गणेश जी की महिमा

SHARE:

गणेश जी की महिमा Ganesh Ji ki Mahima श्री गणेश जी की महिमा श्री गणेश महिमा kartab hai balwan jagat me गणेश जी की मूर्ति के आगे नतमस्तक होकर उसके चरण छुए .दोनों ने समझ लिया कि यह सब कुछ गणेशजी की महिमा है .कुछ ही दिन में पंडिताइन जी गर्ववती हो गयी और नौ महीने के बाद एक सुन्दर पुत्र को जन्म दिया .

गणेश जी की महिमा
Ganesh Ji ki Mahima

श्री गणेश जी की महिमा  श्री गणेश महिमा kartab hai balwan jagat me - बहुत पुरानी बात है .शाहाबाद में पंडित हरगोविंद रहते थे .उनकी पत्नी थी कमला .वह सीधे ,सरल और ईमानदार थे .उनका रहन - सहन सादा था .गाँव में उनकी अच्छी साख थी .उन्हें गाँव में सभी मान सम्मान देते थे . 

पंडित व पंडिताइन दोनों खुश रहते थे .घर - घर पूजा पाठ करना हरगोविंद का काम था .हरगोविन्द को निसंतान होने का दुःख सालता रहता था .

गणेश जी
गणेश जी 
शाहाबाद में ही धनराज साहूकार रहता था .वह पक्का कंजूस था .वह लोगों को सूद पर रुपये देता था .अपने रुपयों को वह कठोरता से वसूलता भी जानता था .एक बार हरगोविंद ने उससे कर्जा ले लिया .पर समय पर धनराज का कर्जा न उतार सके .इसी बात को लेकर धनराज उन पर बरस पड़ा.उसने हरगोविंद को बहुत बुरा - भला कहा .इतना ही नहीं ,उसने हरगोविन्द को उनके मकान से बाहर निकाल दिया .हरगोविंद गाँव से बाहर झोपड़ी बनाकर रहने लगे .  

एक बार ,करवा चौथ का त्यौहार आया . सभी त्यौहार मनाने में लगे गए .धनराज की पत्नी ने भी व्रत रखा .उसके घर में मिठाइयाँ बनी ,फल फूल का प्रबंध हुआ .धूमधाम से पूजा की गयी .धनराज ने हरगोविंद को बुलाया और उनसे पूजा करवाई .किन्तु उसने दक्षिना के नाम पर हरगोविंद को कुछ जलेबियाँ और दो केले ही दिए .हरगोविंद मुस्करा कर दूसरे यजमानों के यहाँ चले गए . 

कमला ने भी व्रत रखा .उन्होंने गुड़ और तिल मिलाकर चार पेड़े बनाये .आसपास के वृक्षों के कुछ फल फूल तोड़े .व्रत पूरा हुआ तो पति - पत्नी ने गुड़ के एक - एक पेड़े और कुछ फलों का प्रसाद ग्रहण किया .उसके बाद वे सो गए . 

रात में दोनों को किसी आदमी के रोने कल्पने की आवाज सुनाई दी .वे जाग गए .वे अपनी झोपड़ी से बाहर निकले देखा - एक वृद्ध आदमी सड़क पर बिलख - बिलख कर रो रहा है .पूछने पर उसने बताया कि घर वालों ने उसे बाहर निकाल दिया है .कई ड़ों से उसे खाने को कुछ भी नहीं मिला है .यह सुन पंडित हरगोविंद और कमला का मन पिघल गया .वे बूढ़े आदमी को अपनी झोपड़ी में ले आये .उन्होंने उसकी खूब सेवा की .उसे खाने के लिए गुड़ के दो पेड़े दिए . 

वृद्ध आदमी प्रसाद का एक पेड़े खाने लगा ,तो वह पेड़ उसके हाथ से गिर गया .वह रोने लगा .हरगोविंद को दया आ गयी .उन्होंने दूसरे पेड़े को तोड़ तोड़ कर अपने हाथों से वृद्ध आदमी को खिला दिया .फिर खाट पर आराम से सुला दिया . 

कुछ देर बाद बूढा आदमी जाग गया .उठने के साथ ही वह बिलख - बिलख कर रोने लगा .हर गोविन्द ने उससे रोने का कारण पूछा ,तो वह बोला - " मेरे पेट में भयानक दर्द हो रहा है ."

हरगोविंद और कमला परेशान हो गए .उसका उन्होंने घरेलु उपचार किया तो वृद्ध व्यक्ति को आराम मिला .फिर वह सो गया . 

सुबह हो गयी .चिड़ियों की चहचाहट से हरगोविंद और कमला की आँखें खुल गयी .उन्होंने वृद्ध व्यक्ति का हाल पूछने के लिए खाट की ओर देखा .खाट खाली थी .वहाँ कोई नहीं था .उन्होंने चारों तरफ देखा .वे चौके क्योंकि अब वह झोपड़ी के स्थान पर एक पक्के घर में थे .घर साफ़ - सुथरा था .कमरे की दीवारों पर कीमती पोशाकें टंगी थी .खाट की जगह पलंग था .जहाँ गुड़ के पेड़े गिरे थे वहाँ हीरे - मोतियों का ढेर लग गया था .वहीँ पास में गणेशजी की मूर्ति रखी थी .

पंडित और पंडिताइन दोनों ने गणेश जी की मूर्ति के आगे नतमस्तक होकर उसके चरण छुए .दोनों ने समझ लिया कि यह सब कुछ गणेशजी की महिमा है .कुछ ही दिन में पंडिताइन जी गर्ववती हो गयी और नौ महीने के बाद एक सुन्दर पुत्र को जन्म दिया . 

उसी दिन रात में धनराज के यहाँ भी अजीब घटना घटी . एक वृद्ध आदमी उसके घर रोते - कल्पते हुए पहुँचा .उसे भूख लगी थी .उसने धनराज से भोजन माँगा .पर उसे धनराज की पत्नी ने खदेड़ कर भगा दिया . 

वृद्ध व्यक्ति वहाँ से अपमानित होकर कहीं चला गया ,किसी को पता भी नहीं चला .उसी रात धनराज के घर में आग लग गयी .उसका सब कुछ स्वाहा हो गया .सेवा का भाव होने के कारण हरगोविंद को सेवा का मेवा मिल गया उधर धनराज के अच्छे दिन बुरे दिन में बदल गए . 

कहानी से शिक्षा - 
  • गरीब ,वृद्ध व्यक्ति की सेवा करनी चहिये . 
  • किसी का अपमान व अत्याचार नहीं करना चाहिए . 

COMMENTS

Leave a Reply

You may also like this -

Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका