हिंदी उपन्यास का उद्भव एवं विकास

SHARE:

हिंदी उपन्यास का उद्भव एवं विकास हिंदी उपन्यास का उद्भव एवं विकास hindi upanyas ka udbhav aur vikas हिन्दी उपन्यासों का प्रारम्भ भारतेन्दु काल में हो गया था।लाला श्रीनिवास दास का "परीक्षा गुरु' हिन्दी का प्रथम मौलिक उपन्यास माना जाता है hindi upanyas ka udbhav aur vikas par prakash daliye

हिंदी उपन्यास का उद्भव एवं विकास



हिंदी उपन्यास का उद्भव एवं विकास hindi upanyas ka udbhav aur vikas hindi upanyas ka udbhav aur vikas par prakash daliye - हिन्दी उपन्यास का आरम्भ अंग्रेजी तथा बंगला साहित्य के आधार पर बताया जाता है। हिन्दी प्रारम्भिक उपन्यास इन भाषाओं के अनुवाद मात्र हैं।हिन्दी के मौलिक उपन्यास भारतेन्दु युग की देन हैं . हिन्दी उपन्यास की विकास - यात्रा को चार कालों में विभक्त किया जा सकता है।

प्रथम चरण भारतेन्दु युग (1850 से 1915 तक) -

हिन्दी उपन्यासों का प्रारम्भ भारतेन्दु काल में हो गया  था।लाला श्रीनिवास दास का "परीक्षा गुरु' हिन्दी का प्रथम मौलिक उपन्यास माना जाता है।परन्तु आचार्य शुक्ल ने श्रद्धाराम फुल्लौरी रचित ‘भाग्यवती' को हिन्दी का प्रथम उपन्यास बताया है।सन् 1877 रचित यह एक सामाजिक उपन्यास है।इसमें सत्-असत् के बीच आदर्श गुणों की चर्चा की गई है।राधाकृष्ण दास का ‘नि:सहाय हिन्दू' और  बालकृष्ण भट्ट का "नूतनब्रह्मचारीं' और 'सौ अजान एक सुजान' हिंदी  के प्रारम्भिक उपन्यास हैं। इस काल में अनुवाद की प्रवृत्ति अधिक दिखाई पड़ती है। शरतचन्द्र तथा बंकिमचन्द्र के उपन्यासों का अनुवाद प्रकाशित कराया गधा।तिलस्मी उपन्यासकार देवकीनंदन खत्री  इस समय के लोकप्रिय कथाकार हैं। 'चंद्रकांता तथा चंद्रकांता संतति' में तिलस्मी घटनाओं की प्रधानता है। किशोरीलाल गोस्वामी के उपन्यासों में ‘लवंगता', 'माधवी -माधव', 'स्वर्गीय कुसुम, आदर्शरमणी' मुख्य है। इस  काल में स्वामी राथाचरण के 3 उपन्यास ‘सावित्री', 'विधवा विपत्ति', तथा सौदामिनी' मिलते हैं .राधाकृष्णदासकृत "निस्सहाय हिन्दू' इसी काल की रचना है।अयोध्या सिंह उपाध्याय के दो उपन्यास 'ठेठ हिन्दी का ठाठ' तथा 'अधखिला फूल' इसी काल की कृतियाँ हैं।‘तारामती, बुढापे का ब्याह ' 'चम्पा' कनकलता', कश्मीर पतन', 'चन्द्रलोक' की छाया' इसी युग के उपन्यास हैं।

इस समय ऐतिहासिक उपन्यास लिखने की प्रवृत्ति भी दिखाई पड़ती है।जयराम गुप्त, किशोरी लाल गोस्वामी, ब्रजनंदन सहाय, मिश्र बंधु ऐसे उपन्यासकारों में मुख्य हैं।गोस्वामी जी ने सामाजिक, ऐतिहासिक भी प्रकार के उपन्यास लिखे।

द्वितीय चरण - प्रेमचंद युग (1916- 1936 तक) -

प्रेमचंद जी हिन्दी कथा साहित्य के अग्रदूत है। होंने हिन्दी उपन्यासों को जासूसी, तिलस्मी, प्रेमाख्यानक उपन्यासों के दलदल से निकलकर मानव जाये।दृढ़ नींद पर खड़ा कर दिया ।इनसे पूर्व के उपन्यासों में कथानक अलौकिक होता था .चरित्र-चितरण के  क्षेत्र में प्रेमचंद ने महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है।उनकी दृष्टि महलों से लेकर झोपड़ियों तक तथा खलिहानों तक फैली है ।प्रेमचंद ने हिन्दी में ग्यारह उपन्यास लिखे हैं जिनमें सेवासदन', 'प्रेमाश्रम', रंगभूमि , कर्मभूमि', 'कायाकल्प', 'निर्मला”, “गबन', 'गोदान' प्रमुख हैं।

कला की दृष्टि से 'सेवासदन' प्रेमचंद्र जी  पहला प्रौढ़  उपन्यास है। इसमें उन परिस्थतियों पर विचार किया गया जिनके वशीभूत होकर समाज  की कुछ बधुये वेश्या बनने को बाध्य होती हैं।प्रेमाश्रम में एक भारतीय किसान की दरिद्रता की समस्या है। निर्मला ,दहेज़ तथा वृद्ध विवाह के दुष्परिणाम का उद्घाटन करती हैं । ‘रंगभूमि' इनका सबसे बड़ा उपन्यास है। इसका नायकः अंध सूरदास और घटना स्थल काशी समीप का गाँव पांडेयपुर है। ‘गबन में दिखाया गया है कि अयधिक आभूषण प्रेम गृहस्थ जीवन को किस प्रकार ध्वस्त कर देता है । गोदान प्रेमचंद का ही नहीं हिन्दी का सर्वश्रेष्ठ उपन्यास है। इसमें ग्राम जीवन ही समस्या में जमीदार किसान संघर्ष दिखाया है। यह एक यथार्थवादी उपन्यास है। 

जयशंकर प्रसाद ने केवल 3 उपन्यास 'काल', 'तितली', तथा इरावती' (अपूर्ण) लिखकर इस युग में उपन्यासकारों में अपना महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। इसमें प्रथम दो तो सामाजिक और अंतिम ऐतिहासिक उपन्यास हैं। विश्वम्भर नाथ कौशिक उपन्यास लेखन में प्रेमचंद के अनुयायी हैं। "माँ"  तथा 'भिखारिणी इनके दो प्रसिद्ध उपन्यास हैं। 

प्रेमचंदकालीन उपन्यासकारों में पाण्डेय वन शर्मा उग्र, अनुरसैन शास्त्री हृदय की प्यास, हृदय की परख, अमर अभिलाषा, आत्मदूत, वैशाली की नगर वधू अषम चरण जैन, वृन्दावनलाल बर्मा, भगवतीचरण वर्मा आदि मुख्य है ।वृंदावनलाल वर्मा ऐतिहासिक उपन्यास सम्राट कहे जाते है। ‘मृगनयनी' ‘विराट की पद्मिनी' ‘अहिल्याबाई' ‘भुवन विक्रम’ ‘गढ़कुंडार' आदि इनके मुख्य ऐतिहासिक उपन्यास हैं। भगवतीचरण वर्मा के तीन वर्ष, टेढ़े-मेढे रास्ते, चित्रलेखा' आदि लोकप्रिय उपन्यास हैं। 

तृतीय चरण - प्रेमचंद-उत्तर युग (1936- 1960} - 

प्रेमचंद के बाद कथा साहित्य में दृष्टिकोण, विषय आदि में कई प्रकार के परिवर्तन दिखाई पड़े।यह परिवर्तन जैनेन्द्र कुमार, इलाचंद्र जोशी, अज्ञेय, यशपाल आदि के उपन्यासों में इतना प्रबल हो गये कि धारा ही बदल गई। इन उपन्यासों पर फ्रायड़ का गहरा प्रभाव है। जैनेन्द्र - ‘परख' सुनीता, कल्याणी, त्यागपत्र, उपन्यासों के कारण, इलाचन्द्र जोशी - सन्यासी, पर्दे की रानी, जहाज का पंछी, मुक्ति पथ, उपन्यासों के कारण, अज्ञेय - नदी के द्वीप, शेखर की जीवनी, अपने अपने अजनवी के कारण तथा यशपाल दिव्या, अमिता, देशद्रोही के कारण उपन्यास साहित्य में अमर हैं। इस युग के उपन्यासकारों में वृंदावनलाल वर्मा, भगवतीचरण वर्मा, अमृतलाल नागर, प्रतापनारायण श्रीवास्तव, निराला, भगवतीप्रसाद बाजपेयी तथा हजारीप्रसाद द्विवेदी मुख्य हैं।

जैनेन्द्र कुमार - 

जैनेन्द्र कुमार प्रेमचंद के बाद हिंदी के दूसरे सबसे बड़े उपन्यासकार हैं। विषय वस्तु, शैली, प्रवृत्ति, भाषा आदि दृष्टियों से भिन्न आपका क्षेत्र प्रेमचंद से और मौलिक है। जैनेन्द्रजी ने ग्रामों को छोड़कर नगर की गलियों तथा शिक्षित मध्य वर्गीय परिवारों के बीच की मनोवैज्ञानिक, समस्याओं, कुण्ठाओं, असंतोष आदि की उपन्यासों का विषय बनाया है। आपने पुरुष और नारी प्रेम को जीवन की आधारभूत आवश्यकता माना है। परख की की, 'तपोभूपि’ की ‘धरती' ‘सुनीता' की सुनीता, कल्याणी की कल्याणी, त्याग पत्र की मृणाल के हृदय में एक ऐसी ज्वाला जलती रहती है, जो दूसरों को निरन्तर शांत रखने का प्रयास करती। इन पात्रों के आस-पास एक रहस्य सा छाया रहता है। सम्पूर्ण उपन्यास पढ़ लेने पर भी लगता है, अभी कुछ शेष रह गया है । परम्परागत सदाचार की कसौर्य पर कसना इनके उपन्यासों के लिए न्याय नहीं है। 

इलाचंद जोशी- 

फ्रायड, युग तथा एलडर के मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों को कथा क्षेत्र में उतारने वाले उपन्यास है।‘सन्यासी' इनका सर्वोत्तम उपन्यास है। यह एक ऐसे व्यक्ति की आत्मकथा है जिसने क्रमशः स्त्रियों से प्रेम किया परन्तु संदेहशीलता और अहंकार के कारण किसी को सुखी नहीं कर सका । प्रेम और छाया का हीन भावना से ग्रस्त नायक पिता द्वारा यह बताने पर कि वह उनका अवैध पुत्र है, विक्षिप्त होकर अनेक स्त्रियों का सतीत्व भंग करता है। बाद में जब उसे ज्ञात होता है कि उसकी माँ साध्वी थी, एक वेश्या से विवाह कर गृहस्थ जीवन बीताता है। 'मुक्तिपथ' का राजीव देश उद्यार में लगा आदर्श नायक है।

चतुर्थ चरण - (अत्याधुनिक युग सन् 1960 के बाद) - 

इस समय के उपन्यास विषय वस्तु तथा शैली की दृष्टि से पूर्ववर्ती सभी उपन्यासों से भिन्न हैं। इन उपन्यासों में चिन्तन की प्रधानता तथा विचारों की गहराई है। इस समय के उपन्यासों में ० धर्मवीर भारती (गुनाहों का देवता, सूरज का सातवाँ घोड़ा) उपेन्द्रनाथ अश्क (गिरती दिवारें, गर्म राख, बाँधों न नाव इस ठॉव) नागार्जुन  (बलचनमा , बाबा बटेश्वर नाथ, रतिनाथ की चाची) अमृतलाल नागर, (बूँद  और समुद्र, अमृत और विष, मानस के हंस, सुहाग के नुपूर, काल) राजेन्द्र यादव (उखड़े हुए लोग, शह और मात) फणीश्वरनाथ रेणु(मैला आँचल) शिव प्रसाद सिंह (अलग-अलग वैतरणी, गली आगे से मुड़ती है); काशी नाथ सिंह (अपना अपना मोर्चा) नरेश मेहता, मोहन राकेश (अंधेरै बन्द कमरे) ,कमलेश्वर, शैलेश भटियानी आदि उल्लेखनीय है। उल्लेखनीय बात तो यह है कि इस समय अनेक महिलाएँ उपन्यास लेखन कार्य कर रही हैं। इनमें उषा देवी मित्रा, कंचनलता सब्बरवाल, शिवानी ,मन्नू भंडारी ,अमृता प्रीतम ,कृष्णा सोबती ,नासिरा शर्मा ,मृदुला गर्ग आदि प्रमुख है .


विडियो के रूप में देखें - 



COMMENTS

Leave a Reply: 11
  1. Sir yeh questions ka ans batayeh.? Sem 3 ka hai. upanyas ko paribhashit karte hue uske swaroop aur visheshtaon ko bataiye.

    जवाब देंहटाएं
  2. Thank you so much sir bhot help Mili hmko Aapke notes se☺️☺️

    जवाब देंहटाएं
  3. guru g bahut bahut danyabaad
    Maine pg hindi mai ki hai but ider se muje bahut jaankari mili hai
    Bahut bahut shukriya

    जवाब देंहटाएं
  4. Sir upanyaas ko vistaar aur saral shabdon me thoda samajhna chahte hai kya aap samajhayenge

    जवाब देंहटाएं
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ हमें उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !
टिप्पणी के सामान्य नियम -
१. अपनी टिप्पणी में सभ्य भाषा का प्रयोग करें .
२. किसी की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी न करें .
३. अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .

नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,37,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,4,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,8,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,5,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,6,कविता,1473,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,38,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,2,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,139,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,6,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,35,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,76,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,5,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,28,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,8,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,39,निर्मल वर्मा,3,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,202,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,139,प्रयोजनमूलक हिंदी,37,प्रेमचंद,46,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,88,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,9,भक्ति साहित्य,143,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,17,भीष्म साहनी,7,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,10,मलिक मुहम्मद जायसी,9,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,3,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,14,मैला आँचल,8,मोहन राकेश,13,यशपाल,14,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,21,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,124,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,8,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,1,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,8,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,57,शैलेश मटियानी,2,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,4,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,33,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,44,समसामयिक हिंदी लेख,266,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,20,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,86,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,11,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,428,हिंदी लेख,530,हिंदी व्यंग्य लेख,14,हिंदी समाचार,180,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,91,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aapka-banti-mannu-bhandari,5,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,10,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,19,hindi essay,420,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,105,hindi stories,677,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,56,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,22,kavyagat-visheshta,25,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,11,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,raag-darbari-shrilal-shukla,7,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,6,sponsored news,10,suraj-ka-satvan-ghoda-dharmveer-bharti,4,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,48,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: हिंदी उपन्यास का उद्भव एवं विकास
हिंदी उपन्यास का उद्भव एवं विकास
हिंदी उपन्यास का उद्भव एवं विकास हिंदी उपन्यास का उद्भव एवं विकास hindi upanyas ka udbhav aur vikas हिन्दी उपन्यासों का प्रारम्भ भारतेन्दु काल में हो गया था।लाला श्रीनिवास दास का "परीक्षा गुरु' हिन्दी का प्रथम मौलिक उपन्यास माना जाता है hindi upanyas ka udbhav aur vikas par prakash daliye
https://i.ytimg.com/vi/vkbUIRnp9LQ/hqdefault.jpg
https://i.ytimg.com/vi/vkbUIRnp9LQ/default.jpg
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2019/02/hindi-upanyas-udbhav.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2019/02/hindi-upanyas-udbhav.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका