लड़के की ईमानदारी

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लड़के की ईमानदारी Imandari par kahani लड़के की ईमानदारी ईमानदार लड़का ईमानदारी पर छोटी कहानी with moral - गुलाब गरीब माँ बाप का लड़का था .वह एक कंपनी में काम करता था .कंपनी में काम करने वाले लोग उसे घृणित निगाह से देखा करते थे .वे उससे अपना काम करवाते थे तथा उसे डांटते और फटकारते भी थे .

लड़के की ईमानदारी


लड़के की ईमानदारी ईमानदार लड़का ईमानदारी पर छोटी कहानी with moral - गुलाब गरीब माँ बाप का लड़का था .वह एक कंपनी में काम करता था .कंपनी में काम करने वाले लोग उसे घृणित निगाह से देखा करते थे .वे उससे अपना काम करवाते थे तथा उसे डांटते और फटकारते भी थे . 

गुलाब दुःख दर्द सहते हुए अपने काम में लगा रहता था .वह बहुत ही सीधा -सादा और ईमानदार लड़का था . 

ईमानदार लड़का
ईमानदार लड़का
एक दिन की बात है .गुलाब को किसी काम से जल्दी घर जाना था .इसीलिए वह अपना काम जल्दी - जल्दी निपटा रहा था .तभी अन्य काम करने वाले लोग उससे अपना काम करने के लिए कहने लगे ,"तो उसने कहा ,"क्षमा कीजियेगा ,आज मैं आप लोगों का काम नहीं कर सकता क्योंकि आज मुझे घर जल्दी जाना है . 

इस पर वे लोग गुस्सा हो गए और उसे पीट डाला . 

जब यह बात कंपनी के मालिक को मालूम हुई तो उन्हें बहुत क्रोध आया . वे गुलाब के पास गए .उनके आने से पहले ही गुलाब ने अपने आँसुओं को पोंछ लिया .

मालिक ने गुलाब से सभी के सामने पूछा ,"बताओ ,तुम्हे किस किसने मारा है ? मैं उसे नौकरी से निकालूँगा ."

यह सुनकर गुलाब के पीटने वालों के डर के मारे बुरा हाल था .उनका ह्रदय थर -थर काँप रहा था . 

अतः गुलाब बोला ," मुझे किसी ने नहीं मारा है ."

मालिक ने कहा ,"नहीं ,तुम झूँठ बोल रहे हो .तुम्हारी सूरत बता रही है कि तुम्हे पीटा गया है .सच -सच बताओ तुम्हे किसने पीटा है ? गुलाब बोला ,"मैं सच कहता हूँ मुझे किसी ने नहीं पीटा है और भला यह लोग मुझे क्यों पीटेंगे ? ये लोग तो मुझे बहुत प्यार करते हैं ."

मालिक को सच्चाई मालूम थी ,लेकिन गुलाब के बार बार इनकार करने पर उसकी कर्मठता को देखकर ,मन ही मन उसकी प्रशंसा करते हुए चले गए . 

इधर सभी काम करने वालों की आँखों से पश्चाताप के आँसू बहने लगे .वह कहने लगे ,"हम लोगों ने इस बेचारे को कितना कष्ट दिया और उसके बदले में इस ईमानदार लड़के ने झूँठ बोलकर हम लोगों को नौकरी से छुड़ाने से बचा लिया . सचमुच कितना अच्छा लड़का है यह ."

अब सभी लोगों के अन्दर नफरत की जगह उसके प्रति प्यार भर गया .सभी गुलाब से क्षमा माँगने लगे तो उसने कहा ,"आप लोग ऐसा करके मुझे शर्मिंदा न करें ?

सभी लोगों को अपने किये हुए पर बहुत पश्चाताप हुआ . 

अंत में सभी ने मिलकर गुलाब का पूरा काम कराना चाहा तो ,उसने कहा " मैं अपना काम स्वयं करता हूँ .इसीलिए आप लोग कष्ट कर करें ."

यह सुनकर सभी आश्चर्य में रह गए और उनकी नज़रों में गुलाब की इज्जत और अधिक बढ़ गयी . 


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