Advertisement उमड़ते आते हैं शाम के साये दम-ब-दम बढ़ रही है तारीकी एक दुनिया उदास है लेकिन कुछ से कुछ सोचकर दिले-वहशी मुस्कराने लगा है- जाने क्यों ? वो चला कारवाँ सितारों का झूमता नाचता सूए-मंज़िल वो उफ़क़ की जबीं दमक उट्ठी वो फ़ज़ा मुस्कराई, लेकिन दिल डूबता जा रहा है - जाने क्यों ?
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