होली रे होली
होली रे होली ,रंगों की गोली,
लाल,हरी ,
नीली,पीली,
रंगों की झड़ी ,
मार पिचकारी ,
अरे पकड़ी गई |
होली रे होली ....
देख वो पडोसी ,
आई चाची मामी,
मुख पे मली,
अरे गुलाल की लाली |
होली रे होली ...........
हुड़दंग मचाए,
बस्ती में सारे ,
रोके न रुके ,
अरे आज हम सारे|
होली रे होली .......
यह रचना जयश्री जाजू जी द्वारा लिखी गयी है . आप अध्यापिका के रूप में कार्यरत हैं . आप कहानियाँ व कविताएँ आदि लिखती हैं .
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 25 मार्च 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
उत्तर देंहटाएंधन्यवाद आपको मेरी स्वरचित रचना पसंद आई और आपने उसे अपने ब्लॉग में स्थान दिया | तहेदिल से आपका धन्यवाद |
हटाएंसभी को होली की शुभकामनायें
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