एक और पर्व

SHARE:

हिंदुस्तान में विभिन्न जातियों, धर्मों के लोग रहते हैं. सबके अपने अपने त्योहार हैं. आज के केलेंडर में साल शुरु होता है नए वर्ष के त्योहार से और खत्म होता है क्रिस्टमस से. हिंदू केलंडरों में तो शुरुआत चैत्र नवरात्र से और अंत शायद दीवाली से होता है. इस बीच ईदें भी आती हैं. और कई त्योहार हमारे देश में मनाए जाते हैं. हिंदुओं के खास त्यौहारों में नवरात्र – चैत्र नवरात्र और माता के शारदीय नवरात्र, संक्राँति, होली दशहरा, दीवाली खास हैं. ये सब त्योहार साल में एक बार आते हैं और सारे हिंदुस्तानी – धर्म बंधनों को छोड़कर मिलजुल कर मनाते हैं.

एक और पर्व

हिंदुस्तान में विभिन्न जातियों, धर्मों के लोग रहते हैं. सबके अपने अपने त्योहार हैं. आज के केलेंडर में साल शुरु होता है नए वर्ष के त्योहार से और खत्म होता है क्रिस्टमस से. हिंदू केलंडरों में तो शुरुआत चैत्र नवरात्र से और अंत शायद दीवाली से होता है. इस बीच ईदें भी आती हैं. और कई त्योहार हमारे देश में मनाए जाते हैं. हिंदुओं के खास त्यौहारों में नवरात्र – चैत्र नवरात्र और माता के शारदीय नवरात्र, संक्राँति, होली दशहरा, दीवाली  खास हैं. ये सब त्योहार साल में एक बार आते हैं और सारे हिंदुस्तानी – धर्म बंधनों को छोड़कर मिलजुल कर मनाते हैं. 

इन सबके अलावा एक और त्योहार विशेष है जो हम हिंदुस्तानी - हिंदी सब भाषी प्रतिवर्ष मनाते हैं. वह है हिंदी दिवस. हिंदी को राजभाषा रूप में 14 सितंबर 1949 को अपनाने के बाद से यही रीत चली आ रही है. हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदीदिवस के रूप में मानाया जाता है.

हर साल दशहरा दीवाली  की तरह हम हिंदी दिवस का पर्व भी मना लेते हैं. किसी किसी साल थोड़ा जोश बढ़ सा जाता है तो, हिंदी सप्ताह या हिंदी पखवाड़ा भी मना लेते हैं. शायद किसी एक साल (एक ही साल) हमने हिंदी माह भी मनाया था. 

रीति के अनुसार त्योहार के इन दिनों में हिंदी के बारे में भाषण तो होते ही है. साथ साथ बच्चों, बड़ों व गृहिणियों के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है. हालातों के अनुसार विविध श्रेणियाँ बना ली जाती हैं. सब कुछ निर्भर करता है कि अनुदान कितना है. उसी के अनुसार पुरस्कार आ पाते हैं तदनुसार ही प्रतिभागियों का वर्गीकरण और प्रतियोगिताओं का आयोजन हो पाता है. 

इन दिनों करीब एक पक्ष पहले से एक पक्ष बाद तक के एक महीने के दौरान अखबारों में और चिट्ठा जगत में हिंदी के लेख मधुमक्खी के छत्तों की तरह फैले मिल जाते हैं. काम का कुछ हो न हो हरेक को इन दिनों हिंदी के बारे में लिखना होता है. अखबारों में तो विशेष परिशिष्ट भी जोड़े जाते हैं.

जब करनी पर आती है तो शायद बच्चे अपनी माँ को भी हिंदी में पत्र नहीं लिखते होंगे. कार्यालय में यदि कोई लिखता है तो मात्र हिंदी लिखने के लिए प्रोत्साहन राशि पाने का लिए.  अपनी छुट्टी की अर्जी, बैंक का चेक या पैसे जमा करने की पर्ची, कोई भी दावा पैसों का हो या किसी और तरह का – हिंदी में लिखा ही नहीं जाता होगा. यथार्थता की जाँच से सारा कच्चा चिट्ठा बाहर आ पड़ेगा. समाज में, भले ही टूटी फूटी हो - अंग्रेजी में बड़बड़ाना या अर्जी पेश करना लोगों को अपनी शान महसूस कराता है. 

सब के सब जानते हैं कि विश्व में पनपना है तो अंग्रेजी ही एकमात्र सहारा है. यह भी जानते हैं कि हिंदी इससे टक्कर लेने की काबिलियत रखती है और हिंदुस्तानी हिंदी को उस हद तक ले जाने में भी सक्षम हैं. लेकिन सवाल है कि कार्यान्वयन कौन करे. सलाह माँगिए – मुफ्त में, इतने आ जाएंगे कि उन्हें बटोरना मुश्किल हो जाएगा. जहाँ कार्यान्वयन या क्रियान्वयन की बात करेंगे तो हर किसी के पास कोई न कोई जरूरी काम आ जाएगा और कोई उपलब्ध नहीं होगा. यह है हमारी संस्कृति.

अन्य त्योहारों की तरह इस समय के बाद कोई भी गलती से भी हिंदी को याद नहीं करता. जैसे जन्माष्टमी के आगे पीछे के कुछ दिनों के अलावा कोई भी कृष्ण को याद नहीं करता वैसे ही राम नवमी (चैत्र नवरात्र) के अलावा राम को और दशहरा के अलाव दुर्गा को कोई याद नहीं करता.

यह भारत है. यहाँ लोग समय के हिसाब से चलते हैं. किसी को बेमतलब याद कर परेशान करना हमारा रवैया नहीं है और न ही हमारी फितरत में है. जब काम ही नहीं तो याद किस बात के लिए करें. हेलो, हाय करते हुए समय जाया करना हमारे रिवाजों में शामिल नहीं है. हम अपने काम से और मतलब से ही मतलब रखते हैं. 

इस बरस शायद पहली से 14 सितंबर तक हिंदी पखवाड़ा मनाया जा रहा है. इसी के अनुसार कार्यक्रम निर्धारित कर दिए गए हैं. एक तारीख को उद्घाटन हुआ और 14 को समापन हो जाएगा. 14 को ही प्रतियोगिताओं के परिमाम घोषित होंगे और पुरस्कार वितरण भी होगा. उसके बाद हिंदी का विषय इस वर्ष के लिए समाप्त. एजेंडा पूरा हुआ माना जाएगा.

हर वर्ष एक संसदीय समिति भी बनाई जाती है जो विभिन्न सरकारी व अर्धसरकारी सार्वजनिक संगठनों में हिंदी का निरीक्षण करती है. साथ ही साथ पास पड़ोस के दर्शनीय स्थलों का भी आनंद लेती है. रिपोर्ट शायद संसद में पेश होती है तभी तो समिति का / समिति के सदस्यों का सभी कार्यालय खास ख्याल रखते हैं.

एम.आर.अयंगर
हर कार्यालय में वैसे तो हिंदी की साप्ताहिक, मासिक त्रैमासिक व वार्षिक रिपोर्ट बनती हैं लेकिन ज्यादातर वे वर्षाँत में ही बनकर तैयार होती हैं. हाँ कोई समितीय जाँच हो तो जाँच के पहले उन्हें तैयार कर लिया जाता है. हमने पढ़ा – सुना था कि हाथी के दाँत दिखाने के और और खाने के और होते हैं – वह कहावत हिंदी के बारे में बहुत ही भली लागू होती है. धरातल के आंकड़े खाने के होते हैं और रिपोर्टों के – दिखाने के. कभी कोई रिपोर्ट को धरातल पर देखने की कोशिश करे, तो उसे मुँह की खानी पड़ेगी.

वैसे इस बार यह एक महापर्व सा मनाया जा रहा है. 10 वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन भी हमारे देश में (भोपाल, मध्यप्रदेश) आयोजित हो रहा है. इसलिए इसकी महत्ता इस वर्ष कुछ बढ़ सी गई है. सम्मेलन तो 10 सितंबर से 12 सितंबर तक ही होगा और 14 सितंबर को हिंदी पखवाड़े का समापन होगा.. तत्पश्चात हिंदी को एक और साल के लिए बिदाई दे दी जाएगी.

एक साल तक हिंदी के बारे में किसी को कुछ सोचना नहीं होता. दो चार सिरफिरे होते हैं, जो अनवरत हिंदी के पीछे पड़े रहते हैं. पहले तो लोग थोड़ा बहुत तवज्जो दिया करते थे किंतु अब उन्हें भी आदत सी हो गई है इसलिए अब किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता. सिरफिरे अपना काम करते हैं और बाकी लोग सर फिराकर अपना काम करते रहते है.


यह रचना माड़भूषि रंगराज अयंगर जी द्वारा लिखी गयी है . आप इंडियन ऑइल कार्पोरेशन में कार्यरत है . आप स्वतंत्र रूप से लेखन कार्य में रत है . आप की विभिन्न रचनाओं का प्रकाशन पत्र -पत्रिकाओं में होता रहता है . संपर्क सूत्र - एम.आर.अयंगर. , इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड,जमनीपाली, कोरबा. मों. 08462021340

COMMENTS

Leave a Reply: 1
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ हमें उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !
टिप्पणी के सामान्य नियम -
१. अपनी टिप्पणी में सभ्य भाषा का प्रयोग करें .
२. किसी की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी न करें .
३. अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .

You may also like this -

Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका