tag:blogger.com,1999:blog-6755820785026826471.post1434929361583250385..comments2024-03-27T18:22:33.294+05:30Comments on हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: लिंग और हिंदी व्याकरणHindikunjhttp://www.blogger.com/profile/17430170217452544378noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6755820785026826471.post-18056796411325084682016-11-05T20:51:39.549+05:302016-11-05T20:51:39.549+05:30मीना जी,
आप ऐसे ही टिप्पणियों से प्रोत्साहित करते...मीना जी,<br /><br />आप ऐसे ही टिप्पणियों से प्रोत्साहित करते रहें,शायद लेखों में निखार आता रहेगा. वैसे लेख में भी यही कहा गया कि व्यावहारिक ज्ञान के आधार पर ही हिंदी में लिंग निर्धारण होता है. <br />कुछ नियम हैं पर जटिल हैं और उन्हें अपनाना करीब असंभव सा है.<br /><br />आभार,<br />अयंगर.Madabhushi Rangraj Iyengarhttps://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6755820785026826471.post-43950660824702535582016-11-05T15:03:55.052+05:302016-11-05T15:03:55.052+05:30लेख अच्छा लगा। उपयोगी भी है। फिर भी लगता है कि चाह...लेख अच्छा लगा। उपयोगी भी है। फिर भी लगता है कि चाहे व्याकरण के नियम सबको न मालूम होने से हो या अन्य भाषाओं के प्रभाव से,शब्दों के सही लिंग निर्धारण में गलतियाँ होती रहती हैं । ऐसे में व्यावहारिक प्रयोग पर ही निर्भर होना पड़ता है ।Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.com