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अदम गोंडवी |
तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है
मगर ये आँकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी हैउधर जमहूरियत का ढोल पीटे जा रहे हैं वो
इधर परदे के पीछे बर्बरीयत है, नवाबी हैलगी है होड़-सी देखो अमीरी औ' गरीबी में
ये गांधीवाद के ढाँचे की बुनियादी खराबी हैतुम्हारी मेज चाँदी की तुम्हारे ज़ाम सोने के
यहाँ जुम्मन के घर में आज भी फूटी रक़ाबी है
Naye saal kee anek shubh kamnayen!
उत्तर देंहटाएंIse "kavita" kahane se zydaah uchit hogaa ki ise "Ghazal" kahaa jaaye
उत्तर देंहटाएंek aam insan ka dard samjhni wala hum se bhut dur ja kar bhe gareebo ke kitna paas hai
उत्तर देंहटाएंMind blowing............great work sir keep it up.
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