राणा सांगा का ये वंशज रखता था रजपूती शान। कर स्वतंत्रता का उदघोष, वह भारत का था अभिमान। मान सींग ने हमला करके राणा जंगल दियो पठाय। सारे संकट क्षण में आ गए घास की रोटी दे खवाय। हल्दीघाटी रक्त से सन गई, अरिदल मच गई चीख पुकार। हुआ युद्ध घनघोर अरावली, प्रताप ने भरी हुंकार।
महाराणा प्रताप
छंद-आल्हा या वीर
(16,15 पर यति गुरू लघु चरणांत)
राणा सांगा का ये वंशज
रखता था रजपूती शान।
कर स्वतंत्रता का उदघोष,
वह भारत का था अभिमान।
मान सींग ने हमला करके
राणा जंगल दियो पठाय।
सारे संकट क्षण में आ गए
घास की रोटी दे खवाय।
हल्दीघाटी रक्त से सन गई,
अरिदल मच गई चीख पुकार।
हुआ युद्ध घनघोर अरावली,
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महाराणा प्रताप |
प्रताप ने भरी हुंकार।
शत्रुसमूह ने घेर लिया था,
डट गया सिंह सा कर गर्जन।
सर्प सा लहराता प्रताप,
चल पड़ा शत्रु का कर मर्दन।
मान सींग को राणा ढूंढे,
चेतक पर बन के असवार।
हाथी के सिर पर दो टापें,
रख चेतक भर कर हुंकार।
रण में हाहाकार मचो तब,
राणा की निकली तलवार
मौत बरस रही रणभूमि में,
राणा जले हृदय अंगार।
आँखन बाण लगो राणा के,
रण में न कछु रहो दिखाय।
स्वामिभक्त चेतक ले उड़ गयो,
राणा के लय प्राण बचाय।
मुकुट लगा कर राणा जी को,
मन्नाजी दय प्राण गँवाय।
प्राण त्याग कर घायल चेतक,
सीधो स्वर्ग सिधारो जाय।
सौ मूड़ को अकबर हो गयो
जीत न सको बनाफर राय।
स्वाभिमान कभी नही छूटे
चाहे तन से प्राण गँवाय।
यह रचना सुशील कुमार शर्मा जी द्वारा लिखी गयी है . आप व्यवहारिक भूगर्भ शास्त्र और अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक हैं। इसके साथ ही आपने बी.एड. की उपाधि भी प्राप्त की है। आप वर्तमान में शासकीय आदर्श उच्च माध्य विद्यालय, गाडरवारा, मध्य प्रदेश में वरिष्ठ अध्यापक (अंग्रेजी) के पद पर कार्यरत हैं। आप एक उत्कृष्ट शिक्षा शास्त्री के आलावा सामाजिक एवं वैज्ञानिक मुद्दों पर चिंतन करने वाले लेखक के रूप में जाने जाते हैं| अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स में शिक्षा से सम्बंधित आलेख प्रकाशित होते रहे हैं | अापकी रचनाएं समय-समय पर देशबंधु पत्र ,साईंटिफिक वर्ल्ड ,हिंदी वर्ल्ड, साहित्य शिल्पी ,रचना कार ,काव्यसागर, स्वर्गविभा एवं अन्य वेबसाइटो पर एवं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं।आपको विभिन्न सम्मानों से पुरुष्कृत किया जा चुका है जिनमे प्रमुख हैं :-
1.विपिन जोशी रास्ट्रीय शिक्षक सम्मान "द्रोणाचार्य "सम्मान 2012
2.उर्स कमेटी गाडरवारा द्वारा सद्भावना सम्मान 2007
3.कुष्ट रोग उन्मूलन के लिए नरसिंहपुर जिला द्वारा सम्मान 2002
4.नशामुक्ति अभियान के लिए सम्मानित 2009
इसके आलावा आप पर्यावरण ,विज्ञान, शिक्षा एवं समाज के सरोकारों पर नियमित लेखन कर रहे हैं |
अपनी पुस्तक किस प्रकाशन से और कैसे छपवाएं कृपया मार्गदर्शन देने का कष्ट करें
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