पतंग आलोक धन्वा

SHARE:

पतंग आलोक धन्वा patang by alok dhanva पतंग आलोक धन्वा पतंग पर कविता इन हिंदी patang alok dhanwa summary patang by alok dhanwa in hindi patang by alok dhanva Patang Poem Explanation patang poem by alok dhanwa cbse class 12 hindi poem explanation पतंग कविता की व्याख्या patang by alok dhanwa in hindi patang by alok dhanva patang poem by alok dhanwa questions and answers कविता के साथ

पतंग आलोक धन्वा
patang by alok dhanwa


पतंग आलोक धन्वा patang alok dhanwa summary patang by alok dhanwa in hindi पतंग पर कविता इन हिंदी patang by alok dhanva Patang Poem Explanation patang poem by alok dhanwa cbse class 12 hindi poem explanation पतंग कविता की व्याख्या - 

सबसे तेज़ बौछारें गयीं भादों गया
सवेरा हुआ
ख़रगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा
शरद आया पुलों को पार करते हुए
अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए
घंटी बजाते हुए ज़ोर-ज़ोर से
चमकीले इशारों से बुलाते हुए
पतंग उड़ानेवाले बच्चों के झुंड को
चमकीले इशारों से बुलाते हुए और
आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए
कि पतंग ऊपर उठ सके-
दुनिया की सबसे हलकी और रंगीन चीज़ उड़ सके
दुनिया का सबसे पतला काग़ज़ उड़ सके-
बाँस की सबसे पतली कमानी उड़ सके-
कि शुरू हो सके सीटियों, किलकारियों और
तितलियों की इतनी नाज़ुक दुनिया

व्याख्या - कवि कहता है कि भादों महीने की तेज़ बौछारों वाला मौसम चला गया अर्थात बरसात का मौसम चला गया .अब खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा शरद ऋतू जैसा लाल सुबह आ चुकी है .यहाँ शरद ऋतू का मानवीयकरण करते हुए उसे नयी चमकीली साइकिल से की गयी है ,जो घंटी बजाते हुए चला जा रहा है .मौसम अपने चमकीली इशारों से पतंग उड़ाने वालो बच्चों के लिए आकाश इतना मुलायम कर दिया गया है कि मौसम साफ़ हो गया है .बच्चे दुनिया की सबसे हलकी रंगीन चीज़ ,पतला कागज़ का प्रयोग ,बॉस की सबसे पतली कमानी का प्रयोग करके पतंग उठा सके ,इसके लिए मौसम उनके अनुकूल बना दिया गया है .पतंगों को उड़ता देखकर बच्चे सीटियाँ ,किलकारी मारने लगते हैं .इसके साथ ही इस मौसम से रंग - बिरंगी तितलियाँ भी उड़ती रहती है ,जिससे बच्चों की दुनिया बहुत नाज़ुक हो जाती है . 

२. जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास
पृथ्वी घूमती हुई आती है उनके बेचैन पैरों के पास
जब वे दौड़ते हैं बेसुध
छतों को भी नरम बनाते हुए
दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए
जब वे पेंग भरते हुए चले आते हैं
डाल की तरह लचीले वेग से अक्सर
छतों के खतरनाक किनारों तक-
उस समय गिरने से बचाता है उन्हें
सिर्फ़ उनके ही रोमांचित शरीर का संगीत
पतंगों की धड़कती ऊचाइयाँ उन्हें थाम लेती हैं महज़ एक धागे के सहारे
पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं
अपने रंध्रों के सहारे

व्याख्या - कवि कहता है कि बच्चे जन्म से ही कपास जैसी कोमलता और लोचपन लिए रहते हैं .उनकी कोमलता को स्पर्श करने के लिए धरती भी बच्चों के पीछे घूमती रहती है . बच्चे हर समय दौड़ते रहते हैं .वे दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए ,झूले की पेंग की तरह ,आगे - पीछे दौड़ते हैं . उनमे पेड़ की डाल की तरह लचीला वेग रहता है .बच्चे पतंग उड़ाते समय इतना बेसुध रहते हैं कि वे छतों के खरतनाक किनारों पर भी चढ़ जाते हैं और बच जाते हैं .वे केवल इस समय पतंगों को अधिक ऊँचाई पर ले जाने के लिए एक धागे के सहारे उनका ध्यान लगा रहता है ,जिससे वे और ऊँचाईयों पर पहुँच सके . 

३. अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से
और बच जाते हैं तब तो
और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं
पृथ्वीन और भी तेज़ घूमती हूई आती है
उनके बेचैन पैरों के पास।

व्याख्या -  कवि कहता है कि बच्चा पतंग उड़ाने में इतना तल्लीन हो जाते हैं कि उन्हें छतों के खतरनाक किनारों का आभास ही नहीं रहता है और वे अगर गिरने से बच जाते हैं ,तो वे पुनः निडर होकर सुनहले सूरज के सामने सीना तानकर पतंग उड़ाते है .अब पृथ्वी भी तेज़ गति से उनके बेचैन पैरों के पास घूमती रहती है .अब बच्चे साहसी हो गए हैं . 

पतंग आलोक धन्वा patang alok dhanwa summary patang by alok dhanwa in hindi patang by alok dhanva कविता का सार /मूल भाव /केन्द्रीय भाव - 


पतंग आलोक धन्वा जी द्वारा लिखी गयी एक प्रसिद्ध कविता है .इस कविता में आपने पतंग के बहाने बालसुलभ इच्छाओं एवं उमंगों का सुन्दर चित्रण किया है .बाल क्रियाकलापों एवं प्रकृति में आये परिवर्तन को अभिव्यक्त करने के लिए सुन्दर बिम्बों का उपयोग किया गया है .पतंग बच्चों की उमंगों को रंग - बिरंगा सपना है .आसमान में उड़ती हुई पतंग ऊँचाईयों की वे हदें हैं ,बालपन जिन्हें छूना चाहता है और उसके पार जाना चाहता है . भादों महीने की तेज़ बौछारों वाला मौसम चला गया अर्थात बरसात का मौसम चला गया .अब खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा शरद ऋतू जैसा लाल सुबह आ चुकी है .यहाँ शरद ऋतू का मानवीयकरण करते हुए उसे नयी चमकीली साइकिल से की गयी है ,जो घंटी बजाते हुए चला जा रहा है .कविता धीरे - धीरे बिम्बों की एक ऐसी नयी दुनिया में ले जाती है जहाँ शरद ऋतू का चमकीला इशारा है ,जहाँ तितलियों की रंगीन दुनिया है ,दिशाओं के मृदंग बजते हैं .जहाँ छतों के खतरनाक कोने के गिरने का भय है ,तो दूसरी ओर भय पर विजय पाते बच्चे हैं जो गिर - गिर संभलते हैं और पृथ्वी का हर कोना खुद - ब - खुद उनके पास आ जाता है .वे पतंग उड़ाने में तल्लीन रहते हैं यदि वे छतों के खतरनाक किनारों से बच जाते हैं ,तो उनकी निर्भीकता और अधिक बढ़ जाती है ,जिससे सूरज के सामने सीना तानकर पतंग उड़ाते हैं .पृथ्वी बच्चों के इर्द - गिर्द घूमती है .वास्तव में बच्चे पतंगों के सहारे आकाश की ऊँचाईयों को छूना चाहते हैं और स्वयं पतंग के समान बन गए हैं .वे हर बार नयी - नयी पतंगों को सबसे ऊँचा उड़ाने का हौसला लिए फिर -फिर भादों के बाद शरद की प्रतीक्षा कर रहे हैं . 


पतंग आलोक धन्वा पतंग पर कविता इन हिंदी patang alok dhanwa summary patang by alok dhanwa in hindi patang by alok dhanva patang poem by alok dhanwa questions and answers कविता के साथ - 


प्र.१. सबसे तेज़ बौछारे गयी,भादों गया 'के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है ,उसका वर्णन अपने शब्दों में करें .

उ.१. कवि ने  प्रस्तुत कविता में वातावरण का सुन्दर मानवीकरण किया है .कविता के प्रारंभ में ही कवि कहता है कि भादों मास की तेज़ वर्षा का मौसम गया .तेज़ बौछारों को मौसम भादों चला गया ,अब उसकी जगह पर शरद का मास आ गया .अब जैसे लगता है कि सूरज खरगोश की आँखों जैसा लाल - लाल दिखाई देता है .सवेरा ,चमकीली साइकिल चलाते हुए घंटियों बजाते हुए बच्चों को घंटियाँ सूना रहा है .आकाश बहुत मुलायम बन जाता है ,जिससे बच्चे पतंग उड़ा सके .

प्र.२. सोच कर बताएं कि पतंग के लिए सबसे हलकी ,रंगीन चीज़ सबसे पतला कागज़ ,सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग क्यों किया है ?

उ.२. पतंग के लिए सबसे हलकी ,रंगीन चीज़ सबसे पतला कागज़ ,सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग किया गया .पतंग की विशेषता इन्ही गुणों से युक्त है .बच्चे भी इन्ही की तरह होते हैं .वे भी अपने पतंग के माध्यम से आकाश की ऊँचाई को छूना चाहते हैं .अतः पतंग द्वारा ही आकाश की ऊँचाई तक पहुँचा जा सकता है . 

प्र.३. बिम्ब स्पष्ट करें - 
सबसे तेज़ बौछारें गयीं भादों गया
सवेरा हुआ
ख़रगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा
शरद आया पुलों को पार करते हुए
अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए
घंटी बजाते हुए ज़ोर-ज़ोर से
चमकीले इशारों से बुलाते हुए
पतंग उड़ानेवाले बच्चों के झुंड को
चमकीले इशारों से बुलाते हुए और
आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए
कि पतंग ऊपर उठ सके

उ.३. कवि ने प्रस्तुत पंक्तियों में कुछ बिम्बों का प्रयोग किया है ,जो की निम्न है - 
सबसे तेज़ बौछारों गयी - दृश्य बिम्ब . 
घंटी बजाते हुए - श्रव्य बिम्ब .
आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए - स्पर्श बिम्ब . 

प्र.४. जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास - कपास के बारे में सोचें कि कपास से बच्चों का क्या सम्बन्ध बन सकता है .

उ.४. कवि कहते हैं कि बच्चे जन्म से कपास की तरह कोमल ,मुलायम दार होते हैं .वे पतंग उड़ाने में इतने तल्लीन रहते हैं कि छतों के खतरनाक किनारों को भी ध्यान नहीं रख पाते हैं .वे पतंग उड़ाने के लिए बेसुध होकर दौड़ते हैं .मानों कि वे स्वयं पतंग हो गए हैं और पतंग के समान उड़ रहे हो .कपास उनकी कोमलता को अभिव्यक्त करता है . 

प्र.५. पतंगों के साथ - साथ वे भी उड़ रहे हैं - बच्चों का उड़ान से कैसा सम्बन्ध बनता है ?

उ.५. बच्चे कोमल होते हैं .वे पतंगों के समान उड़ना चाहते हैं .वे पतंग उड़ाने में तल्लीन रहते हैं यदि वे छतों के खतरनाक किनारों से बच जाते हैं ,तो उनकी निर्भीकता और अधिक बढ़ जाती है ,जिससे सूरज के सामने सीना तानकर पतंग उड़ाते हैं .पृथ्वी बच्चों के इर्द - गिर्द घूमती है .वास्तव में बच्चे पतंगों के सहारे आकाश की ऊँचाईयों को छूना चाहते हैं और स्वयं पतंग के समान बन गए हैं . 



COMMENTS

Leave a Reply: 3
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ हमें उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !
टिप्पणी के सामान्य नियम -
१. अपनी टिप्पणी में सभ्य भाषा का प्रयोग करें .
२. किसी की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी न करें .
३. अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .

नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,37,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,4,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,8,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,5,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,7,कविता,1477,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,40,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,3,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,139,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,6,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,35,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,77,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,7,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,28,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,12,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,39,निर्मल वर्मा,4,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,202,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,139,प्रयोजनमूलक हिंदी,38,प्रेमचंद,49,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,88,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,9,भक्ति साहित्य,143,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,18,भीष्म साहनी,9,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,10,मलिक मुहम्मद जायसी,9,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,3,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,14,मैला आँचल,8,मोहन राकेश,16,यशपाल,19,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,21,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,125,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,8,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,3,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,8,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,57,शैलेश मटियानी,3,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,4,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,34,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,44,समसामयिक हिंदी लेख,270,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,20,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,86,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,11,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,433,हिंदी लेख,535,हिंदी व्यंग्य लेख,14,हिंदी समाचार,183,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,91,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aapka-banti-mannu-bhandari,6,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,divya-upanyas-yashpal,5,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,11,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,20,hindi essay,425,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,105,hindi stories,681,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,75,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,23,kavyagat-visheshta,26,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,12,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,raag-darbari-shrilal-shukla,8,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,6,sponsored news,10,suraj-ka-satvan-ghoda-dharmveer-bharti,6,Syllabus,7,tamas-upanyas-bhisham-sahni,3,top-classic-hindi-stories,58,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: पतंग आलोक धन्वा
पतंग आलोक धन्वा
पतंग आलोक धन्वा patang by alok dhanva पतंग आलोक धन्वा पतंग पर कविता इन हिंदी patang alok dhanwa summary patang by alok dhanwa in hindi patang by alok dhanva Patang Poem Explanation patang poem by alok dhanwa cbse class 12 hindi poem explanation पतंग कविता की व्याख्या patang by alok dhanwa in hindi patang by alok dhanva patang poem by alok dhanwa questions and answers कविता के साथ
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2018/06/patang-alok-dhanva.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2018/06/patang-alok-dhanva.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका