एक व्यापारी था .बहुत बुद्धिमान और बहुत धनवान .उसका करोड़ों का कारोबार था .उसके शहर में आये दिन कोई न कोई चोरी होती रहती थी ,मगर चोर कभी भी पकड़ा नहीं जाता था .क्योंकि हर बार वह चालाकी से चकमा देकर भाग जाता था . उस व्यापारी ने अपने बारे में यह अफवाह फैला रखी थी कि रात को उसे कुछ नहीं दिखाई देता क्योंकि उसे रतौंधी नामक रोग है .
बुद्धिमान व्यापारी
Intelligent businessman
एक व्यापारी था .बहुत बुद्धिमान और बहुत धनवान .उसका करोड़ों का कारोबार था .उसके शहर में आये दिन कोई न कोई चोरी होती रहती थी ,मगर चोर कभी भी पकड़ा नहीं जाता था .क्योंकि हर बार वह चालाकी से चकमा देकर भाग जाता था .
उस व्यापारी ने अपने बारे में यह अफवाह फैला रखी थी कि रात को उसे कुछ नहीं दिखाई देता क्योंकि उसे रतौंधी नामक रोग है .
बुद्धिमान व्यापारी |
उधर जब चोरों को यह पता चला कि उस व्यापारी को रतओंधि रोग है ,तो उन्होंने उस व्यापारी के घर हाथ साफ़ करने की योजना बनायी .अभी तक चोर उसके घर चोरी करने में सफल नहीं हो सका था .एक रात जब चोर उस व्यापारी के घर चोरी करने पहुँचा ,तो व्यापारी की आँख खुल गयी .उसने चोर को देख भी लिया .मगर सोचा कि चोर के पास कोई हथियार भी हो सकता है .उसने एक चाल चली .वह पास सो रही अपनी पत्नी से जोर से बोला - "सुनती हो ,अभी -अभी एक सुन्दर सपना देखा है ."
पत्नी ने पूछा - "क्या देखा है ?
सुबह होते ही कच्चे रेशम के दाम दोगुने होने वाले हैं .
अपने घर तो ढेर सारा रेशम का धागा हैं न ?
हाँ है तो सही ,मगर रात को क्या करना है ? " पत्नी ने पूछा .
दरअसल पत्नी को पता नहीं था कि घर में चोर घुसा हुआ है .व्यापारी ने उसे इशारा करके बता दिया कि चोर खम्बे के पीछे छिपा हुआ है .फिर व्यापारी बोला - अगर मुझे रतौंधी नहीं होती ,तो सारा धागा इसी वक्त नापकर देखता कि आखिर कितना मुनाफा सूरज निकलते ही हो जाएगा .
रहने भी दो " पत्नी बोली .
सुबह ही नापकर देख लेना कि कितना फायदा होगा .आपको कुछ दिखाई तो देगा नहीं ."
अरे अपने ही घर में क्या मुझे पता नहीं चलेगा कि कौन सी चीज़ कहाँ है ?
मुझे तो चैन ही नहीं आ रहा आओ ,उठकर रेशम नापें .
कुछ करना थोड़े ही है ,बस खम्बे के चारों तरफ लपेट - लपेट कर अनुमान लगा लूँगा कि कितना कच्चा धागा है ."
"ठीक है .मैं तो सो रही हूँ ,तुम्ही नाप लो ."
उसकी पत्नी ने कहा तथा सोने का नाटक करने लगी .इधर व्यापारी ने अंधेपन का नाटक करते हुए खम्बे के चारों ओर कच्चे रेशम को लपेटना शुरू कर दिया .इसी बीच वह कई बार चोर के सामने से गुजरा जो उसी खम्बे से सटकर खड़ा था ,मगर व्यापारी रेशम लपेटने हुए यही जता रहा था कि उसे कुछ भी दिखाई नहीं पड़ रहा है .फिर धीरे - धीरे खम्बे और चोर के चारों तरफ इतने चक्कर लग गए कि चोर के लिए टस से मस होना भी मुश्किल हो गया .
चोर ने यह सोचा था कि कच्चे रेशम के धागों को तोड़कर झट से निकल भागेगा ,मगर उन कोमल - कोमल धागों ने मिलकर इतना मजबूत रूप धारण कर लिया था कि वह उनमें बंधकर ही रह गया .यहाँ तक कि हाथ - पाँव भी न हिला सका .इसके बाद व्यापारी ने पुलिस को बुलाकर चोर को उनके हवाले कर दिया .चोर ने जाना कि कच्चे धागे आपस में जुड़कर जब एक हो जाते हैं तो वे भी पक्के हो जाते हैं .अर्थात एकता की ताकत सबसे महान व अचूक है .
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