वाच्य की परिभाषा प्रकार और उदाहरण सहित Vachya Hindi Grammar वाच्य परिवर्तन वाच्य के भेद वाच्य परिवर्तन के उदाहरण, Vachya for Competitive Exams हिंदी
वाच्य की परिभाषा प्रकार और उदाहरण सहित Voice
वाच्य की परिभाषा - क्रिया के उस परिवर्तन को वाच्य कहते हैं ,जिसके द्वारा यह बोध होता है कि क्रिया का विधान कर्ता के अनुसार , कर्म के अनुसार या भाव के अनुसार है . जैसे -
- मोहन बंशी बजाता है .
- मैंने बंशी बजायी .
- मुझसे वंशी नहीं बजायी जाती .
इन तीनों में 'बजाता है ' क्रिया कर्ता के अनुसार है . 'बजाई' कर्म के अनुसार और 'बजाई जाती 'भाव के अनुसार है .वाक्य में क्रिया का सम्बन्ध प्रायः कर्ता, कर्म या क्रिया के भाव से होता है ,इसीलिए कुछ वाक्यों में क्रिया का रूप कर्ता के अनुसार होता है ,कुछ में कर्म के अनुसार और कुछ में कर्ता या कर्म के अनुसार न होकर भाव प्रधान होता है। क्रिया के जिस रूपांतर द्वारा यह पता चले कि वाक्य में प्रधान विषय कर्ता ,कर्म या भाव है ,उसे वाच्य कहते हैं।
वाच्य के भेद उदाहरण सहित
वाच्य के तीन भेद होते हैं -- कर्तृवाच्य (Active Voice )
- कर्मवाच्य (Passive Voice )
- भाव वाच्य (Impersonal Voice )
कर्तृवाच्य किसे कहते हैं उदाहरण Active Voice
कर्तृवाच्य क्रिया के उस रूपांतर को कहते हैं जिसमे क्रिया कर्ता के लिंग ,पुरुष और वचन के अनुसार अपना रूप परिवर्तित करती है . कर्तृवाच्य में क्रिया के लिंग ,वचन व पुरुष साधारणतया कर्ता के अनुसार ही रहते हैं। कर्तृवाच्य में अकर्मक और सकर्मक दोनों प्रकार की क्रियाओं का प्रयोग होता है। जैसे - उमेश दौड़ता है . कुसुम दौड़ती है . बच्चे दौड़ते हैं। यहाँ दौड़ता है ,दौड़ती है ,दौड़ते हैं - तीनों क्रियाएँ कर्ता के लिंग ,पुरुष और वचन के अनुसार परिवर्तित हो गयी हैं।
कर्म वाच्य की परिभाषा उदाहरण सहित Passive Voice
जब वाक्य में क्रिया का विधान कर्म के लिंग ,वचन और पुरुष के अनुसार किया जाता है तो उसे 'कर्मवाच्य ' कहते हैं . जैसे - मोहन को पुस्तक भेजी जायेगी। लड़कों को पुरस्कार दिया गया। उसने रोटी खायी। कर्म वाच्य में क्रिया के लिंग ,वचन और पुरुष कर्म के अनुसार रहते हैं तथा कर्ता में करण कारक (से ,के,द्वारा ) का प्रयोग होता है। कर्म वाच्य में केवल सकर्मक क्रिया का ही प्रयोग होता है। जैसे - शेर के द्वारा हिरण मारा गया। रमा से गाना गाया जाता है। यहाँ पर 'भेजी जायेगी ''दिया गया ' तथा खायी 'क्रियाओं का विधान कर्म के अनुसार हुआ है।
भाव वाच्य की परिभाषा एवं उदाहरण Impersonal Voice
जिस वाक्य में क्रिया का विधान , न तो कर्ता के अनुसार हो और न कर्म के अनुसार हो बल्कि भाव के अनुसार हो ,उसे 'भाव वाच्य ' कहते है . भाव वाच्य में क्रिया सदा प्रथम पुरुष अथवा अन्य पुरुष पुलिंग में ही प्रयुक्त होती है और कर्ता करण कारक में रहता है। इसमें केवल अकर्मक क्रियाओं का ही प्रयोग किया जाता है। जैसे - मुझसे सोया नहीं जाता है। उससे अधिक बोला नहीं जाता है। जैसे - मुझसे चला नहीं जाता। रमेश से धूप में बैठा नहीं जाता। तुम्हारा रोटी खाना हो गया। यहाँ क्रियाओं का विधान न तो कर्ता के अनुसार है और न कर्म के अनुसार ,बल्कि भाव के अनुसार है। भाववाचक की क्रियाएँ सदैव अन्य पुरुष ,पुलिंग ,एकवचन में रहती हैं। अधिकतर भाववाचक की क्रियाएँ अकर्मक होती हैं।
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जवाब देंहटाएंAlpbhashi ka vilom shabd Kya hsi
हटाएंBhubhasi
हटाएंBhav vachy me skrmk Kirya use hoti h??
जवाब देंहटाएंRight sir
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