जयशंकर प्रसाद हिन्दी के उच्चकोटि के नाटककार

SHARE:

जयशंकर प्रसाद हिन्दी के उच्चकोटि के नाटककार जयशंकर प्रसाद हिन्दी के उच्चकोटि के नाटककार हैं ,इनकी कहानियों में भी संवादों के माध्यम से...

जयशंकर प्रसाद हिन्दी के उच्चकोटि के नाटककार


जयशंकर प्रसाद हिन्दी के उच्चकोटि के नाटककार हैं ,इनकी कहानियों में भी संवादों के माध्यम से इनकी नाटकीयता उभर कर सामने आई है .इसके संवाद कथा विकास के साथ पात्रों की चारित्रिक विशेषताओं का सफल उद्घाटन करते हैं .ममता कहानी में उपहार की घटना को लेकर पिता - पुत्री में जो विवाद हुआ है उससे दोनों के चरित्र पर पर्याप्त प्रकाश पड़ता है . 

कर्त्तव्य एवं मानव धर्म -

निदान स्वरुप वह सज्जन अपने निश्चित विचार पर आ गया . सौभाग्य से उस रुपये के बण्डल पर रुपये वाले के नाम - पता लिखे थे . अतः सज्जन ने जाकर रुपये वाले को रुपये दे दिए . रुपये वाले ने उस सज्जन को पारितोषिक रूप में कुछ रुपये देने चाहे . परन्तु उसने नहीं लिया और यह कहकर चल दिया कि ' मैं अपने कर्त्तव्य एवं मानव धर्म को बेचने नहीं आया हूँ .'' धन्य उसकी निर्लोभता !

ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम - 

इस प्रकार पड़ा हुआ धन पाकर , पहले उसके स्वामी को खोजकर उसी को देना चाहिए . यदि स्वामी का पता न लगे , तो सरकार के कोष में देना चाहिए या कोई सार्वजनिक सेवा , धर्म कार्य में लगा देना चाहिए . 
भारत की करीब 70 फीसदी से ज्यादा आबादी अभी भी  गांव में रहती है. सड़क, बिजली, पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के बाद अब स्वच्छता के मुद्दे पर गंभीरता दिखाई जा रही है. इसके लिए सरकार ने स्वच्छता अभियान की शुरूआत की है. ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए स्वच्छ  एवं साफ- सुथरा वातावरण उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम की शुरुआत की.  इसके तहत तमाम ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनके जरिए गांव  की तस्वीर बदल सके. स्वच्छता अपनाने के लिए ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा व्यक्तिगत स्तर पर भी   जागरूक करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। 73 वें संविधान संशोधन  अधिनियम, 1992 के अनसुार, स्वच्छता को 11 वीं अनुसूची में शामिल किया गया है.  इसके अनुसार सर्पूं स्वच्छता अभियान के कार्यान्वयन में पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका है। शौचालयों के निर्माण एवं अपशिष्ट पदार्थों के सुरक्षित निपटान के माध्यम से वातावरण स्वच्छ रखने के संबंध में एकजुटता सुनिश्चित करने के लिए स्वैच्छिक संगठनों एवं गैर-सरकारी संगठनों का भी  सहयोग लिया जा रहा है. तमाम पंचायते अपने-अपने कार्यक्षेत्र  में शौचालय का निर्माण करा रही हैं।

प्रारंभिक कार्यकलाप - 

इसके तहत मुख्य रूप से स्वच्छता के  प्रति लोगों के बीच प्रचार, प्रसार एवं स्वच्छता के प्रति लोगों को प्रच्त्साहित करना शामिल है. जिला टीएससी परियोजना प्रस्ताव तैयार करने के लिए पहले सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करती है. इस रिपोर्ट के आधार पर स्वच्छता प्रचार-प्रसार एवं अन्य क्रियाकलाप के  लिए प्रस्ताव तैयार किया जाता है.  इस प्रस्ताव के आधार पर जिले से राज्य सरकार और  फिर केंद्र सरकार को  रिपोर्ट तेजी जाती है. इसी रिपोर्ट के आधार पर केंद्र्र सरकार की और से ग्राम पंचायत स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाने के लिए बजट आदि का प्रावधान किया जाता है. ग्रामीण सैनिट्री मार्ट (आरएसएम) - ग्रामीण

सैनिट्री मार्ट ऐसा स्थान है, जहां न केवल स्वच्छ शौचालयों बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्तियों, परिवारों तथा विद्यालयों के लिए आवश्यक अन्य सुविधाओं के निर्माण हेतु आवश्यक सामान उपलब्ध होता है. आरएसएम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तकनीकी एवं वित्तीय दृष्टि से उपयुक्त विभिन्न प्रकार के शौचालयों तथा अन्य स्वच्छता सुविधाओं के निर्माण कक् लिए आवश्यक सामग्री एवं मार्गदर्शन प्रदान करना है.
 इस अभियान के जरिए ग्रामीणों  में खुले में शौच जाने की आदत में बदलाव लाने का प्रयास किया जाता है. उन्हें इस बात से वाकिफ कराया जाता है कि खुले में शौच जाने से किस तरह की दिक्कतें आती हैं . पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है. व्यक्तिगत घरेलू शौचालय ( आईएचएचएल) के तहत का प्रदर्शन 50 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत से नीचे रहा है. इस  राज्य में अभियान के  तहत आईएचएलएल योजना चलाई जा रही है. सरकारी सर्वे में यह बात भी  सामने आई है कि सिक्किम और केरल में सभी  घरों में शौचालय निर्माण हो चुका है. इस   प्रकार इनका प्रदर्शन 100 प्रतिशत रहा है.  सबसे बड़ी बात यह है कि ओडिशा के तमाम नगर पालिकाओं के पास कचरा प्रबंधन की व्यवस्था नहीं है.  ऐसे में शहरों का कचरा ग्रामीण इलाकों के खाली स्थान पर फेंका जा रहा है. इस वजह से ग्रामीण इलाकों में पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है. हालांकि सरकार की और  से सभी  नगर निकायों को  कचरा प्रबंधन का निर्देश दिया गया है, लेकिन सभी  तक इस दिशा में कुछ ज्यादा काम नहीं हो पाया है. अस्पताल से लेकर विभिन्न बाजारों का कचरा खुले में फेंका जा रहा है.  यह कचरा ट्रालियों से गांवों के पास फेंका जाता है. इसे पूरी तरह से बंद करने की जरूरत है.  नगर निकायों की तरह की ग्राम पंचायतों  में भी  कचरा प्रबंधन की पुख्ता रणनीति अपनाई जाए.

धार्मिक शिक्षा - 

केवल बीस वर्षों  में ही स्कूल के पास २३०० एकड़ भूमि हो गयी .  ७०० एकड़ के खेती की जाती थी . छात्र ही खेतों में कार्य करते थे . भवनों का निर्माण भी उन्होंने स्वयं किया . सामान्य शिक्षा के साथ ही छात्रों को कृषि और उद्योग का प्रशिक्षण भी दिया जाता था .  वहां धार्मिक शिक्षा का भी प्रावधान था . इस दलित नेता ने अपने स्कूल के उदाहरण द्वारा यह दर्शाया कि शिक्षा का उदेश्य छात्रों को नौकरी की खोज में दफ्तरों की ख़ाक छाननेवाले भिखारी बनाना नहीं है . उन्होंने उन लोगों को उद्दाम ,स्वाधीनता ,उत्साह तथा परिश्रम की नीव पर अपना जीवन गढ़ने की प्रेरणा दी .
उनका कहना था ' जो  हमारे दैनिक जीवन से किसी - न - किसी रूप में जुडी न हो , वह शिक्षा नहीं हैं . शिक्षा ऐसी कोई चीज़ नहीं है , जो हमें शारीरिक श्रम से बचाती हो . वह शारीरिक श्रम को सम्मान दिलाती है . अप्रत्यक्ष रूप से शिक्षा एक ऐसा साधन है , जो सामान्य लोगों का उत्थान करके उन्हें स्वाभिमान तथा सम्मान दिलाती है .


ममता कहानी की संवाद योजना उद्देश्यपूर्ण हैं .सामान्यतया संवाद कहानी में नाटकीयता की दृष्टि से सहायक है .यह कवित्व प्रभाव मुक्त प्रसाद जी की अकेली कहानी है जो शब्द के पूर्णतया मुक्त विशुद्ध कहानीकार के रूप में प्रसाद जी परिचय देती है . 


COMMENTS

Leave a Reply

You may also like this -

Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका