किनारा फाड़ देगा । धार्मिक-स्थलों पर काम करने वाले लोग कुत्तों से बहुत डरते हैं । "
" आपकी पत्नी को कुत्ता क्यों चाहिए ? " पिता ने पूछा ।
" धर्म-गुरु , मुझे भी उतना ही पता है , जितना आपको पता है । मेरे परिवार में किसी के पास कुत्ता नहीं है । वह शिकायत करने लगी कि वह बहुत अकेलापन महसूस करती है । देखिये , हमारे बच्चे नहीं हैं , इसलिए वह कोई जीवित प्राणी घर में रखना चाहती थी । तब मैंने उसे कहा कि तुम एक बिल्ली या तोता पाल लो । कोई चिड़िया
सुशांत सुप्रिय
सुशांत सुप्रिय
होगी तो कम-से-कम गाना गाएगी । तोता होगा तो कुछ बोलेगा । लेकिन एक कुत्ता क्या करेगा ? हे धर्म-गुरु , मुझे यह कहते हुए शर्म आ रही है कि वह इस कुत्ते को चूमती है । वह उसे हमेशा चूमती रहती है । ऐसा नहीं है कि मुझे ईर्ष्या होती है । लेकिन जब मेरी पत्नी कुत्ते को चूमती है तो मैं भीतर तक आहत हो जाता हूँ । धर्म-गुरु , मैं उसके लिए घंटों तक कठिन परिश्रम करता हूँ -- लेकिन जब चुम्बन की बारी आती है तो वह एक कुत्ते को मिलता है । वह हमेशा उसे चूम रही होती है , उसके साथ लाड़ जता रही होती है , उसकी सेहत के प्रति चिंतित होती है । वह हमेशा यही कहती रहती है -- ' अरे , यह कुछ खाता ही नहीं है ; यह ठीक से सोता ही नहीं है । '
" धर्म-गुरु , मैंने अपनी पत्नी से कहा कि मैं सरिया लेकर कुत्ते की खोपड़ी फाड़ दूँगा । तब वह चिल्लाने लगी कि वह घर छोड़ कर चली जाएगी । धर्म-गुरु , आप सच्चा , धार्मिक फ़ैसला करें । आप यह बताएँ कि हम दोनों में कौन ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है -- आदमी या कुत्ता । "
" हे ईश्वर , यह कैसी तुलना है ? एक कुत्ते की तुलना एक आदमी से ! "
उसकी पत्नी को बुलाया गया । एक हट्टी-कट्टी महिला ने प्रवेश किया ; वह उठे हुए उरोजों , मज़बूत बाँहों और तगड़ी पिंडलियों वाली औरत थी । उसके जूते फटे हुए थे । वह चल नहीं रही थी बल्कि अपने जूते के तल्ले को ज़मीन पर घसीट रही थी । वह मिसरी चूस रही थी और उसका एक लाल गाल फड़क रहा था । उसके चेहरे से ऊब टपक रही थी ।
" आप को कुत्ता क्यों चाहिए , " पिता ने उस महिला से पूछा । " हमारा धर्म-ग्रंथ ' टलमूड ' हमें यह शिक्षा देता है कि किसी भी यहूदी को अपने घर में वहशी कुत्ता नहीं रखना चाहिए । "
" वह कुत्ता वहशी नहीं है , धर्म-गुरु । वह इस आदमी से बेहतर जीव है , "
उसने अपनी मज़बूत , छोटी उँगली से अपने पति की ओर इशारा करते हुए कहा । ।
यह बहस बहुत देर तक चली । उनके वाद-विवाद से मुझ जैसे छोटे बच्चे को भी यह पता चल गया कि वह महिला अपने कुत्ते से प्यार करती थी और अपने पति से उसे नफ़रत थी ।
अंत में मेरे पिता पति और पत्नी का झगड़ा मिटा कर उनका मेल-मिलाप कराने में सफल हो गए । ऊपरी तौर से वे उस महिला को यह मनवाने में सफल हो गए कि या तो वह अपना कुत्ता बेच दे या किसी को ऐसे ही दे दे । लेकिन मुश्किल से एक महीना बीता होगा जब वह आदमी दोबारा पिता के पास लौट आया ।
" धर्म-गुरु , मुझे अपनी पत्नी से तलाक़ चाहिए । "
