जो हुआ अच्छा हुआ कहानी Jo Hua Achcha Hua Story In Hindi जो हुआ, वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है, जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा।रानी को हार खोने और मिलने का कोई दुःख और सुख नहीं था तथा घोड़े के मालिक को भी घोड़े गायब होने में भगवान् की इच्छा और मिल जाने पर भी भगवान् की इच्छा मालूम हुई .इस प्रकार मनुष्य भी अगर दुःख - सुख में समान रूप से व्यवहार करे तो उसका जीवन खुशहाल हो जाएगा .
जो हुआ अच्छा हुआ कहानी
Jo Hua Acha Hua Story In Hindi
बहुत पहले की बात है ,एक महल में एक रानी रहती थी .एक बार नौकरानी ने रानी के कमरे में आकर रानी से कहा - महारानी जी ! आपका कीमती हार नहीं मिल रहा है .महारानी बोली - भला हुआ अच्छा हुआ . नौकरानी चुपचाप चली गयी .कुछ समय बीतने पर नौकरानी ने रानी से आकर कहा - रानी जी ! आपका कीमती हार मिल गया है .तब भी रानी बोली - भला हुआ ,अच्छा हुआ .नौकरानी बड़े आश्चर्य में पड़ गयी और सोचने लगी ,यह कैसी मालकिन है ,जिन्हें न खोने का दुःख है और न पाने की ख़ुशी .इनको तो कोई फर्क ही नहीं पड़ता .
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संत जी |
इसी तरह एक महान संत ने एक कथा सुनाई - एक आदमी के एक बहुत बढियां घोड़ा था .यह बात किसी ने नगर के राजा को बताई और कहा - महाराज ! वह घोड़ा तो आपके पास होना चाहिए .राजा ने अपने दीवान को बुलाया और कहा कि उस आदमी के पास जाओ ,जितना भी मूल्य उसे देना पड़े,दाम देकर उस घोड़े को खरीद लाओ .
दीवान कुछ लोगों के साथ उस आदमी के पास गया और बोला - यह घोड़ा राजा को पसंद है ,उन्हें चाहिए .इसके लिए तुम जितना भी मूल्य उसे देना पड़े ,दाम देकर उस घोड़े को खरीद लाओ .
दीवान कुछ लोगों के साथ उस आदमी के पास गया और बोला - यह घोड़ा राजा को पसंद है ,उन्हें चाहिए .इनके लिए जितना भी मूल्य मानोंगे मिलेगा .उस आदमी ने कहा - मैं तो अपना घोड़ा नहीं बेचूंगा . घोड़ा बेचने के लिए उन आदमियों ने भी समझाया फिर भी वह नहीं माना तो ,दीवान वापस चला गया .
कुछ दिनों के बाद वह घोड़ा अचानक घूम हो गया .वह आदमी दुखी था तब सबने कहा ,तुमको तो वह घोड़ा बेचने के लिए अच्छे पैसे मिल रहे थे .तुमने पैसे नहीं लिए .अब देखो घोड़ा मुफ्त में चला गया .उस आदमी ने कहा जैसी भगवान् की इच्छा थी ,वह हुआ .
कुछ दिनों के बाद घोड़ा वापस आ गया और साथ में अपने साथ तीन - चार घोड़ों को और ले आया . घोड़े के साथ तीन - सार और घोड़ों को देखकर उन सभी ने कहा - अच्छा किया जो घोड़ा नहीं बेचा .देखो ,बेच दिया होता तो बाकी के घोड़े कैसे मिलते ? तब उस आदमी ने फिर कहा - जैसी भगवान् की इच्छा थी हुआ .
मतलब उस कि उस रानी को हार खोने और मिलने का कोई दुःख और सुख नहीं था तथा घोड़े के मालिक को भी घोड़े गायब होने में भगवान् की इच्छा और मिल जाने पर भी भगवान् की इच्छा मालूम हुई .इस प्रकार मनुष्य भी अगर दुःख - सुख में समान रूप से व्यवहार करे तो उसका जीवन खुशहाल हो जाएगा .
कहानी से शिक्षा -
- अपनी प्रशंसा आप न करें ,यह कार्य आपके सत्कर्म स्वयं करा लेंगे .
- दुःख - सुख में समान रूप से व्यवहार करे.
- जो हुआ, वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है, जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा।
ha ye shi bat hain, hum bhi mante hai is bat ko jo hua achha hua, jo hoga achha hoga
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया
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