एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा - हूर ,परी और चुड़ैल लाओ . दूसरे दिन बीरबल ने एक वेश्या और अपनी स्त्री को लेकर जब दरबार में पहुंचे तो कहा - हुजूर ! अपनी बेगम साहिबा को और बुलवा लीजिये . बादशाह की आज्ञा से बेगम साहिबा भी आ गयी ,तब बीरबल ने इस प्रकार जबाब दिया . उसने कहा - हुजूर ! यही वेश्या हूर है यानी जन्नत में मिलने वाली सुंदरी ,दूसरी मेरी स्त्री है जो यह सर्व सुंदरी है और सब स्त्री सुलभ गुणों से पूर्ण है , न कभी गहनों के लिए झगडती है और न किसी बात के लिए मचलती है इसीलिए यह परी है . तीसरी बेगम साहिबा है . आप खुद ही जानते है ,इनकी इच्छा पूरी करना आपका दिन का खाना और रात की नींद को हराम कर देता है . बेगम साहिबा मन मसोस कर रह गयी . बादशाह बड़े शर्मिंदा हुए .
हूर परी चुड़ैल / अकबर बीरबल की कहानी
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सही कहा
उत्तर देंहटाएंMujhe Akbar aur Beerbal k Jokes Bahut acche lagte hai....
उत्तर देंहटाएंAur acche jokes bhejo...
mujhe akbar aur birbal ka ek-ek jokes bahut acha lata hai aru bhejo
उत्तर देंहटाएंbir bal to birbal hai yaar koi dusta aisa ho hi nahi sakta
उत्तर देंहटाएंaise jokes kisi se compare nahi ki ja sakte
उत्तर देंहटाएंbirbal aur badsah ke kisson min kuchh alag hi bat hai
उत्तर देंहटाएंbirbal aahaha..... badsah aahaha.......donu bebakuf the
उत्तर देंहटाएंsachi bat hai
उत्तर देंहटाएंvery funny.
उत्तर देंहटाएंi like it .
उत्तर देंहटाएंसमझदार धन-दौलत से पहले जबान
उत्तर देंहटाएंपर पहरा लगाते हैं
बैल को सींग और आदमी को उसकी जबान
से पकड़ा जाता है।
अक्सर रात को दिया वचन सुबह तक मक्खन
सा पिघल जाता है।।
तूफान के समय की शपथें उसके थमने पर
भुला दी जाती हैं।
वचन देकर नहीं मित्रता निभाने से कायम
रखी जा सकती हैं।।
एक रुपये वचन की कीमत आधे रुपये के
बराबर भी नहीं होती है।
वचन और पंख को अक्सर हवा
उड़ा ले जाती है।।
एक छोटा-सा उपहार बहुत बड़े वचन से
बढ़कर होता है।
वचन के देश में मनुष्य भूखा मर
सकता है।।
अंडे और कसमें तोड़ने में कोई देर
नहीं लगती है।
तंगदिल इंसान की जबान बहुत लम्बी रहती है।।
दो बातूनी साथ-साथ बहुत दूर तक
यात्रा नहीं कर पाते हैं।
समझदार धन-दौलन से पहले जबान पर
पहरा लगाते हैं।।
lol haha
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