" आप कौन हैं ? "
" मैं वह नानबाई हूँ जो कुछ समय पहले भी आपके पास आया था । मेरी पत्नी के पास अब भी वह कुत्ता है । आपने धर्म-गुरु की हैसियत से उस दिन अपना फ़ैसला दिया था कि -- "
" हाँ , मुझे याद आ गया । "
" धर्म-गुरु , स्थिति अब भी पहले जैसी ही है । बल्कि अब तो हालात और भी ख़राब हो गए हैं । अब वह कुत्ता रात में उस औरत के साथ उसके बिस्तर पर सोता है । यदि मैं झूठ बोल रहा हूँ तो यहाँ , इसी पल मेरी मृत्यु हो जाए । "
पिता ने एक बार फिर उस महिला को अपनी अदालत में आने का संदेश भेजा -- और हैरानी की बात यह है कि इस बार वह अपने कुत्ते के साथ वहाँ आई । वह मोटे पैरों वाला ' पग ' प्रजाति का बड़ा-सा कुत्ता था । उसकी चौड़ी आँखों और फड़कते नथुनों से यह स्पष्ट प्रतीत हो रहा था कि उसके भीतर हर जीवित प्राणी के लिए रोष , घृणा और तिरस्कार का तीव्र भाव था । वह कुत्ता अदालत में मौजूद मेरी माँ पर भी भौंका । वह महिला तो उस कुत्ते को अदालत के भीतर लाना चाहती थी , पर मेरी माँ ने यह घोषणा की कि वहाँ ' टोराह ' नाम की यहूदी धर्म की पाँच पवित्र पुस्तकें मौजूद थीं ।
जैसे ही मैं रसोई में गया और मेरी निगाह उस कुत्ते पर पड़ी , भय और खुशी का एक मिला-जुला भाव मेरे मन में जगा । यह वैसा ही भाव था जैसा एक बार अपने फ़्लैट में आए एक पुलिसवाले को देखकर मेरे मन में जगा था । मैंने नान का एक टुकड़ा ले कर कुत्ते की ओर फेंका । अपनी त्योरियाँ चढ़ा कर उसे सूँघते हुए उस कुत्ते ने मुझे अपनी भूरी निगाहों से ऐसे देखा जैसे कह रहा हो कि सूखे नान के टुकड़े को मैं लज़ीज़ व्यंजन नहीं मानता ।
मैं उस कुत्ते की देह पर हाथ फेरना चाहता था , लेकिन उसकी गुर्राहट ने मुझे डरा दिया । यह कोई कुत्ता नहीं था बल्कि चार टाँगों वाला यहूदियों का कोई शत्रु लग रहा था । उसके हर अंग से जैसे खूँखार आक्रामकता टपक रही थी । जब पिता ने अदालत के कमरे में भौंकने की आवाज़ सुनी तो वे भी डर गए । उन्होंने वह पवित्र ग्रंथ बंद कर दिया जिसे वे खोलकर पढ़ रहे थे । गर्मी की वजह से वे बगल में रखी टोपी से खुद को पंखा झलने लगे ।
" वह कौन है ? "
" वह उसका असली ' पति ' है ! " नानबाई ज़ैनवेल ने कहा ।
आम तौर पर पिता दोनों विरोधी पक्षों में सुलह कराने की कोशिश करते
थे , लेकिन इस बार उन्होंने नाम मात्र के लिए ही ऐसा किया । हालाँकि हमें यह अजीब लगा , पर वह औरत तलाक़ के लिए राज़ी हो गई । उसने एक कुत्ते के लिए अपने पति को त्याग दिया ।
मुझे याद नहीं कि क्या उनके तलाक़ की रस्म हमारे घर पर हुई थी , पर उनका विवाह निरस्त कर दिया गया । महिला सारे सामान के साथ उसी घर में रहती रही । गली में इस ख़बर की वजह से गुस्से का माहौल था कि एक कुत्ते की वजह से एक आदमी को अपना घर छोड़ना पड़ा । गली की महिलाएँ कुत्ते वाली महिला के बारे में एक-दूसरे के कानों में भद्दी बातें करती थीं ।
एक महिला यह ख़बर सुनते ही शर्म से लाल हो गई और बोली , " नहीं , नहीं ! "
" अरे , हाँ ! " दूसरी औरत ने जवाब दिया , और उसने पहली महिला के कान में एक और गुप्त बात कही ।
" ओह ! यह कैसे सम्भव है ? "
" सब कुछ सम्भव है , प्यारी । वह औरत नरक की आग में जलेगी ! "
" और मैंने तो एक बार एक औरत के मुँह से एक सम्भ्रांत स्त्री की कहानी सुनी थी , जो एक घोड़े के साथ रहती थी । उनके संसर्ग से एक शिशु हुआ जो आधा इंसान और आधा घोड़ा था । "
" उन्होंने उसके साथ क्या किया ? "
" वह तो पैदा होते ही मर गया । "
" अरे , यह सब अनर्थ बहुत ज़्यादा ऐयाशी की वजह से होता है । बहुत ज़्यादा ऐशो-आराम उनका दिमाग़ ख़राब कर देता है । उनका बेड़ा ग़र्क हो ! "
तलाक़ के बाद जैन्वेल का जीवन दुख और उदासी के रास्ते पर चल पड़ा । वह ग़म ग़लत करने के लिए खूब दारू पीने लगा । रात में आटे को बड़े-बड़े लोंदों में गूँधते हुए वह उदासी भरे गीत गाता , और उसकी आवाज़ पूरे आँगन में सुनाई देती । पड़ोसी शिकायत करते कि उसके त्रासद गीतों की आवाज़ उन्हें नींद से जगा देती
है । लोग उसके लिए दोबारा लड़की देखने लगे थे ताकि एक बार फिर उसका घर बस जाए । हर क़िस्म की लड़कियाँ उसके आगे-पीछे मँडराने लगी थीं , लेकिन वह उनमें से किसी को भाव नहीं देता था ।
" यदि एक कुत्ता मुझे मेरे घर से बाहर निकलवा सकता है तो मैं इस युग से वाकई डरता हूँ । " वह सोचता ।
फिर लोगों ने अक्सर उसे गली में मौजूद शराबख़ाने में जाते हुए देखा ।
कुत्ते वाली महिला को एक और पुरुष का साथ मिल गया । वह फलों का व्यापार करता था और अफ़वाह थी कि जल्दी ही वह उस महिला से शादी करने वाला था । उसे कुत्ते पसंद थे । जब वह उस महिला से मिलने जाता तो वह उसके लिए चॉकलेट और टाफ़ियाँ और कुत्ते के लिए मांस या हड्डी का टुकड़ा ले कर जाता । यदि महिला व्यस्त होती तो फलों का व्यापारी उसके कुत्ते को पट्टे में बाँधकर घुमाने के लिए बाहर ले जाता । कभी-कभी वह अपने हाथ में पकड़ा कुत्ते का पट्टा छोड़ देता और चौकन्ना कुत्ता अपना पट्टा ज़मीन पर घसीटते हुए उसके पीछे-पीछे चलता रहता ।
एक बार कुत्ते को घुमाने के लिए ले जाने के दौरान एक भयानक बात हो गई । उधर से नानबाई ज़ैन्वेल चला आ रहा था । वह नंगे पाँव था और उसने एक लम्बा कुर्ता पहन रखा था । वह अपने सिर पर ' चीज़केक ' टिकाए हुआ था । ज़ैन्वेल ने अब अपने पिता की बेकरी में आटे को बड़े-बड़े लोंदों में गूँधने का काम बंद कर दिया था क्योंकि उसे हर्निया हो गया था । अब वह पेस्ट्री बनाने वाले एक व्यक्ति के यहाँ काम करता था जिसने उसे एक रेस्त्रां में ' चीज़केक ' देने के लिए भेजा था ।
जब कुत्ते ने एक समय अपने मालिक और प्रतिद्वंद्वी रहे ज़ैन्वेल को देखा तो उसने क्रोधोन्माद में आकर ज़ैन्वेल पर हमला कर दिया । ' चीज़केक ' ज़ैन्वेल के सिर से नीचे गिर गया । कुत्ते ने ज़ैन्वेल की टाँग में ज़ोर से काट लिया । दर्द से बिलबिलाते ज़ैन्वेल ने भी गुस्से में आ कर दोनों हाथों से कुत्ते का गला दबाकर उसका दम घोंट दिया । यह देख कर फलों के व्यापारी ने ज़ैन्वेल को चाकू घोंप दिया ...
यह सारा कांड कुछ ही मिनटों में हो गया । कुछ दूरी पर मौजूद पुलिसवाले ने सीटी बजाई । किसी ने प्राथमिक चिकित्सा दल को फ़ोन कर दिया । ज़मीन पर लाल आँखों वाला कुत्ता मरा हुआ था । ज़मीन पर गिरा ' चीज़केक ' मिट्टी में मिल गया था । और एक आदमी ख़ून से लथपथ पड़ा था । कुत्ते की जीभ काली हो कर किसी चिथड़े की तरह उसके मुँह से बाहर निकल आई थी ।
जल्दी ही घायल बेकर ज़ैन्वेल को एक स्ट्रेचर पर लेटा कर प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध करा रही गाड़ी में डाल दिया गया । एक चिकित्सक ने उसके पैर और कंधे में पट्टी बाँध दी जहाँ फलों के व्यापारी ने उसे चाकू घोंपा था । वहाँ मौजूद पुलिसवाले फलों के व्यापारी को हथकड़ी पहना कर थाने ले गए । एक सफ़ाई कर्मचारी कुत्ते की लाश को वहाँ से हटा कर ले गया । नंगे पैरों वाले लड़के-लड़कियाँ और कुछ बड़े लोग भी नीचे ज़मीन पर गिरे ' चीज़केक ' के वे हिस्से उठा कर खाने लगे जो मिट्टी में नहीं मिले थे ।
जब उस कुत्ते की मालकिन को सारी बात पता चली , तो वह दौड़कर गली में गई और अपने कुत्ते की मौत पर विलाप करने लगी । शायद वह अपने प्रेमी के पुलिस द्वारा पकड़ लिए जाने की घटना से भी संतप्त थी । किंतु गली में मौजूद अन्य महिलाएँ कुत्ते वाली महिला से पहले ही ख़फ़ा थीं । वे सब उस महिला पर टूट पड़ीं । उन्होंने न केवल उस महिला की खूब पिटाई की बल्कि उसके सिर से उसके बहुत सारे बाल भी नोच लिए । गली में सब का ग़ुस्सा सातवें आसमान पर था और चारों तरफ़ अफ़रा-तफ़री का माहौल था ।
हे पाठकगण , शायद आप जानना चाहते होंगे कि इस कथा का अंत कैसे हुआ । मैं आप की यह इच्छा पूरी करूँगा । अंत में यह हुआ कि कुछ महीने जेल में बिताने के बाद फलों का व्यापारी वहाँ से ग़ायब हो गया । बेकर ज़ैन्वेल दो दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद वापस अपने घर लौट आया । वह अपनी शोक-संतप्त पूर्व -पत्नी को सान्त्वना देने उसके घर गया -- और दोनों में फिर से सुलह हो गई । उन्होंने दोबारा आपस में शादी कर लेने का फ़ैसला किया । शादी से पहले बेकर की होने वाली पत्नी ने क़सम खाई कि वह फिर कभी अपने घर में कुत्ता नहीं पालेगी ।
कुत्ते की जगह उस महिला ने दो पीले रंग की चिड़ियाँ और एक तोता पाल लिया । बेकर ज़ैन्वेल ने दोबारा अपने पिता के यहाँ काम करना शुरू कर दिया । वह अब आटे को बड़े-बड़े टुकड़ों में गूँधने का काम नहीं करता था । इसके बदले वह अब भट्ठी में डबलरोटी डालने और निकालने का काम करता था।ज़ैन्वेल की पीली चिड़ियाँ सारा दिन चहचहाती और गीत गाती रहती थीं । तोता यिद्दिश भाषा में कुछ-न-कुछ बोलता रहता था । एक बार फिर ज़ैन्वेल का जीवन बढ़िया हो गया था । मुझे तो लगता है कि पृथ्वी-लोक और स्वर्ग-लोक , दोनों ने ही यह तय कर लिया था कि इस पूरे कांड में कुत्ता विजयी न हो । चाहे वह न्यायपूर्ण हो या अन्यायपूर्ण हो , मनुष्यों के मामले में किसी कुत्ते की दख़लंदाज़ी नहीं होनी चाहिए ...

--- मूल कथा : आइज़ैक बैशेविस सिंगर
--- अनुवाद : सुशांत सुप्रिय


------------०------------

प्रेषक : सुशांत सुप्रिय
A-5001 ,
गौड़ ग्रीन सिटी ,
वैभव खंड ,
इंदिरापुरम ,
ग़ाज़ियाबाद - 201014
( उ. प्र. )
मो : 8512070086
ई-मेल : sushant1968@gmail.com

------------0------------



COMMENTS

Leave a Reply
नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,35,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",6,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,3,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,7,आषाढ़ का एक दिन,17,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,2,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,15,कमलेश्वर,6,कविता,1412,कहानी लेखन हिंदी,13,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,5,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,4,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,2,केदारनाथ अग्रवाल,3,केशवदास,4,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,138,गजानन माधव "मुक्तिबोध",14,गीतांजलि,1,गोदान,6,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,2,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,2,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,30,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,72,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,5,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,25,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,3,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,6,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,23,नाटक,1,निराला,35,निर्मल वर्मा,2,निर्मला,38,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,174,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,133,प्रयोजनमूलक हिंदी,24,प्रेमचंद,40,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,86,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,5,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,7,भक्ति साहित्य,138,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,13,भीष्म साहनी,7,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,5,मलिक मुहम्मद जायसी,4,महादेवी वर्मा,19,महावीरप्रसाद द्विवेदी,2,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,11,मैला आँचल,4,मोहन राकेश,11,यशपाल,14,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,5,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,20,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,2,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,8,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,2,लघु कथा,118,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,33,विद्यापति,6,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,1,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,7,शमशेर बहादुर सिंह,5,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,5,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,53,शैलेश मटियानी,2,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,1,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,28,सआदत हसन मंटो,9,सतरंगी बातें,33,सन्देश,39,समसामयिक हिंदी लेख,221,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,17,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,69,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",9,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,20,सूरदास,15,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,10,हजारी प्रसाद द्विवेदी,2,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,348,हिंदी लेख,504,हिंदी व्यंग्य लेख,3,हिंदी समाचार,164,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,85,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,6,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,18,hindi essay,340,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,98,hindi stories,656,hindi-gadya-sahitya,2,hindi-kavita-ki-vyakhya,15,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,14,kavyagat-visheshta,22,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,10,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,Rimjhim Class 3,14,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,sponsored news,10,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,38,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: एक मुकदमा और एक तलाक
एक मुकदमा और एक तलाक
एक मुक़दमा और एक तलाक़ कुत्ता एक खाज-खुजली वाला कटहा जीव है । वह एक चापलूस जानवर है । वह भौंक-भौंक कर आसमान सिर पर उठा लेने वाला , बेवजह काटने वाला और तलवे चाटने वाला एक निकृष्ट जीव है।मेरे दोनों दादा भी इसी राय के थे ।
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhoRnyauAUY-KYpZu6BH7kesL41n2Ai82-GcrrMxrvjaEO8BjB3tTGendlwolgw5d1eHdvBy33jK8iW4hC8SVp-3HpU6zKmY7Fa4sGyC3XQtR4frDu2NdojTRsSuoX68OMT0wxobIdPZQu4/s320/%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A4%25E0%25A4%25BE.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhoRnyauAUY-KYpZu6BH7kesL41n2Ai82-GcrrMxrvjaEO8BjB3tTGendlwolgw5d1eHdvBy33jK8iW4hC8SVp-3HpU6zKmY7Fa4sGyC3XQtR4frDu2NdojTRsSuoX68OMT0wxobIdPZQu4/s72-c/%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A4%25E0%25A4%25BE.jpg
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2019/02/mukadma-talak.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2019/02/mukadma-talak.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका