कल्लू /भूपेन्द्र कुमार दवे की कहानी

SHARE:

kallu , hindi stories

मैं पाठशाला से बाहर आया तो लोहे के फाटक को थामे वह खड़ा था। मुझे देखकर वह एक ओर दुबक कर खड़ा हो गया। मैंने पूछा -
‘क्या है ?’
‘कुछ नहीं।’
मैंने फिर प्रश्न किया, ‘किसी बच्चे का इन्तजार है ?’
‘जी नहीं।’
‘किसी से कुछ काम है ?’ मैंने पूछा।
‘जी नहीं।’
‘फिर क्यूँ खड़े हो ?’
मेरे इस प्रश्न पर वह पैर के अंगूठे से जमीन कुरेदने लगा, पर कुछ बोला नहीं।
मैंने फिर पूछा, ‘क्या नाम है ?’
‘कल्लू’
‘यहाँ क्यूँ खड़े हो ?’
वह पुनः नीची नजर किए जमीन कुरेदने लगा। मैंने शब्दों में कठोरता का पुट देते हुए पूछा -
‘चोरी-वोरी करने का इरादा तो नहीं ?’
‘जी नहीं,’ उसने कहा और अनायास उसकी आँखें नम हो गई।
‘ फिर भी, यहाँ खड़े रहने की कुछ तो वजह होगी।’
‘ जी...... मैं पढ़ना चाहता हूँ।’
‘ कहाँ से आए हो ?’
‘ घर से,’ उसने कहा।
‘ भागकर आए हो ?’
‘ जी’  यहाँ उसका उत्तर अधूरा था, पर उत्सुकता जगाने वाला था। मेरी लेखन रुचि ने मुझे इशारा किया कि यह फटी चड्डी बनियान पहना लड़का किसी कहानी या उपन्यास का मासूम पात्र तो नहीं है।
‘ अच्छा, तो तुम घर से भागकर आए हो और पढ़ना चाहते हो।’
‘ जी,’ फिर वही हिचक भरा छोटा-सा उत्तर मिला।
मैंने न जाने क्या सोचकर उसे अपने साथ चलने कहा। मैंने देखा कि वह मेरे साथ चलने उत्सुक था, पर उसके पैर शायद थके हुए थे। वह मेरे बराबर होने के लिये दूरी अपने नन्हें पैरों से दौड़कर पूरी करता चल रहा था।
मैं उसे अपने घर ले आया। बैठने को कहा तो वह फर्श पर ही बैठ गया और बड़ी-बड़ी आँखों से कमरे की चीजें देखने लगा। कल्लू गाँव से भागकर आया था। उसके पिता खेतीहर मजदूर थे। मजदूर -- जो दूसरों की जमीन पर खेती करते हैं और मजदूरी कमाते हैं और इसीलिये किसान कम मजदूर ज्यादा होते हैं। कल्लू की माँ भी मजदूर थी और कल्लू को भी कई छोटे-छोटे काम करने पड़ते थे। गाँव के जमींदार के यहाँ, जिसमें गाय-भैंस चराना प्रमुख काम था।
        ‘ और बदले में तुझे क्या मजदूरी मिलती है ?’ मैंने पूछा।
‘ रोटी।’
‘ रोटी ! बासी या ताजी ?’ मैंने पूछा तो कल्लू ने कहा, ‘ रोटी।’
सच है, जिसने ताजी रोटी ही न चखी हो, वह कैसे जानता कि रोटियाँ भी दो किस्म की होती हैं।
‘ और रोटी के साथ अचार या सब्जी भी मिलती है ?’ मैंने यह भी पूछा।
‘ जी नहीं, सिर्फ रोटी।’
‘ सूखी रोटी तू कैसे खाता है ?’
‘ पानी के साथ,’ उसने बड़ा मासूम-सा जवाब दिया।
भूपेन्द्र कुमार दवे
आगे और पूछने पर कल्लू से मालूम हुआ कि उसे मजदूरी के रूप में दिन भर झिड़कियाँ और पिटाई भी मिलती थी।
‘ इसकी कोई वजह?’ मैंने जानना चाहा।
‘ जी, क्योंकि .....’ वह कुछ कहते-कहते रुक गया, जैसे डर रहा हो।
‘ हाँ, हाँ, बोलो,’ मैंने ढाँढस बँधाया। ‘ जी, बोलूँगा तो वो मारेंगे।’
‘ क्यों ?’
‘ जी, बापूजी कहते हैं कि कभी किसी को न बताना। मालिक मारेंगे।’
‘ क्यों नहीं बताने कहा है तुम्हारे बापूजी ने ?’ मेरे इस प्रश्न पर भी कल्लू चुप रहा और सहमी-सहमी आँखों से चारों ओर देखने लगा।
‘ बता बेटा, क्यों बताने की मनाही है ? डर नहीं, यहाँ और कोई नहीं है।’
‘ जी, बापूजी ने मुझे मालिक को बेच दिया है।’
‘ उफ्, तो यह बात है। अच्छा बता, तू पढ़ना क्यों चाहता है ?’
‘ जी, पढ़ना अच्छा लगता है,’ वह बोला।
‘ तो क्या तू कुछ पढ़ना जानता है ?’
‘ नहीं।’
‘ फिर ?’
‘ अ, आ, इ, ई तक लिखता हूँ। बाकी देख कर लिख सकता हूँ।’
