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सोहत है चँदवा सिर मोर को, तैसिय सुन्दर पाग कसी है।
तैसिय गोरज भाल बिराजत, तैसी हिये बनमाल लसी है।
'रसखानि' बिलोकत बौरी भई, दृग मूंदि कै ग्वालि पुकार हँसी है।
खोलि री घूंघट, खौलौं कहा, वह मूरति नैनन मांझ बसी है।
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ijonkzmkrdezign
218168578325095
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Ras ki vaakai khaan hai
उत्तर देंहटाएंaaj khajana mila hai,kya kya pathhu.
उत्तर देंहटाएंhindi kunj too tor hai!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
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