स्वर्ग बना सकते है

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swarg bana sakte hai poem explanationरामधारी सिंह दिनकर की कविता स्वर्ग बना सकते हैं कविता का केन्द्रीय भाव / मूल भाव स्वर्ग बना सकते है ,कविता श्री रामधारी सिंह दिनकर जी द्वारा लिखी गयी प्रसिद्ध कविता है .प्रस्तुत कविता में उन्होंने अपने देश की तुलना स्वर्ग से की है .

स्वर्ग बना सकते है / रामधारी सिंह दिनकर की कविता


१. धर्मराज यह भूमि किसी की
नहीं क्रीत है दासी
है जन्मना समान परस्पर
इसके सभी निवासी ।
सबको मुक्त प्रकाश चाहिए
सबको मुक्त समीरण
बाधा रहित विकास, मुक्त
आशंकाओं से जीवन ।

व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियों  में कवि रामधारी सिंह दिनकर जी कहते है कि यह धरती किसी की खरीदी हुई दासी नहीं है .इस पर जन्म लेने वाले सभी एक सामान है . उन सभी को खुला आसमान चाहिए ,जिससे वे धूप और चाँदनी सभी का समान आनंद ले सके . कवि कहते है कि सभी को विकास का अवसर मिलना चाहिए और किसी प्रकार की बाधा उसके विकास को न रोके और न ही किसी के मन में किसी के लिए कोई संदेह नहीं होगा .कवि का कहना है कि इस धरती को स्वर्ग बनाने के लिए यही एक मात्र तरीका है . धरती ,आसमान ,हवा सबके लिए एक समान है और उन पर सबका समान अधिकार है .


२. लेकिन विघ्न अनेक अभी
इस पथ पर अड़े हुए हैं
मानवता की राह रोककर
पर्वत अड़े हुए हैं ।
न्यायोचित सुख सुलभ नहीं
जब तक मानव-मानव को
चैन कहाँ धरती पर तब तक
शांति कहाँ इस भव को ?

व्याख्या - कवि का कहना है कि इस धरती को स्वर्ग बनाने के लिए अनेक बाधाएँ खड़ी हैं . विभिन्न वर्गों में बटें हुए समाज में बराबरी को लाना कठिन है .सभी को न्यायपूर्ण सुख प्राप्त नहीं हो सकता है .जब तक मनुष्य को न्यायरुपी सुख नहीं मिलेगा तब तक उसे चैन नहीं आएगा .अतः कवि ऐसा संसार बनाना चाहता है जहाँ सभी को न्यायोचित सुख के साथ चैन और शान्ति मिले .

३. जब तक मनुज-मनुज का यह
सुख भाग नहीं सम होगा
शमित न होगा कोलाहल
संघर्ष नहीं कम होगा ।
उसे भूल वह फँसा परस्पर
ही शंका में भय में
लगा हुआ केवल अपने में
और भोग-संचय में।

व्याख्या -  कवि का मानना है कि जब तक जीवन में समता का सुख नहीं होगा ,तब तक मनुष्य के मन में असंतोष रहेगा और असंतोष के कारण अशांति बनी रहेगी . अन्याय के विरुद्ध मानवता का आन्दोलन का शोर तब तक कम नहीं होगा जब तक प्रकृति के साधन सबको समान रूप से नहीं मिल जाते .समाज में एक दूसरे पर भी संदेह करते हैं .स्वार्थी भावना लाते हैं .अतः इसी भावना के कारण मनुष्य लालचवश भोग और संचय में लगा हुआ है .


४. प्रभु के दिए हुए सुख इतने
हैं विकीर्ण धरती पर
भोग सकें जो उन्हें जगत में,
कहाँ अभी इतने नर?
सब हो सकते तुष्ट, एक सा
सब सुख पा सकते हैं
चाहें तो पल में धरती को
स्वर्ग बना सकते हैं ।

व्याख्या - कवि का कहना है कि ईश्वर ने मनुष्य को अनेक प्रकार के सुख दिए है .वन ,पर्वत ,नदियाँ ,धरती ,सोना उलगने वाली कृषि भूमि ,सोना चाँदी ,जल,मिटटी ,पेड़ -पौधे ,किसी भी साधन की धरती पर कमी नहीं है .धरती पर प्रचुर मात्रा में सुख के साधन है . मनुष्य स्वार्थ रहित होकर यदि इन सुखों को समतापूर्वक भोगे तो सबको सुख भी प्राप्त होगा और सभी संतुष्ट भी रहेंगे .अतः यह धरती स्वरः के समान सुन्दर बन जायेगी .यहाँ भी वहीँ सुख प्राप्त होंगे तो स्वर्ग में प्राप्त होते हैं .



