भाषा में स्वाभाविकता

SHARE:

भाषा विज्ञान के इतिहास में ऐसा एक भी उदहारण उपलब्ध नहीं होता है ,जहाँ निम्न शब्दों को आधार बनाकर किसी भाषा का नामकरण किया गया हो .प्रयेक भाषा में स्वाभाविक रूप में ओज और कठोरता आ जाति है .एक पशु जितना आनंद अपने इन्द्रियों के माध्यम से पाता है , उससे अधिक आनंद मनुष्य अपनी बुद्धि के माध्यम से अनुभव करता है . साथ

भाषा में स्वाभाविकता

भाषा विज्ञान के इतिहास में ऐसा एक भी उदहारण उपलब्ध नहीं होता है ,जहाँ निम्न शब्दों को आधार बनाकर किसी भाषा का नामकरण किया गया हो .प्रयेक भाषा में स्वाभाविक रूप में ओज और कठोरता आ जाति है . जीवन में कामयाबी के लिए बहुत सारे सिर्द्धंत काम करते हैं .जिनमें कुछ कार्य फल्स्वरुप्र किये जाते हैं .
सुख प्राप्ति के उदाहरण से सभी विकसित व्यक्ति तथा राष्ट सम्मान मिलने पर वे अपना संतुलन नहीं खो बैठते थे . वे निस्वार्थ सेवा के शिखर तक पहुँचे और अपने नीग्रों भाईयों की मुक्ति के लिए दिन -रात कार्य में लगे रहे . इस महान नेता के विचार तथा कार्य सारे विश्व के लिए आदर्श है . समाज कल्याण के विषय में सोचने वाला व्यक्ति ,सभी मानवीय गुणों के भण्डार -रूप वाशिंगटन के जीवन का अध्ययन करके रोमांचित होगा . उनका जीवन ऐसे अनेक उदाहरण प्रस्तुत करता है ,जिनसे पता चलता है कि कैसे लगन ,धैर्य ,स्वचेष्टा तथा आध्यात्मिक शक्ति के द्वारा मनुष्य अत्यंत शक्तिशाली बाधाओं का भी सामना कर सकता है . उनका कहना है -' मैंने सीखा है कि सफलता जीवन में प्राप्त पदवी से नहीं ,बल्कि उन बाधाओं से नापी जाती है ,जिन्हें पार करके एक व्यक्ति सफल हुआ है .
'वे ही लोग सर्वाधिक सुखी हैं , जो दूसरों के लिए अधिक प्रयास करते है . जो लोग दूसरों की जरा भी सहायता नहीं करते , वे ही सर्वाधिक दुखी है .
महात्मा जी  ने अपने कष्टों की बात भूलकर और अपनी आय की चिंता छोड़कर अपनी जाति के लोगों को शिक्षित करने के लिए दिन -रात चेष्टा की . उन्होंने स्कूल खोले और बच्चों को पढाया . वे अलग से टयूसन भी पढ़ाते थे . फिर उन्होंने तुसेनी नमक स्थान पर एक शिक्षालय बनाया . उनके अथक परिश्रम व उत्साह के कारण कुछ बर्षों में ही वह स्कूल प्रसिद्ध हो गया . वहां दूर दूर से बच्चे आने लगे .
केवल बीस वर्षों  में ही स्कूल के पास २३०० एकड़ भूमि हो गयी .  ७०० एकड़ के खेती की जाती थी . छात्र ही खेतों में कार्य करते थे . भवनों का निर्माण भी उन्होंने स्वयं किया . सामान्य शिक्षा के साथ ही छात्रों को कृषि और उद्योग का प्रशिक्षण भी दिया जाता था .  वहां धार्मिक शिक्षा का भी प्रावधान था . इस दलित नेता ने अपने स्कूल के उदाहरण द्वारा यह दर्शाया कि शिक्षा का उदेश्य छात्रों को नौकरी की खोज में दफ्तरों की ख़ाक छाननेवाले भिखारी बनाना नहीं है . उन्होंने उन लोगों को उद्दाम ,स्वाधीनता ,उत्साह तथा परिश्रम की नीव पर अपना जीवन गढ़ने की प्रेरणा दी .
उनका कहना था ' जो  हमारे दैनिक जीवन से किसी - न - किसी रूप में जुडी न हो , वह शिक्षा नहीं हैं . शिक्षा ऐसी कोई चीज़ नहीं है , जो हमें शारीरिक श्रम से बचाती हो . वह शारीरिक श्रम को सम्मान दिलाती है . अप्रत्यक्ष रूप से शिक्षा एक ऐसा साधन है , जो सामान्य लोगों का उत्थान करके उन्हें स्वाभिमान तथा सम्मान दिलाती है .
'मेरा विश्वास है कि यदि कोई मनुष्य प्रतिदिन सर्वश्रेष्ठ कार्य करने का संकल्प कर ले , यानी प्रतिदिन शुद्ध निस्वार्थ भाव से आजीविका हेतु कर्म करने की चेष्टा करे , तो उसका जीवन निरंतर आशातीत उत्साह से परिपूर्ण हो जाएगा . '
मैंने ख्यति की कभी लालसा नहीं की . मैंने ख्याति को सदा भलाई का साधन माना . मित्रों  से मैं कहता रहता हूँ कि यदि मेरी ख्याति भलाई करने का साधन बने , तो मुझे संतोष होगा . मैंने इसे धन के समान सत्कार्य में लगाना चाहता हूँ .
'दासता के जाल में फँसे किसी भी दुर्भाग्य से पीड़ित राष्ट्र या समुदाय के लिए मेरे ह्रदय में पीड़ा होती है . मेरी जाति को गुलाम बनाने वाले गोरे लोगों से मुझे जरा भी घृणा नहीं है . रंगभेद के भाव से ग्रस्त अभागे व्यक्ति पर मुझे दया आती है .
इन्द्रिय -सुख मानव जीवन का लक्ष्य नहीं ,ज्ञान ही जीवमात्र का लक्ष्य है . हम देखते है की एक पशु जितना आनंद अपने इन्द्रियों के माध्यम से पाता है , उससे अधिक आनंद मनुष्य अपनी बुद्धि के माध्यम से अनुभव करता है . साथ ही हम यह भी देखते है कि मनुष्य अपनी बुद्धि के माध्यम से अनुभव  करता है . साथ ही हम यह भी देखते है कि मनुष्य आध्यात्मिक प्रकृति का बौद्धिक प्रकृति से भी अधिक आनंद प्राप्त करते हैं . इसीलिए मनुष्य का परम ज्ञान अध्यात्मिक ज्ञान ही मान जाता है . इस ज्ञान के होते ही परमानन्द की प्राप्ति होती है . संसार की साड़ी चीजें मिथ्या ,छाया मात्र हैं , वे परम ज्ञान और आनंद की तीसरी या चतुर्थ स्तर की अभिव्यक्तियाँ हैं .
केवल मूर्ख ही इन्द्रियों के पीछे दौड़ते है . इन्द्रियों में रहना सरल है , खाते -पीते और मौज उड़ाते हुए पुराने ढर्रे में चलते रहना सरलतर है .किन्तु आजकल के दार्शनिक तुम्हे जो बतलाते हैं , वह यह है कि मौज उडाओं ,किन्तु उस पर केवल धर्म की छाप लगा दो . इस प्रकार का सिद्धांत बड़ा खतरनाक है . इन्द्रियों में ही मौत है .
आत्मा के स्तर पर का जीवन ही सच्चा जीवन है , अन्य सब स्तरों का जीवन मौत के सामान है . यह सम्पूर्ण जीवन एक व्यायामशाला है . यदि हम सच्चे जीवन का आनंद लेना चाहते है ,तो हमें इस जीवन के पार जाना होगा .

COMMENTS

Leave a Reply: 6
  1. इस्मत चुग़ताई वैसे भी मेरी पसंदीदा है। इस कहानी को साझा करने के लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  2. Such a beautiful description of the culture. When in need by men, woman is given maximum attention and so called respect full of extreme selfishness and when woman losses her Charm,attraction and appeal, she is Dumped like a garbage in a dust bin, given divorce and kicked out at times. What kind of mean culture, they have. Womem are no more than a object for them. Great Thanks Ismat Chugtai Qote from Wikipidea Ismat Chughtai (Urdu: عصمت چغتائی‎‎) (August 21, 1911 – October 24, 1991)1 was an eminent Indian writer in Urdu, known for her indomitable spirit and a fierce feminist ideology. Considered the grand dame of Urdu fiction, Chughtai was one of the Muslim writers who stayed in India after the subcontinent was partitioned. Along with Rashid Jahan, Wajeda Tabassum and Qurratulain Hyder, Ismat's work stands for the birth of a revolutionary feminist politics and aesthetics in twentieth century Urdu literature. She explored feminine sexuality, middle-class gentility, and other evolving conflicts in modern India. Her outspoken and controversial style of writing made her the passionate voice for the unheard, and she has become an inspiration for the younger generation of writers, readers and intellectuals.

    जवाब देंहटाएं
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ हमें उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !
टिप्पणी के सामान्य नियम -
१. अपनी टिप्पणी में सभ्य भाषा का प्रयोग करें .
२. किसी की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी न करें .
३. अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .

नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,37,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,4,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,8,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,5,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,6,कविता,1472,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,38,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,2,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,139,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,6,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,35,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,76,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,5,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,28,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,7,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,39,निर्मल वर्मा,3,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,201,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,139,प्रयोजनमूलक हिंदी,37,प्रेमचंद,45,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,88,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,9,भक्ति साहित्य,143,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,17,भीष्म साहनी,7,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,9,मलिक मुहम्मद जायसी,9,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,3,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,14,मैला आँचल,8,मोहन राकेश,13,यशपाल,14,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,21,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,124,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,7,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,1,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,8,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,56,शैलेश मटियानी,2,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,4,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,32,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,44,समसामयिक हिंदी लेख,266,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,20,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,86,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,11,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,424,हिंदी लेख,529,हिंदी व्यंग्य लेख,14,हिंदी समाचार,179,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,91,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aapka-banti-mannu-bhandari,4,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,10,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,19,hindi essay,416,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,105,hindi stories,677,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,52,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,22,kavyagat-visheshta,25,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,11,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,raag-darbari-shrilal-shukla,3,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,6,sponsored news,10,suraj-ka-satvan-ghoda-dharmveer-bharti,2,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,48,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: भाषा में स्वाभाविकता
भाषा में स्वाभाविकता
भाषा विज्ञान के इतिहास में ऐसा एक भी उदहारण उपलब्ध नहीं होता है ,जहाँ निम्न शब्दों को आधार बनाकर किसी भाषा का नामकरण किया गया हो .प्रयेक भाषा में स्वाभाविक रूप में ओज और कठोरता आ जाति है .एक पशु जितना आनंद अपने इन्द्रियों के माध्यम से पाता है , उससे अधिक आनंद मनुष्य अपनी बुद्धि के माध्यम से अनुभव करता है . साथ
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2010/02/ismat-chughtai.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2010/02/ismat-chughtai.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका