तीन तलाक

SHARE:

मुस्लिम समाज में प्रचलित ‘तीन तलाक’, ‘निकाह हलाला’ और ‘बहु विवाह’ की प्रथा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करके इनका फैसला करेंगी।

तीन तलाक: फैसला संविधान पीठ करेगी

तीन तलाक
तीन तलाक
हमारे समाज में एक सोच बहुत ज्यादा प्रभावशाली है और वो है बिना सोचे-समझे किसी प्रथा को जन्म दे देना। संपूर्ण ज्ञान ना होते हुए भी लोग परम्पराओं को मान देने लगते हैं फिर चाहे वे किसी अन्य के लिए दुखदायी ही क्यों ना हो। कुछ इसी प्रकार की सोच का परिणाम है वर्तमान में प्रचलित ‘तीन तलाक’ की परम्परा। तीन तलाक की परम्परा आज मुस्लिम समाज की महिलाओं के लिए एक अभिशाप बन गई है। इस परम्परा ने ना जाने कितनी ही महिलाओं के जीवन को नरक बना दिया और ‘तीन तलाक’ की प्रथा न जाने कितने अनगिनत घर-परिवारों को नष्ट किया। आज अब धर्म और परम्परा के नाम पर सुधार की जरूरत एवं आवश्यकता है।
सर्वोच्च अदालत की पांच जजों की संविधान पीठ मुस्लिम समाज में प्रचलित ‘तीन तलाक’, ‘निकाह हलाला’ और ‘बहु विवाह’ की प्रथा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करके इनका फैसला करेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने विवाद का मुद्दा बने तीन तलाक के मसले को संविधान पीठ को सौंपने का फैसला किया है। चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर, जस्टिस एनवी रमण और जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यों की खंडपीठ ने इन मामलों के विषय में संबंधित पक्षों की ओर से तैयार तीन तरह के मुद्दों को रिकार्ड पर लिया और कहा कि संविधान पीठ के विचार के लिए इन सवालों पर 30 मार्च 2017 को सुनवाई करेगा। 
पीठ ने कहा है ये मुद्दे बहुत महत्वपूर्ण हैं और सभी संवैधानिक मुद्दों से संबंधित हैं और संविधान पीठ को ही इनकी सुनवाई करनी चाहिए। पीठ ने संबंधित पक्षों को अगली सुनवाई की तारीख पर सभी पक्षकारों को अधिकतम 15 पृष्ठ में अपना पक्ष पेश करने का निर्देश दिया। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि संबंधित पक्षों के आप सभी वकील साथ बैठ कर उन मुद्दों को अंतिम रूप दें जिन पर हमें गौर करना है। पीठ ने संबंधित पक्षों को स्पष्ट कर दिया कि वह किसी खास मामले के तथ्यात्मक पहलुओं से नहीं निबटेगी, बल्कि वह इस कानूनी मुद्दे पर निर्णय करेगी। 
जब एक महिला वकील ने प्रसिद्ध शाहबानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हस्र का जिक्र किया तब पीठ ने कहा कि किसी भी मामले के हमेशा दो पक्ष होते हैं। हम 40 सालों से मामलों में फैसला करते रहे हैं। हमें कानून के अनुसार जाना होगा, हम कानून से परे नहीं जाएंगे। पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इन मुद्दों को तय करने के लिए शनिवार और रविवार को भी बैठने के लिए तैयार है क्योंकि यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। 
कुरान का सहारा लेकर भी तीन तलाक प्रथा का बचाव नहीं किया जाना चाहिए। दरअसल, यह मामला पवित्र कुरान का नहीं, बल्कि उसकी अलग-अलग व्याख्याओं का है। यहां यह बताना जरूरी है कि इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथ कुरान में तीन तलाक का जिक्र नहीं है। लेकिन पुरुषवादी सोच के चलते मुस्लिम समाज में यह कुरीति प्रचलित है। सरल भाषा में कहें तो धर्म की आड़ में किसी भी नागरिक के मौलिक अधिकारों का हनन अवैध है। कई इस्लामी या मुस्लिम बहुल देशों ने निजी कानूनों में फेरबदल किए हैं और सब के सब प्रावधान एकदम एक जैसे नहीं हैं। इसलिए इस्लाम की दुहाई देना या आड़ लेना एक दुराग्रह ही है। जो महिलाएं इस प्रथा के खिलाफ आंदोलन चला रही हैं वे भी इस्लाम और कुरान में आस्था रखती हैं, पर वे कहती हैं कि इस्लाम या कुरान ने उनके अधिकार छीनने या कम करने को नहीं कहा है। मुस्लिम पर्सनल लॉ में संशोधन से न तो कुरान की पवित्रता पर कोई आंच आएगी, न इस्लाम का कोई नुकसान होगा। हां, केवल पुरुष को विवेक-संपन्न मानने के एकतरफा वर्चस्ववाद को जरूर धक्का लगेगा। 