स्वर्ग बना सकते हैं कविता का केन्द्रीय भाव / मूल भाव 

स्वर्ग बना सकते है ,कविता श्री रामधारी सिंह दिनकर जी द्वारा लिखी गयी प्रसिद्ध कविता है .प्रस्तुत कविता में उन्होंने अपने देश की तुलना स्वर्ग से की है .कवि का मानना है कि हम सभी का जन्म समान रूप से हुआ है .ईश्वर ने हमें समान रूप से बनाया है और साथ यह धरती ,हवा ,प्रकाश आदि का उपयोग करने के लिए दिया है ,परन्तु कुछ मनुष्यों से लोभ वश उन पर कब्ज़ा जमा लिया है और समाज में अन्याय को जन्म दिया है . अतः हमारे देश में किसी प्रकार की भाषा ,धर्म ,जाति ,रंग आदि के नाम पर कोई भेद -भाव न हो . सभी देशवासियों को न्यायोचित सुख मिले .सभी का समान विकास हो .किसी प्रकार का संघर्ष न हो . कवि का मानना है कि समता और प्रेम के आधार पर हम इस देश व सारी धरती को स्वर्ग के समान बना सकते हैं .


स्वर्ग बना सकते हैं प्रश्न उत्तर


प्र. १. कवि के अनुसार मनुष्य का जीवन कैसा हो ?

उ . कवि के अनुसार मनुष्य का जीवन बाधा रहित होना चाहिए . उसके जीवन में अन्याय न हो और समान रूप से विकास का अवसर मिले . 


प्र.२. कवि के अनुसार संघर्ष कब समाप्त होगा ?

उ . कवि के अनुसार जब सभी मनुष्यों को समानता की दृष्टि से देखा जाएगा ,सभी को बढ़ने का समान अवसर प्राप्त होगा तभी  संघर्ष समाप्त होगा . 





प्र. ३. मनुष्य किसमें लगा हुआ है ? वह किस भय में हैं ?

उ. मनुष्य भोग और संघर्ष में लगा हुआ है . स्वार्थ के कारण उसमें लालच की भावना होती है और वही उसे खोने का डर भी होता है . 

प्र. ४. कवि के अनुसार धरती को स्वर्ग कैसे बनाया जा सकता है ?

उ. कवि का कहना है कि धरती पर सभी मनुष्यों का समान अधिकार है .सुख के साधनों को केवल कुछ मनुष्यों का कब्ज़ा ही मनुष्य के दुखों का कारण है . यदि सभी को समान अधिकार मिले और विकास का समान अवसर मिले तो यह धरती अवश्य ही स्वर्ग बन जायेगी .



MCQ Questions with Answers Swarg Bana Sakte Hai


बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर 

प्र १. स्वर्ग बना सकते हैं कविता के कवि का नाम बताओ ?
a. जयशंकर प्रसाद 
b. रामधारी सिंह दिनकर 
c. महादेवी वर्मा 
d. सुभद्राकुमारी चौहान 

उ. b. रामधारी सिंह चौहान 

२. दिनकर जी को  किस रचना पर ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ ?
a. कुरुक्षेत्र 
b. रश्मिरथी 
c. उर्वशी 
d. प्रिय प्रवास 

उ. c. उर्वशी 

३. 'क्रीत' शब्द का अर्थ बताओ ?
a. खरीदी हुई . 
b. बेचीं हुई 
c. कार्य करना 
d. उपरोक्त में से कोई नहीं 

उ. a. खरीदी हुई 

४. दिनकर जी की प्रमुख गद्य रचना है ?
a. विनयपत्रिका
b. परशुराम की प्रतीक्षा 
c. भारतीय संस्कृति के चार अध्याय 
d. सूरज का सातवां घोडा 

उ. c. भारतीय संस्कृति के चार अध्याय 

५. जीवन में विकास के लिए किन किन चीज़ों की आवश्यकता पड़ती है ?
a. हवा और रौशनी 
b. आशंकाओ से मुक्त जीवन 
c. समानता व बाधा रहित विकास 
d. उपयुक्त सभी 

उ. d. उपयुक्त सभी 

६. कवि के अनुसार संसार में कब तक शान्ति संभव नहीं है ?
a. शांति संभव ही नहीं 
b. जब तक लोग शान्ति चाहते नहीं है . 
c. जब तक सभी का सुख भाग समान नहीं है . 
d. भय समाज में विद्यमान है 

उ. c. जब तक सभी का सुख भाग समान नहीं है . 

७. धरती को स्वर्ग कैसे बनाया जा सकता है ?
a. मनुष्य यदि स्वार्थ त्याग दे 
b. सभी मनुष्यों में प्रेम हो . 
c. सभी मनुष्य जन मिलजुल कर कार्य करें 
d. उपयुक्त सभी 

उ. d. उपयुक्त सभी 

8. जब मनुष्य उन्नति की तरफ अग्रसर होता है तो उसे कौन रोकता है ?
a. उसके दुश्मन 
b. उसके आलसपन 
c. अनेक बाधाएं पर्वत के समान 
d. उपयुक्त में से कोई नहीं 

उ. c. अनेक बाधाएँ पर्वत के समान 

९. मानवता के मार्ग में पर्वत किस प्रकार खड़े हैं ?
a. सहयोगी के रूप में 
b. मार्ग रोक कर 
c. अनेक बाधाओं के रूप में 
d. उपरोक्त में से कोई नहीं 

उ. c. अनेक बाधाओं के रूप में 

१०. इस संसार में सुख शान्ति कैसे आएगी ?
a. यदि मनुष्य लड़ना बंद कर दे . 
b. संसार में सभी मनुष्य मिल जुल कर रहें . 
c. लोग स्वार्थी न बने 
d. उपरोक्त में से कोई नहीं 

उ. b. संसार में सभी मनुष्य मिलजुल कर रहें . 

11. किन समस्याओं ने  मनुष्य का मार्ग रोक रखा है ?
a. विभिन्न वर्गों में विभाजित समाज 
b. जाति - पाती 
c. रंग भेद व वर्ण भेद 
d. उपयुक्त सभी 

उ. d. उपयुक्त सभी 

१२. 'न्यायोचित ' सुख से क्या तात्पर्य है ?
a. सुख और शान्ति 
b. न्याय के अनुसार 
c. सभी को सुख सुविधा प्राप्त हो 
d.. उपरोक्त सभी 

उ. d. उपरोक्त सभी 

१३. मनुष्य वर्तमान में क्या भूल गया है ?
a. दूसरों की सेवा करना 
b. अपना धर्म 
c. उन्नति का मार्ग 
d. शांति तथा अपना कर्त्तव्य 

उ. d. शांति और अपना कर्तव्य 

१४. 'विकीर्ण' शब्द का क्या अर्थ है ?
a. शांति 
b. समानता 
c. फटा हुआ 
d. शोरगुल 

उ. d शोरगुल 

१५. मनुष्य जीवन में कैसे सुख पा सकता है ?
a. स्वार्थ रहित होकर 
b. ईश्वर द्वारा अमूल्य भण्डार को समानता के साथ बाँट कर  
c. सभी सुखों को सफलतापूर्वक भोगकर 
d. उपरोक्त सभी 

उ. d. उपरोक्त सभी 



COMMENTS

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  7. Thanks coz today wasy xam and it helped me a lot. But you to give little more explanation.

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  8. उत्तर धरती किसी एक की नहीं है।

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  9. उत्तर धरती किसी एक की नहीं

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  10. Shukhriya bro aapki madat ke liye Kal Mera Hafiz xam hai aur mujhe kuch smjh ni aarha tha

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  11. Bahut acha mere exam mae kaam aya

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  12. The website has awesome content but pls allow copy paste
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Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,Rimjhim Class 3,14,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,sponsored news,3,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,32,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
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