सांप्रदायिकता एक अभिशाप पर निबंध साम्प्रदायिकता क्या है सांप्रदायिकता का अर्थ सांप्रदायिकता की परिभाषा साम्प्रदायिकता के कारण साम्प्रदायिकता के परिणाम सांप्रदायिक एकता पर निबंध साम्प्रदायिकता और राजनीति जातिवाद की कविता जातिवाद पर शायरी जातिवाद पर व्यंग्य कविता साम्प्रदायिकता की कविता जातिवाद पर लेख साम्प्रदायिकता पर शायरी जातिवाद का जहर जातिवाद एक अभिशाप
जातिवाद और सांप्रदायिकता
Sampradayikta Essay in Hindi
हमारा भारत देश एक बहुत बड़ा देश है . इसमें अपने भाषाओँ ,अनेक जातियों और अनेक धर्मों के लोग रहते हैं . उनके खान पान ,वेशभूषा और रीति रिवाज भिन्न भिन्न है . यह एक मात्र ऐसा देश है जहाँ सबसे अधिक भाषाएँ
साम्प्रदायिकता के दुष्परिणाम |
साम्प्रदायिकता का अर्थ
एक सम्प्रदाय का अपने को उच्च और श्रेष्ठ समझना तथा दूसरे सम्पद्र्दाय के प्रति घृणा ,विध्व्श और हिंसा का भाव रखना ही साम्प्रदायिकता है . यह एक ऐसी बुराई है ,जो मानव - मानव के बीच में अलगाव पैदा कर देती है और समाज को टुकड़े टुकड़े कर देती है . यह राष्ट्रीय एकता और अखंडता के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा है . इससे सारे देश का वातावरण विषाक्त हो जाता है .साम्प्रदायिकता एक ऐसा पागलपन है जो लोगों को मानसिक और अध्याम्तामिक रूप से अँधा कर देता है .साम्प्रदायिक संघर्ष के कारण
भारत में सांप्रदायिकता की समस्या प्रारंभ से ही धार्मिक की अपेक्षा मुख्यतः राजनितिक रही है . सासंकृतिक संरुपों की विविधता कभी भी सांप्रदायिक संघर्ष का कारण नहीं रहा है . यह संघर्ष केवल सत्ता ,संपत्ति और समाज के ठेकदारों की दिमागी दुरभि संधि मात्र है . इसमें एक सम्प्रदाय दूसरे सम्प्रदाय से अपने को उच्च ,शक्तिशाली और श्रेष्ठ सिद्ध करने का प्रयास करता है ,स्वतन्त्रा प्राप्ति के बाद हमारे वोट की राजनीति ने इस बुराई को बढ़ाया। इसने अल्पसंख्यक सम्प्रदाय के प्रति तुष्टिकरण की नीति अपनायी।
साम्प्रदायिकता के परिणाम
सांप्रदिकता का उन्माद देश के कभी इस कोने में तो कभी उस कोने में ऐसी कटुता उत्पन्न कर देता है कि आये दिन हिन्दू मुस्लिम दंगे होते रहते हैं। इसके द्वारा तोड़ फोड़ आगजनी और नर संहार का ऐसा तांडव होता है कि मानवता शर्म से गर्दन झुका लेती है। धार्मिक उन्माद में वे इंसान से जानवर बन जाते हैं और देखने ही देखते खूँखार भेड़िये की तरह भोले भाले बच्चों को अनाथ कर देते हैं। इससे आर्थिक व्यवश्था डगमगा जाती है ,स्थिति के सामान्य होने में बहुत समय लगता है और इस वैमनस्य के शिकार हुए परिवार इसे जीवन पर्यन्त भुला नहीं पाते ,फिर वह प्रेम और स्नेह कैसे आ सकता है ?साम्प्रदायिक सद्भाव से तात्पर्य
सभी धर्मावलम्बियों के बीच परस्पर स्नेह और भाई चारा ही साम्प्रदयिकता सद्भाव है। इसके लिए आवश्यक है कि सब लोग आपसी मतभेदों को भुलाकर एक दूसरे के सुख दुःख में काम आएं। वह जिस धरती का अन्न खाये ,जल पिए और जिसकी हवा में साँस लें और उसी की आन - बान के लिए मर मिटे। इस देश को अपना समझे और इसमें आस्था रखें। वे यहाँ की पवित्र वसुंधरा पर रखकर विदेशों के अपवित्र सपने न देखें। सम्प्रदयिकता सद्भाव हमें यह सिखाता है कि हमें हिन्दू ,मुसलमान ,सिख या ईसाई होने के साथ - साथ एक अच्छा इंसान बनना चाहिए।साम्प्रदायिकता रोकने के उपाय
हमारे देश के अनेक समाज सुधारकों, साहित्यकारों और दार्शनिकों ने सांप्रदायिक समस्या पर गहरी चिंता व्यक्त की और इसका निवारण करने तथा लोगों में सद्भाव पैदा करने का प्रयास किया। उन्होंने समय और आवश्यकता के अनुसार धारणाओं में परिवर्तन करने का वह सन्देश दिया जिससे हम अपने समस्त विवाद और आपसी कलह को त्याग कर स्नेह और प्रेम की धारा प्रवाहित करने में जुट जाए क्योंकि प्रेम से प्रेम ,विश्वास से विश्वास ,घृणा से घृणा उत्पन्न होती है। फिर भारत भूमि तो हम सबकी मातृ भूमि है। हमें यह याद रखना होगा कि सभी धर्म आत्मा की शान्ति के लिए उस परमपिता परमेश्वर की आराधना पर बल देते हैं। वह तो एक है। कोई उसे भगवान् कहता है ,कोई खुदा या गाड। उस तक पहुंचेने के साधन चाहे भिन्न हो ,लेकिन लक्ष्य तो एक है।फिर सभी ने सत्य ,अहिंसा ,प्रेम ,सदाचार ,समानता और नैतिकता पर बल दिया है।हमें सभी पूजा - स्थली को पूजा भाव से देखना चाहिए और उनकी पवित्र को बनाये रखने में सहयोग देना चाइये।साम्प्रदायिक सद्भाव का महत्व स्वस्तः स्पष्ट हो गया है और फिर आज समय बहुत तेज़ी से बदल रहा है। हमें अपने संक्रिण विचारों विचारों को त्याग देता हैं और कंधे से कन्धा मिलकर अपने देश के लिए कुछ करना है और इसे प्रगति पथ पर आगे ले जाना है। मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम और विश्वास बनाये रखना है और उन ताकतों को जड़ से मिटा देना है ,जो साम्प्रदायिकता के जहर को उगल रही है। हमें अपना प्राचीन आदर्श नहीं भूलना है जिसका सन्देश है।
Keywords -
सांप्रदायिकता एक अभिशाप पर निबंध साम्प्रदायिकता क्या है सांप्रदायिकता का अर्थ सांप्रदायिकता की परिभाषा साम्प्रदायिकता के कारण साम्प्रदायिकता के परिणाम सांप्रदायिक एकता पर निबंध साम्प्रदायिकता और राजनीति जातिवाद की कविता जातिवाद पर शायरी जातिवाद पर व्यंग्य कविता साम्प्रदायिकता की कविता जातिवाद पर लेख साम्प्रदायिकता पर शायरी जातिवाद का जहर जातिवाद एक अभिशाप
संकीर्ण ऐसे दिखते हैं
जवाब देंहटाएंसंकीर्ण ऐसे लिखें
जवाब देंहटाएंसंकीर्ण ऐसे लिखें
जवाब देंहटाएंKafi achhe lekh hote hn aapke.
जवाब देंहटाएंMain apne lekh likhne se pahle aapke lekhon se hi prerna leta hoon
जवाब देंहटाएंMain apne lekh likhne se pahle aapke lekhon se hi prerna leta hoon aapka dhanyawaad
जवाब देंहटाएं