विश्व पुस्तक मेले में अंतिम दिन 'मुझे कुछ कहना है' और 'बुरा वक्त अच्छे लोग' का लोकापर्ण
नई दिल्ली : 9 दिन से चले आ रहे विश्व पुस्तक मेले का आज अंतिम दिन था मगर पुस्तकप्रेमियों के उत्साह में अभी भी कोई कमी नही दिखाई दी ,भारी संख्या में आज भी लोगों ने मेले में शिरकत की। राजकमल प्रकाशन समूह के मंच पर आज के दिन के पहले कार्यक्रम में ख़्वाजा अहमद अब्बास की चयनित कहानियों के संकलन 'मुझे कुछ कहना है' का लोकार्पण हुआ,इस किताब का एक खास आकर्षण ख़्वाजा अहमद अब्बास का एक
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लोकापर्ण |
इस साल पुस्तक मेले की थीम मानुषी को भी ध्यान में रखके राजकमल प्रकाशन प्रत्येक दिन महिला लेखिकाएं जैसे अनुराधा बेनीवाल ,मृदुला गर्ग, मैत्रेयी पुष्पा और कृष्णा सोबती जैसे नामचीन लेखकों को अपने मंच पर लाये ।
राजकमल प्रकाशन मंच पर जिसने लोगों को सबसे ज्यादा लुभाया वह था एक अनोखी स्कीम सेल्फी पॉइंट है 'हिंदी है हम ' जहाँ पर पुस्तकप्रेमी फोटो लेके फेसबुक पे #RajkamalBooks पोस्ट करने पर किताबों पर 5% की अतिरक्त
छूट ले रहे थे ।
9 दिन तक चले विश्व पुस्तक मेले में राजकमल प्रकाशन द्वारा वर्षा दास के तीन नाटक -खिड़की खोल दो ,चहकता चौराहा और प्रेम और पत्थर,कुसुम खेमानी की किताब 'जड़िया बाई' गीत चतुर्वेदी की 'न्यूनतम मैं', दिनेश कुशवाह की 'इतिहास में अभागे' ,आर. चेतनक्रांति की 'वीरता पर विचलित' ,प्रेम रंजन अनिमेष की 'बिना मुंडेर की छत' ,राकेश रंजन की 'दिव्य कैदखाने में' ,विवेक निराला की 'धुव्र तारा जल में',सविता भार्गव की 'अपने आकाश में' ,समर्थ वशिष्ठ की 'सपने मे पिया पानी' ,मोनिका सिंह की 'लम्स', प्रकृति करगेती की 'शहर और शिकायतें' और पवन करण की 'इस तरह मैं' अल्पना मिश्र की किताब 'स्याही में सुर्ख़ाब के पँख' क्षितिज रॉय का उपन्यास 'गंदी बात' जैसे उपन्यासों के लोकापर्ण हुए।
Warm regards,
Santosh Kumar
M -9990937676
आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति ब्लॉग बुलेटिन और ओपी नैय्यर में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।
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