‘तलाक, तलाक, तलाक’ किसी भी शादीशुदा मुस्लिम महिला के लिए ये ऐसे शब्द हैं जो एक ही झटके में उसकी जिंदगी को जहन्नुम बनाने की कुव्वत रखते हैं। पिछले दिनों एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में देश की करीब 92 फीसदी महिलाओं ने मौखिक रूप से तीन बार तलाक बोलने से पति-पत्नी का रिश्ता खत्म होने के नियम एकतरफा करार दिया है, जिस पर प्रतिबंध लगाने की मांग तक की गई। यही नहीं मुस्लिम समुदाय में स्काइप, ईमेल, मेसेज और वाट्सऐप के जरिये तीन बार तलाक बोलने की नई तकनीक ने महिलाओं की इन चिंताओं में इजाफा किया है। यह सर्वे मुस्लिम महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक, शादी की उम्र, परिवार की आए, भरण-पोषण तथा घरेलू हिंसा जैसे पहलुओं के आधार किया गया है। इस अध्ययन में यह तथ्य भी सामने आए कि महिला शरिया अदालत में विचाराधीन तलाक के मामलों में 80 फीसदी मामले मौखिक तलाक वाले शामिल हैं।
भारत में भले ही इसे खत्म करने पर बहस अब चल रही हो पर पड़ोसी पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और श्रीलंका समेत 22 देश इसे कब का खत्म कर चुके हैं। दूसरी ओर भारत में मुस्लिम संगठन शरीयत का हवाला देकर तीन तलाक को बनाए रखने के लिए हस्ताक्षर अभियान से लेकर अन्य जोड-़तोड़ में लग गए हैं। जबकि मुस्लिम देशों में महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति पहले ही मिल चुकी है।
अब सुप्रीम कोर्ट के पूछने पर केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि वो इस प्रथा का विरोध करती है और उसे जारी रखने देने के पक्ष में नहीं है। सरकार का दावा है कि उसका ये कदम देश में समानता और मुस्लिम महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए है। सरकार ये भी कह रही है कि ऐसी मांग खुद मुस्लिम समुदाय के भीतर से उठी है क्योंकि मुस्लिम महिलाएं लंबे समय से तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाती आ रही हैं। कुल मिलाकर सरकार तलाक के मुद्दे पर खुद को मुस्लिम महिलाओं के मसीहा के तौर पर प्रोजेक्ट कर रही है। लेकिन क्या मामला इतना सीधा है? 
इस पर ऑल इंडिया मुस्लिम वीमेंस पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर का साफ कहना था कि तीन तलाक के मामले पर केंद्र सरकार मुसलमानों और देश को गुमराह कर रही है। हमारी लड़ाई यह है कि लगातार तीन बार बोले गए तलाक को एक माना जाए। शाइस्ता कहती हैं कि हम तीन तलाक के मामले में बदलाव तो चाहते हैं, लेकिन वो बदलाव शरीयत के दायरे में हों, कोर्ट या किसी सरकार से नहीं। सरकार बेवजह तीन तलाक के मामले में दखल दे रही है। मजहब के मामले में हमें किसी की भी दखलंदाजी पसंद नहीं।
जकिया सोमन भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की सह संस्थापक हैं और सर्वोच्च न्यायलय में तीन तलाक मामले में याचिकाकर्ता हैं। करीब एक साल से चल रही तीन तलाक पर कानूनी पाबंदी की मुहिम में कई महत्त्वपूर्ण पड़ाव आए हैं। उनका कहना है हमारे देश में आज भी पुरुष प्रधान सोच के चलते महिलाओं का उत्पीड़न आम है। लेकिन कानून के मामले में पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे रूढ़िवादी मुस्लिम गुटों के वर्चस्व के चलते मुस्लिम महिलाओं को अपनी अन्य बहनों की तरह कानूनी विकल्प नहीं मिल पाया है। यही वजह है कि आज भी तीन तलाक, निकाह हलाला एवं बहुपत्नीत्व जैसी कुप्रथाएं लागू हैं। इसको खत्म करना जरूरी है। साथ ही मुस्लिम पारिवारिक कानून में व्यापक सुधार की जरूरत है। तीन तलाक पर पाबंदी इस सुधार की दिशा में एक तरह से पहला कदम है। इसी उम्मीद के साथ आम मुस्लिम महिलाओं ने सर्वोच्च न्यायालय में इंसाफ की गुहार लगाई है। 
समय, काल, परिस्थिति के अनुसार बदलाव आता है। कोई परम्परा एक समय में आदर्श हो, लेकिन बाद में वही परम्परा व आदर्श समय व परिस्थति कें अनुसार विसंगति आ जाने के कारण उपेक्षित एवं औचित्यहीन हो जाता है। जैसे पूर्व में सती प्रथा समाज में व्यापक रूप से प्रचलन में था। इसमें महिलाएं ही पति की मृत्यु के बाद पति की चिता के साथ ही सती होती थी, पर पत्नी के मृत्यु पर पति के सती होने का कोई उल्लेख नहीं मिलता है। कितनी घृणित एवं अमानवीय प्रथा उस समय के समाज में व्यापक रूप से प्रचलन में था। अंग्रेजी शासन एवं उससे पूर्व यह व्यापक रूप से प्रचलन में था।
बरुण कुमार सिंह
बरुण कुमार सिंह
सती प्रथा क्रूरता से राजा राममोहन राय बाल्यावस्था से ही परिचित थे, जब उनके बडे़ भाई की विधवा को उनकी आँखों के सामने बलपूर्वक सती किया गया था, अंग्रेज शासक इस प्रथा को बहुत बुरा मानते थे, पर उनको यह डर लगता था कि इसमें हस्तक्षेप करने से शायद इस देश में अशांति फैल जायेगी और हमारे नव स्थापित राज्य के लिए एक बड़ा खतरा पैदा हो जायेगा। राजा राममोहन राय ने सती प्रथा जैसी समाज में प्रचलित अमानवीय प्रथा के विरुद्ध निरन्तर आन्दोलन चलाया। उनके समाज के लोग ही उन्हें इस कार्य के लिए अपने समाज से बहिष्कृत कर दिया था। इसका विरोध इतना अधिक था कि एक अवसर पर तो उनका जीवन ही खतरे में था। उनके पूर्ण और निरन्तर समर्थन का ही प्रभाव था, जिसके कारण लार्ड विलियम बैंटिक 1829 में सती प्रथा को बन्द कराने में समर्थ हो सके। सती प्रथा के मिटने से राजा राममोहन राय संसार के मानवतावादी सुधारकों की सर्वप्रथम पंक्ति में आ गये।
अपने पुरुषवादी वर्चस्व के लिए इस तरह की परम्परा को जबरन बनाए रखना कहीं से भी न्यायसंगत नहीं लगता। आज कुछ तथाकथित मुस्लिम संगठन जो अपना स्वार्थ सिद्धि हेतु जिस शरिया कानून का हवाला दे रहे हैं, उनका हित सिर्फ अपना स्वार्थ सिद्ध करना है क्योंकि मुस्लिम आबादी वाले देश तीन तलाक जैसे कुप्रथा को पहले ही समाप्त कर चुके हैं और तलाक के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन आवश्यक बना दिया है।
तीन तलाक से एक पुरुष का जीवन स्वतंत्र हो जाए और एक महिला का जीवन नरक बन जाए, ऐसा नहीं होना चाहिए और यह न्यायसंगत भी नहीं है। आज समय आ गया है कि अब इसे कानूनी जामा पहनाया जाए। जब महिलाओं के लिए मजार में जाने के लिए पाबंदी हट गयी। शनि मंदिर मंे महिलाओं को प्रवेश दे दिया। दक्षिण भारत में कुछ मंदिर में महिला पुजारी ही भगवान का प्रसाद चढ़ाते हंै। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कुद्रौली मंदिर के पदाधिकारियों ने 67 साल की लक्ष्मी और 45 साल की इंद्रा को पुजारी के तौर पर नियुक्त कर लोगों की सोच को बदलने का निर्णय किया है। ये दोनों महिलाएं विधवा हैं और इन्हें दक्षिण भारत के मंगलौर शहर में करीब एक शताब्दी पुराने हिन्दू मंदिर की पुजारी बनाया गया है। विधवाओं को हाशिए पर रखने वाले एक रूढ़िवादी समाज में पुजारी के रूप में इन महिलाओं की नियुक्ति किसी क्रांति से कम नहीं है। ज्यादातर लोगों ने इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन कुछ रूढ़िवादी व कट्टरपंथी समूह इसके विरोध में भी उतर आए हैं। इन महिलाओं को भक्तों को आशीर्वाद देते हुए देखना एक सुखद अनुभव है। देश को आधुनिक बनाने के लिए ऐसे सामाजिक बदलाव जरूरी हैं। IPC Section 497 states, "Whoever has sex ual intercourse with a person who is and whom he knows or has reason to believe to be the wife of another man, without the consent or connivance of that man, such sexual intercourse not amounting to the offence of rape, is guilty of the offence of adultery."

अब समय आ गया है और ज्यादा गुंजाइश नहीं बची है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट अब इसे देख रहा है तो निश्चित ही महिलाआंे को तीन तलाक जैसे मुद्दों से समस्या का समाधान मिलेगा, ऐसा विश्वास होना चाहिए। अब चूंकि सुप्रीम कोर्ट इस पर 30 मार्च 2017 को सुनवाई होनी है। अतः इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगा। अब मामला संविधान पीठ के सामने है जो भी निर्णय सुप्रीम कोर्ट करेगी सभी के पक्षों को देखते हुए निर्णय करेगी और ऐसा लग रहा है इस बार ‘तीन तलाक’ जैसे गंभीर मुद्दे को कानून के रूप में परिभाषित करने का समय आ गया है। सर्वोच्च न्यायालय से निष्पक्ष एवं सटीक तरीके से न्याय की सबको उम्मीद है। 

प्रेषकः
(बरुण कुमार सिंह)
10, पंडित पंत मार्ग
नई दिल्ली-110001
मो. 9968126797
ई-मेल: barun@live.in

COMMENTS

Leave a Reply
नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,36,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,3,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,8,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,2,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,6,कविता,1466,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,31,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,2,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,139,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,2,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,34,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,75,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,5,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,28,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,6,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,39,निर्मल वर्मा,2,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,198,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,138,प्रयोजनमूलक हिंदी,37,प्रेमचंद,41,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,87,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,7,भक्ति साहित्य,143,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,15,भीष्म साहनी,7,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,5,मलिक मुहम्मद जायसी,9,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,2,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,14,मैला आँचल,7,मोहन राकेश,13,यशपाल,14,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,21,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,124,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,7,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,1,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,7,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,56,शैलेश मटियानी,2,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,1,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,32,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,42,समसामयिक हिंदी लेख,257,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,19,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,82,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,11,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,415,हिंदी लेख,526,हिंदी व्यंग्य लेख,13,हिंदी समाचार,179,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,91,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,10,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,19,hindi essay,407,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,105,hindi stories,674,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,43,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,21,kavyagat-visheshta,25,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,10,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,5,sponsored news,10,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,44,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: तीन तलाक
तीन तलाक
मुस्लिम समाज में प्रचलित ‘तीन तलाक’, ‘निकाह हलाला’ और ‘बहु विवाह’ की प्रथा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करके इनका फैसला करेंगी।
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhRwSB6GBxO2RaA35yMpcSunW3xGs3YPgZ3_5N2Iq2TyZ4WsDwWR4Ra1bZlRGoiIXbNEfiLv5TqTUGlWJJueuc3NCQenw4cckqQM7OtIOt2BvQlsLN437ITLD605ohGqiKLosnqMg-WPB4V/s320/Teen+Talak.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhRwSB6GBxO2RaA35yMpcSunW3xGs3YPgZ3_5N2Iq2TyZ4WsDwWR4Ra1bZlRGoiIXbNEfiLv5TqTUGlWJJueuc3NCQenw4cckqQM7OtIOt2BvQlsLN437ITLD605ohGqiKLosnqMg-WPB4V/s72-c/Teen+Talak.jpg
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2017/02/triple-talaq-in-india.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2017/02/triple-talaq-in-india.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका