अँधेरे का दीपक अँधेरे का दीपक समरी इन हिंदी अँधेरे का दीपक पोएम मीनिंग अँधेरे का दीपक पोएम समरी andhere ka deepak in english andhere ka deepak poem in english poem on deepak in hindi diya jalana kab mana hai summary in hindi Andhere Ka Deepak Poem Summary hai andheri raat par diya jalana kab mana hai meaning diya jalana kab mana hai explanation harivansh rai bachchan Andhere ka deepak By Harivansh Rai Bachchan अँधेरे का दीपक एक्सप्लेनेशन
अँधेरे का दीपक
Andhere ka deepak By Harivansh Rai Bachchan
है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है?
कल्पना के हाथ से कमनीय जो मंदिर बना था ,
भावना के हाथ से जिसमें वितानों को तना था,
स्वप्न ने अपने करों से था जिसे रुचि से सँवारा,
स्वर्ग के दुष्प्राप्य रंगों से, रसों से जो सना था,
ढह गया वह तो जुटाकर ईंट, पत्थर कंकड़ों को
एक अपनी शांति की कुटिया बनाना कब मना है?
है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है?
बादलों के अश्रु से धोया गया नभनील नीलम
का बनाया था गया मधुपात्र मनमोहक, मनोरम,
प्रथम उशा की किरण की लालिमासी लाल मदिरा
थी उसी में चमचमाती नव घनों में चंचला सम,
वह अगर टूटा मिलाकर हाथ की दोनो हथेली,
एक निर्मल स्रोत से तृष्णा बुझाना कब मना है?
है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है?
क्या घड़ी थी एक भी चिंता नहीं थी पास आई,
कालिमा तो दूर, छाया भी पलक पर थी न छा
आँख से मस्ती झपकती, बातसे मस्ती टपकती,
थी हँसी ऐसी जिसे सुन बादलों ने शर्म खाई,
वह गई तो ले गई उल्लास के आधार माना,
पर अथिरता पर समय की मुसकुराना कब मना है?
है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है?
हाय, वे उन्माद के झोंके कि जिसमें राग जागा,
वैभवों से फेर आँखें गान का वरदान माँगा,
एक अंतर से ध्वनित हो दूसरे में जो निरन्तर,
भर दिया अंबरअवनि को मत्तता के गीत गागा,
अन्त उनका हो गया तो मन बहलने के लिये ही,
ले अधूरी पंक्ति कोई गुनगुनाना कब मना है?
है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है?
हाय वे साथी कि चुम्बक लौहसे जो पास आए,
पास क्या आए, हृदय के बीच ही गोया समाए,
दिन कटे ऐसे कि कोई तार वीणा के मिलाकर
एक मीठा और प्यारा ज़िन्दगी का गीत गाए,
वे गए तो सोचकर यह लौटने वाले नहीं वे,
खोज मन का मीत कोई लौ लगाना कब मना है?
है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है?
क्या हवाएँ थीं कि उजड़ा प्यार का वह आशियाना,
कुछ न आया काम तेरा शोर करना, गुल मचाना,
नाश की उन शक्तियों के साथ चलता ज़ोर किसका,
किन्तु ऐ निर्माण के प्रतिनिधि, तुझे होगा बताना,
जो बसे हैं वे उजड़ते हैं प्रकृति के जड़ नियम से,
पर किसी उजड़े हुए को फिर बसाना कब मना है?
है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है?
अँधेरे का दीपक कविता का मूलभाव समरी इन हिंदी Andhere Ka Deepak Poem Summary
अँधेरे का दीपक कविता हरिवंशराय बच्चन जी द्वारा लिखित एक आशावादी कविता है . उनका मानना है कि जीवन में कभी निराश नहीं होना चाहिए . आशावाद ही जीवन का ध्येय होना चाहिए ,बल्कि ऐसी अँधेरी रात में दीपक जलाना चाहिए .हमने अपने जीवन में जो भी रंगीन सपने देखे थे ,जो भी महल बनाये थे ,भले ही आज वह गिर गया हो ,लेकिन फिर से एक कुटियाँ बना लेना उचित होगा . किसी शराबी के शराब के वर्तन टूटने पर उसे किसी झरने के जल को ग्रहण कर अपनी प्यास बुझानी चाहिए .उसे निरास नहीं होना चाहिए .कवि का मानना है कि समय परिवर्तनशील है .समय हमेशा एक सा नहीं रहता है . दुःख में रोने के बदले मुस्कारते हुए रहना ठीक है .कवि के जीवन में किसी अपने के आने से जीवन में परिवर्तन आ गया था ,जीवन खुशहाल हो गया था ,लेकिन साथी के चले जाने से सारे सम्बन्ध टूट गए . अतः ऐसे समय में नए सम्बन्ध बनाकर जीवन को सुखमय जीवन बिताना ही उचित है .
जीवन में जब भी समय का तूफ़ान चलता है कि सपनो के महल को चूर - चूर कर देता है . भले ही प्रकृति के आगे किसी की नहीं चलती है ,यदि प्रकृति में नाश करने की शक्ति है , तो मनुष्य में निर्माण की शक्ति है . अतः मनुष्य की अपनी निर्माण शक्ति का प्रयोग करते हुए जीवन में आगे बढ़ना चाहिए . मनुष्य के अपने जीवन में समस्यों को देखते हुए कभी निराश नहीं होना चाहिए ,बल्कि उसे आशावादी दृष्टिकोण को स्थान में रखते हुए नकारात्मक सोच का त्याग करना चाहिए . सकरात्मक सोच ही उन्नति में सहायक है इसीलिए जीवन में यदि अँधेरी रात हो ,तो दीपक जलाना माना नहीं है .
विडियो के रूप में देखें -
Keywords -
अँधेरे का दीपक
अँधेरे का दीपक समरी इन हिंदी
अँधेरे का दीपक पोएम मीनिंग
अँधेरे का दीपक पोएम समरी
andhere ka deepak in english
andhere ka deepak poem in english
poem on deepak in hindi
diya jalana kab mana hai summary in hindi
Andhere Ka Deepak Poem Summary
hai andheri raat par diya jalana kab mana hai meaning
diya jalana kab mana hai explanation
harivansh rai bachchan
Andhere ka deepak By Harivansh Rai Bachchan
अँधेरे का दीपक एक्सप्लेनेशन
COMMENTS