मुद्दे / अरविन्द कुमार सिंह की कविता

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अरविन्द कुमार सिंह  आजकल जिसे देखता हूँ जहाँ देखता हूँ दो बातें होती हैं - किसी की बात अच्छी नहीं लगे , या किसी को नीचा दिखाना ह...

अरविन्द कुमार सिंह 
आजकल जिसे देखता हूँ
जहाँ देखता हूँ
दो बातें होती हैं -
किसी की बात अच्छी नहीं लगे ,
या किसी को नीचा दिखाना हो
अपने चरण की तरफ हाथ बढाओं
चरण पादुका उठाओ ,
प्रसिद्धी पाने के उदेश्य  से या किसी के बहकावे में आकर
उसे निशाना बनाओ ,
यह तो एक घटना है ,
जो आम है .
क्योंकि ख़ास बनने के लिए -
खास लोगों को निशाना बनाना पड़ता है .
दूसरी घटना -
पाचन शक्ति ठीक करनी  हो
वजन घटाना हो
सबका आकर्षण केंद्र बनना हो ,
अपना बढ़िया इलाज कराना हो ,
देश के कई मुद्दों में से एक का सहारा लो . 
 उदहारण देता हूँ -
भ्रष्ट्राचार ,कालेधन को छोड़कर
क्योंकि इस पर -
बाबा रामदेव की मोनोपली है
लोकपाल की तरफ मत देखना
इस पर अन्ना और उसके सहयोगियों  का अधिकार  है ,
देश में क्या मुद्दों की कमी है ?
बेरोजगारी , मँहगाई  ,गरीबी
आदि का सहारा लो
जब तक अनशन पर बैठ सकते हो बैठो -
समर्थक ज्यादा हों - तो डटे रहो
वरना ,
निकल पड़ो -
वजन देखो -
वजन ठीक है तो जारी रखो वरना "वजन" बढ़ने का इन्तजार करो . "


" यह रचना अरविन्द कुमार सिंह द्वारा लिखी गयी है . आप कोलकाता में अध्यापक के रूप में कार्यरत है . अरविन्द जी की कविताओं का संग्रह 'नवरंग' जल्द ही प्रकाशित होने वाला है . प्रस्तुत कविता उसी संग्रह से लीगयी है . आपकी रचनाएँ विभिन्न पत्र - पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है . व्यंग के माध्यम से वर्तमान हालतपर रोष व्यक्त करना तथा आशावादिता बनाये रखना इनकी रचनाओं का प्रमुख लक्षण हैं ."

COMMENTS

Leave a Reply: 13
  1. Shandar kavita..desh mein arajakta failane walo par bilkul sahi nishana.

    जवाब देंहटाएं
  2. Bilkul sahi nishana desh mein swarth ki rajneeti karne walo par.

    जवाब देंहटाएं
  3. यथार्थ से जुडी कविता

    जवाब देंहटाएं
  4. sir it is really very nice. I really loved it. Very Good :-)

    जवाब देंहटाएं
  5. humein phir ek gandhi ki zaroorat hai, 'ji' nahin hone se bhi chalega....
    kavita ke bare mein kuch kehna suraj ko deepak dikhana hoga.

    जवाब देंहटाएं
  6. बढ़िया निशाना साधा है आप ने... !
    बिना कोई नाम लिए सब नामवर माननीयों की पोल उजागर करने पर आप को साधुवाद !

    जवाब देंहटाएं
  7. बढ़िया निशाना साधा है आप ने... !
    बिना कोई नाम लिए सब नामवर माननीयों की पोल उजागर करने पर आप को साधुवाद !

    जवाब देंहटाएं
  8. नीलम सिंहसितंबर 09, 2012 8:09 pm

    यथार्थ से अनुप्राणित कविता ! बहुत खूब !



    जवाब देंहटाएं
  9. woh.....swarth ki rajneiti par sahi nishana aap ko sadubad

    जवाब देंहटाएं
  10. good i like it sandar or desh mein swarth ik rajneeti karne walo par nishana i want read ur nest poem thanks for this one

    जवाब देंहटाएं
  11. wow ur poem is very close to indian politics , pls continue it

    and attack to pseudo saffron politicians from ur poems & literatures.

    जवाब देंहटाएं
  12. bahut khoob...!! sir lage rahiye............!!!!!!

    जवाब देंहटाएं
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