प्रिय मित्रों , 'हिंदीकुंज' में क्विज़ शुरू किया गया है. इसके माध्यम से आप अपने हिंदी भाषा व साहित्य के ज्ञान को परख सकते है . आशा है कि आप सभी को यह पसंद आएगा .
hindi sahitya ke gyan ka vikasah ke liye ek viswsaniya madhyama hai apa kaa ye quiz programmae...mera sujhav hai ki aap is ka diffculty level badhaiye.. thanaks..
वह देखने में कैसा लगता था, बताना मुश्किल है, लेकिन इतना जरूर कह सकता हूँ कि वह काफी उदास और परेशान था।
मैंने इंसान होने के नाते पूछ लिया क्या हुआ? बड़े परेशान दिखाई दे रहे हो। क्या मैं आप की कोई सहायता कर सकता हूँ?
‘हाँ, मैं उसके लिए काफी परेशान हूँ। जाने उस पर क्या बीत रही होगी...जाने वो कैसे हाल में होगी...’ उसने एक लम्बी सांस छोड़ते हुए कहा।
‘वो..वो कौन?’
‘वो जिससे मेरा विवाह होने वाला था। मैं उससे बहुत महौब्बत करता था और वह में मुझे दिलों-जान से चाहती थी।’ वह अपनी लवस्टोरी सुनाए चला जा रहा था और मुझे भी उसकी लवस्टोरी में आनंद आ रहा था।
‘उसके बाद क्या हुआ?’ मैं उसकी प्रेम कहानी आगे सुनने को बेचैन था।
‘फिर... उसके माता-पिता नहीं माने। लेकिन हम एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। एक दिन सुना कि उसके माता-पिता ने ज़बरदस्ती उसका विवाह दूसरी जगह पक्का कर दिया।’
‘फिर?’
‘मैंने उससे मिलने के लिए दिन-रात एक कर दिए, लेकिन...’ ‘लेकिन क्या.....‘ मैंने पूछा।
‘लेकिन मैं उससे मिल नहीं पाया।’ उसने गहरी साँस छोडते हुए कहा, ‘और मैंने खुदखुशी कर ली।’
‘...खुदखुशी....पर तुम तो....’
‘अब मैं जीवित नहीं हूँ।’ ‘क् क्या..मेरी उत्सुकता डर में तब्दील गई थी।’
‘घबराओ मत, मैं तुम्हें किसी प्रकार की हानि नहीं पहुँचाऊंगा। बस तुम मेरी ज़रा-सी सहायता कर दो।’
‘हाँ बोलो’ मैंने राहत की साँस ली।
‘मैं उससे आज भी बहुत-अधिक प्रेम करता हूँ, उसका प्रेम ही मुझे इस रूप में भी यहाँ खींच लाया है। मैं बस यह जानना चाहता हूँ कि वो ठीक तो है! कहीं मेरे मरने की ख़बर सुनकर उसने भी ....और मेरे माता-पिता... क्या तुम मेरी सहायता करोगे?’
‘‘अरे आज इतनी देर तक सो रहा है! उठ चाय-नाश्ता तैयार है।’’ किचिन से मम्मी के तीखे स्वर ने मेरी आंखें खोल दीं।
‘ओह, आया मम्मी!’ मुझे उस दूसरी दुनिया के उस प्राणी से अपनी बातचीत अधूरी रह जाने का खेद था। काश! मम्मी ने 10 मिनट बाद जगाया होता तो कम से कम उसे इतना तो बता देता कि - ‘हे भाई, बेवजह टेंशन ले रहे हो। यहाँ सब ठीक ही होंगे. तुम्हारे माता-पिता भी ठीक-ठाक होंगे। और उसने भी तुम्हें भुला दिया होगा। क्योंकि तुम्हें पता होना चाहिए कि शादी के पश्चात औरत का एक तरह से दूसरा जन्म ही होता है। और वैसे भी हम धरती के प्राणी मृत प्राणी को याद नहीं करते हैं, क्योंकि मरे हुओं को याद करना अपशकुन समझते हैं। और भूले से भी अपने या उसके घर न चले जाना। जिनके लिए तुम इतने परेशान और दुःखी हो, वो ‘भूत-भूत’ चिल्लाएंगे तुम्हें देखकर और दूर भागेंगे तुमसे।’
‘अरे बेवकूफ, इस धरती के लोग यहीं के लोगों से प्यार निभा लें तो बहुत है! तुम तो बहुत दूर जा चुके हो।’ लेकिन मुझे अफसोस है कि ये सब बातें मैं उसे नहीं कह सका।
यह हिन्दी का बहुत ही उपयोगी वेबसाइट हैा शुक्रिया आपका। मैं आपके वेबसाइट को परीक्षा के लिए उपयोग करूंगी, सोच रही हूं आपके इस साइट के बारे में मुझे काश पहले पता होता, तो मैं अपना ज्ञान कोष में कुछ और ज्ञान का समायोजन कर पाती। आपसे निवेदन है कि आप परीक्षा उपयोगी हिन्दी के निबंध एवं समसमायिक महात्वपूर्व घटनाओं पर आलेख भी प्रकाशित करने का कष्ट करेंा
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हिंदी कुञ्ज में शुरू की गई हिंदी प्रश्नावली अत्यंत उपयोगी है .
उत्तर देंहटाएंplease give some new questions.
उत्तर देंहटाएंdhanywad
उत्तर देंहटाएंकृपया हिन्दी प्रश्नावली का उत्तर भी जाँच के उपरांत होना चाहिए !
उत्तर देंहटाएंकृपया हिन्दी प्रश्नावली जाँच के उपरान्त प्रमाण पत्र के साथ अंक अंकित करनी चाहिये !
उत्तर देंहटाएंhindi bhasha k gyanvardhan k lie ek sundar prayas
उत्तर देंहटाएंdhanyavad revision ke liye.
उत्तर देंहटाएंhindi sahitya ke gyan ka vikasah ke liye ek viswsaniya madhyama hai apa kaa ye quiz programmae...mera sujhav hai ki aap is ka diffculty level badhaiye..
उत्तर देंहटाएंthanaks..
bahut accha laga. kai prashna to m.a. me isi se mil gaye
उत्तर देंहटाएंरोचकता के साथ ज्ञानवर्धन के इस सार्थक प्रयास हेतु बधाई... प्रश्नों की संख्या में वृद्धि कर प्रश्नावली को और अधिक उपयोगी बनाया जा सकता है. सधन्यवाद
उत्तर देंहटाएंi like Hindi so please sent me harivansh rai bachchan's knowladge.
उत्तर देंहटाएंSARAHNEEYA PRAYASH ...................
उत्तर देंहटाएंHINDI KUNJ TEEM KO DHANYAVAAD........!!!!!!!!
behtareen prayash hai hindi me ruchi badhane hetu. dhanyawaad sir.
उत्तर देंहटाएं- वह कौन था? - अनिल धामा ”यश बादल“
उत्तर देंहटाएंवह देखने में कैसा लगता था, बताना मुश्किल है, लेकिन इतना जरूर कह सकता हूँ कि वह काफी उदास और परेशान था।
मैंने इंसान होने के नाते पूछ लिया क्या हुआ? बड़े परेशान दिखाई दे रहे हो। क्या मैं आप की कोई सहायता कर सकता हूँ?
‘हाँ, मैं उसके लिए काफी परेशान हूँ। जाने उस पर क्या बीत रही होगी...जाने वो कैसे हाल में होगी...’ उसने एक लम्बी सांस छोड़ते हुए कहा।
‘वो..वो कौन?’
‘वो जिससे मेरा विवाह होने वाला था। मैं उससे बहुत महौब्बत करता था और वह में मुझे दिलों-जान से चाहती थी।’ वह अपनी लवस्टोरी सुनाए चला जा रहा था और मुझे भी उसकी लवस्टोरी में आनंद आ रहा था।
‘उसके बाद क्या हुआ?’ मैं उसकी प्रेम कहानी आगे सुनने को बेचैन था।
‘फिर... उसके माता-पिता नहीं माने। लेकिन हम एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। एक दिन सुना कि उसके माता-पिता ने ज़बरदस्ती उसका विवाह दूसरी जगह पक्का कर दिया।’
‘फिर?’
‘मैंने उससे मिलने के लिए दिन-रात एक कर दिए, लेकिन...’
‘लेकिन क्या.....‘ मैंने पूछा।
‘लेकिन मैं उससे मिल नहीं पाया।’ उसने गहरी साँस छोडते हुए कहा, ‘और मैंने खुदखुशी कर ली।’
‘...खुदखुशी....पर तुम तो....’
‘अब मैं जीवित नहीं हूँ।’
‘क् क्या..मेरी उत्सुकता डर में तब्दील गई थी।’
‘घबराओ मत, मैं तुम्हें किसी प्रकार की हानि नहीं पहुँचाऊंगा। बस तुम मेरी ज़रा-सी सहायता कर दो।’
‘हाँ बोलो’ मैंने राहत की साँस ली।
‘मैं उससे आज भी बहुत-अधिक प्रेम करता हूँ, उसका प्रेम ही मुझे इस रूप में भी यहाँ खींच लाया है। मैं बस यह जानना चाहता हूँ कि वो ठीक तो है! कहीं मेरे मरने की ख़बर सुनकर उसने भी ....और मेरे माता-पिता... क्या तुम मेरी सहायता करोगे?’
‘‘अरे आज इतनी देर तक सो रहा है! उठ चाय-नाश्ता तैयार है।’’ किचिन से मम्मी के तीखे स्वर ने मेरी आंखें खोल दीं।
‘ओह, आया मम्मी!’ मुझे उस दूसरी दुनिया के उस प्राणी से अपनी बातचीत अधूरी रह जाने का खेद था। काश! मम्मी ने 10 मिनट बाद जगाया होता तो कम से कम उसे इतना तो बता देता कि - ‘हे भाई, बेवजह टेंशन ले रहे हो। यहाँ सब ठीक ही होंगे. तुम्हारे माता-पिता भी ठीक-ठाक होंगे। और उसने भी तुम्हें भुला दिया होगा। क्योंकि तुम्हें पता होना चाहिए कि शादी के पश्चात औरत का एक तरह से दूसरा जन्म ही होता है। और वैसे भी हम धरती के प्राणी मृत प्राणी को याद नहीं करते हैं, क्योंकि मरे हुओं को याद करना अपशकुन समझते हैं। और भूले से भी अपने या उसके घर न चले जाना। जिनके लिए तुम इतने परेशान और दुःखी हो, वो ‘भूत-भूत’ चिल्लाएंगे तुम्हें देखकर और दूर भागेंगे तुमसे।’
‘अरे बेवकूफ, इस धरती के लोग यहीं के लोगों से प्यार निभा लें तो बहुत है! तुम तो बहुत दूर जा चुके हो।’ लेकिन मुझे अफसोस है कि ये सब बातें मैं उसे नहीं कह सका।
hindi Kunj ki prashnawali rochak,gyanvardhak avam upyogi hai.
उत्तर देंहटाएंnagad rupees bhi dena chahiya
उत्तर देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
उत्तर देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
उत्तर देंहटाएंHello
उत्तर देंहटाएंयह हिन्दी का बहुत ही उपयोगी वेबसाइट हैा शुक्रिया आपका। मैं आपके वेबसाइट को परीक्षा के लिए उपयोग करूंगी, सोच रही हूं आपके इस साइट के बारे में मुझे काश पहले पता होता, तो मैं अपना ज्ञान कोष में कुछ और ज्ञान का समायोजन कर पाती। आपसे निवेदन है कि आप परीक्षा उपयोगी हिन्दी के निबंध एवं समसमायिक महात्वपूर्व घटनाओं पर आलेख भी प्रकाशित करने का कष्ट करेंा
उत्तर देंहटाएंआदरणीय श्रीमान,
उत्तर देंहटाएंमैने इस वर्ष ऍम फिल में दाखिला लिया है। कृपया आप मुझको शोध हेतु कोई उपयुक्त विषय बता कर मेरा उचित मार्गदर्शन करने की कृपा करे।
आपके उत्तर की प्रतिक्षा में।
धन्यवाद !