‘ ये कहाँ से सीखा ?’ मैंने प्रश्न किया।
‘ मालिक के माली से --- चोरी छिपे।’
‘ चोरी छिपे क्यों ?’
‘ पढ़ाई की मनाही है, मार पड़ती है।’
‘ ओफ्।’
मैंने पूछा कि गाँव से भागकर आया है तो क्या वह डरा नहीं। मालिक को पता चलेगा तब क्या होगा। इस संकेत पर कल्लू फफक कर रो पड़ा। मैं अपने किए प्रश्न पर लज्जित-सा हो उठा। उसका मन बदलने के लिये मैंने बात बदली।
‘ अच्छा बता, क्या तू सच में पढ़ना चाहता है ?’ उसने रोते हुए हामी में सिर हिला दिया।
‘ मेरे पास रहना पसंद करेगा ?’
‘ जी।’
‘ पहले पुलिस थाने में सब सच लिखवाना होगा, तभी यह संभव है, समझे।’
वह चुप रहा।
‘ चोरी तो नहीं करेगा ?’
‘ भगवान कसम,’ वह तड़ाक से बोला।
        ‘ याने तू भगवान से डरता है ?’
‘ जी नहीं।’
‘ तो ?’
‘ माँ ने कहा था कि बस वही मेरा साथी है।’
‘ कौन साथी है ?’ मैंने पूछा।
‘ भगवान,’ उसने कहा।
         सच है, जब माँ अपने बेटे से बिछुड़ती है तो स्वयं की असहाय स्थिति का निराकरण प्रायः इसी तरह करती है। माँ की जगह भगवान ‘स्टेपनी’ का काम करते हैं, हमारी हर असहाय अवस्था में। कठिन पेपर आने पर बच्चे उत्तर पुस्तिका को भगवान के नाम से भर देते हैं, जैसे वही एक दयालू है -- शिक्षक नहीं। पर क्या कल्लू को भगवान-रूपी साथी देकर उसकी माँ सच में निश्चिंत हो गई होगी। मेरे इस प्रश्न का उत्तर कौन दे सकता है, भला ?
खैर, मैं कल्लू को वहीं बैठा छोड़कर अंदर कमरे में गया। एक थाली में चार रोटी और कुछ प्रायमरी की किताबें लेकर आया और उसके सामने उखड़ूँ बैठ गया। मैंने एक ओर रोटी की थाली रखी और दूसरी तरफ किताबें और तब प्रश्न किया ....
‘ देख कल्लू, मेरे यहाँ इन दो में से एक ही चीज मिल सकती है। बोल, तू किसे चुनता है?
इस प्रश्न पर कल्लू भौंचक्का-सा मुझे देखने लगा। शायद इस दुविधा का उसे पूर्वाभास नहीं था। वह नजर घुमाकर कभी रोटी, कभी किताबों को टुकुर-टुकुर देखता रहा। मैं इस दुविधापूर्ण प्रश्न उस मासूम के सामने रख, गर्व महसूस कर रहा था। एक शिक्षक विधार्थी के सामने पेचीदा प्रश्न रखकर और विधार्थी को निरूत्तर पाकर गर्व ही तो करता है। पर सोचता हूँ कि यह कितनी विड़म्बना है कि जब भगवान इंसान की ऐसी परीक्षा पहेली गूढ़कर करता है, तो मनुष्य उसे निष्ठुर, कठोर, अन्यायी और क्या कुछ नहीं कहता है।
मैंने कल्लू को देखा। उसकी दयनीय दृष्टि मुझ पर टिकी थी। जैसे उसकी आँखें कहना चाहती हों कि मैं प्रश्न का स्वरूप ही बदल दूँ। शायद जब मेरे ओंठ हिले तो इसी उम्मीद में पल भर के लिये उसकी आँखें पुलकित हो उठीं। मैंने कहा,‘ बेटा, चुनो। एक चीज चुनो। सोच क्या रहे हो ?’
कल्लू रूआँसा हो उठा और फिर न जाने किस निश्चय से उसने अपने दोनों हाथ रोटी और किताब दोनों पर रख दिए और मेरी ओर ललचाई नजर से देखने लगा।
‘ नहीं बेटे, एक ही चीज चुनना है, दोनों नहीं।’
कल्लू अब किसी भी क्षण रो पड़ने की स्थिति में था। मेरी आँखें उस समय कल्लू की कौतूहलपूर्ण अवस्था का  लुत्फ ले रही थीं।
टकटकी लगाये वो मुझे देखता रहा। मैंने देखा कि उसका दायाँ हाथ जो किताबों पर रखा था, धीरे-धीरे उतर रहा था, फिर एक झटके से वह रोटी पर रखा हाथ हटाकर बोला,
‘ बाबूजी, मैं तीन दिन से भूखा हूँ।’
यहाँ मेरी लेखनी यकायक रुक जाती है। मैं रोशनी में अपने हाथ का बालपेन देखता हूँ। स्याही खत्म हो चुकी है। बालपेन को भी ‘रीफिल’ की जरूरत है जैसे कल्लू को रोटी की।


