ऐसे उदास नज़रों से न देखो
दिल दहल जाएगा
उदास क्यों हो बता दो गर
माथे पर शिकन
आँखों में उदासी
चेहरा बेनूर कर देगा
परेशान क्यों हो
रास्ते कई है
उलझन है सुलझ जाएगा
मित्र,सखा,बंधु
कुछ भी कह लो मुझे
मै हूँ हर पल
साथ तुम्हारे
मानो न मानो
अपना मुझे तुम
इस कठिन घड़ी में हूँ
आस पास तुम्हारे
वाह बहुत खूबसूरत कविता ...
उत्तर देंहटाएंबस कंधो का सहारा मिला गर तुम्हारा
तबियत हमारी संभल जायेगी.
उदासी तो क्या चीज़ है..
चेहरे की बेनूरी भी शर्म खायेगी.