      
यह रचना भूपेंद्र कुमार दवे जी द्वारा लिखी गयी है. आप मध्यप्रदेश विद्युत् मंडल से सम्बद्ध रहे हैं . आपकी कुछ कहानियाँ व कवितायें आकाशवाणी से भी प्रसारित हो चुकी है . 'बंद दरवाजे और अन्य कहानियाँ' ,'बूंद- बूंद  आँसू' आदि आपकी प्रकाशित कृतियाँ है .
              

COMMENTS

Leave a Reply: 6

  1. ----झूठी बानाई हुई कहानी है....जिसने जिसके बाप ने कभी स्कूल नाम की चीज न सुनी हो , पैदा होते ही रोटी के लिए काम कर रहा हो उसे पढाई व स्कूल की पता होगा ...

    जवाब देंहटाएं
  2. हर डॉक्टर इंजिनियर या कोई पढ़े लिखे के वंश में एक ना एक पायदान पर एक ऐसा पूर्वज तो होता ही जिसने स्कूल का नाम ही न सुना हो . फिर मेरी कहानी का पात्र तो उस जगह बेचा गया था जहाँ स्कूल था . उसने दूसरे बच्चों को स्कूल जाते देखा ही होगा . क्या कोई माली अ आ इ ई किसी बच्चे को नहीं सिखा सकता . क्या आदम ने जिस सेव को खाया उसमें स्कूल पहले से लिखा था।क्या डा मिश्रा यह कहना चाह रहें हैं कि देश में प्रजातंत्र बनावटी है क्योकि जिसने जिसके बाप ने स्कूल का नाम नहीं सुना और जो रोटी कमाने शुरू से लग गया हो ,वह चुनाव और वोट क्या जानेगा . उसे तो वोट क्या है नहीं मालूम , वह वोट क्या देगा और उसे वोट देने का अधिकार भी नहीं होना चाहिए .

    जवाब देंहटाएं
  3. pahale to kahoon ki aap ka naam vah bhi photo ke saath dekh kar bahut sukh mila. kitani hi purani baatein yaad aane lagi. Fir Kalloo padhi, bahut achhi lagi. maarmik kathaa hein. Dr Shyam Gupta ki baat ajib lagi kahani to kinhin sandarbhon par aadharit hoti hein. Kahani jhooti aur sachhi nahin hoti , katha-sar sachha aur marmik hein. Dave Ji mein Sagar mein Hoon 94254 51508. Baat kareinge to achha lagega. aap ke to sagar mein sambandh bhi honge, kabhi aanaa hota hei kya?----n.c. jain ex-CE

    जवाब देंहटाएं
  4. आँखें अनायास नम हो गईं... कहानी सच्ची हो या झूठी...पर हर पल दुनिया मे बचपना इससे भी गहन दुख और अभाव सह रहा है। कहानी का कथ्य अंत तक बाँध कर रखता है और अपनी बात पाठक तक पहुंचाने मे पूरी तरह सक्षम है।

    जवाब देंहटाएं
  5. एक बात समझ नहीं आयी रोटी या पुस्तक (पुस्तक ना हो तो मजदूरी क्र पेट पर रोटी ना हो
    पेट की अग्नि इतनी भयंकर है जो कभी नही बुझती

    जवाब देंहटाएं
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ हमें उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !
टिप्पणी के सामान्य नियम -
१. अपनी टिप्पणी में सभ्य भाषा का प्रयोग करें .
२. किसी की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी न करें .
३. अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .

नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,34,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",6,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,3,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,7,आषाढ़ का एक दिन,17,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,2,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,15,कमलेश्वर,6,कविता,1408,कहानी लेखन हिंदी,13,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,5,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,4,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,2,केदारनाथ अग्रवाल,3,केशवदास,4,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,138,गजानन माधव "मुक्तिबोध",14,गीतांजलि,1,गोदान,6,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,2,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,2,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,29,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,68,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,4,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,25,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,3,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,6,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,23,नाटक,1,निराला,35,निर्मल वर्मा,2,निर्मला,38,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,174,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,133,प्रयोजनमूलक हिंदी,21,प्रेमचंद,39,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,3,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,86,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,5,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,6,भक्ति साहित्य,138,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,13,भीष्म साहनी,7,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,5,मलिक मुहम्मद जायसी,4,महादेवी वर्मा,18,महावीरप्रसाद द्विवेदी,2,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,10,मैला आँचल,4,मोहन राकेश,11,यशपाल,13,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,5,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,20,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,2,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,8,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,1,रीतिकाल,3,रैदास,2,लघु कथा,117,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,33,विद्यापति,6,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,1,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,7,शमशेर बहादुर सिंह,5,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,5,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,52,शैलेश मटियानी,2,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,1,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,28,सआदत हसन मंटो,9,सतरंगी बातें,33,सन्देश,39,समसामयिक हिंदी लेख,221,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,17,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,69,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",9,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,20,सूरदास,15,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,10,हजारी प्रसाद द्विवेदी,2,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,343,हिंदी लेख,504,हिंदी व्यंग्य लेख,3,हिंदी समाचार,164,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,85,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,6,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,18,hindi essay,335,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,94,hindi stories,656,hindi-kavita-ki-vyakhya,15,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,13,kavyagat-visheshta,22,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,10,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,Rimjhim Class 3,14,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,sponsored news,9,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,32,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: कल्लू /भूपेन्द्र कुमार दवे की कहानी
कल्लू /भूपेन्द्र कुमार दवे की कहानी
kallu , hindi stories
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhtIw-4lFmgbw_uZlruqKd58vN1OnPiB_uyKjE-LQXh-n85Jof154LGcnc7nUBvrtfI9ZosJRG65gU2UcHKh4K-ftQm43GQO3A4Fay5e5ovI5UM98UBTSMWz1LQmpx4xhal5sS-gap9pFLV/s200/bhupendrakumardave.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhtIw-4lFmgbw_uZlruqKd58vN1OnPiB_uyKjE-LQXh-n85Jof154LGcnc7nUBvrtfI9ZosJRG65gU2UcHKh4K-ftQm43GQO3A4Fay5e5ovI5UM98UBTSMWz1LQmpx4xhal5sS-gap9pFLV/s72-c/bhupendrakumardave.jpg
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2013/01/kallu-hindi-story.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2013/01/kallu-hindi-story.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका