Advertisement
जय शंकर प्रसाद : एक परिचय
 |
जयशंकर प्रसाद |
आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रतिभाशाली कवि श्री जयशंकर प्रसाद जी का जन्म सन १८८९ में काशी के एक संपन्न वैश्य परिवार में हुआ था। इनके पिता देवीप्रसाद जी तम्बाकू ,सुरती और सूघनी का व्यापार करते थे, इसलिए उन्हें सूघनी साहू कहा जाता था। प्रसाद की आयु जब १२ बर्ष की थी ,तभी इनके पिता का देहांत हो गया। अतः इनकी स्कूल की शिक्षा आठवी के बाद न हो सकी । घर पर रहकर ही इन्होने हिन्दी,संस्कृत ,उर्दू ,अंग्रेजी और फारसी में अच्छी योग्यता प्राप्त कर ली। इन्होने वेद,उपनिषद ,इतिहास और दर्शन का गंभीर रूप से अध्यन किया था। बाल्यकाल से ही इनकी रूचि कविता लिखने में थी। पहले ये ब्रज भाषा में कविता लिखते थे, किंतु बाद में खड़ी बोली में लिखने लगे। सन १९३७ में क्षय रोग से इनकी मौत हो गई।
रचनायें :
इन्होने काव्य ,नाटक ,कहानी ,उपन्यास तथा निबंध आदि साहित्य की हर बिधा में लेखनी चलायी तथा सभी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की । मूलतः ये कवि थे। इनकी प्रमुख रचनाये है:
कविताये:महाराणा का मह्त्व, चित्राधार ,कानन-कुसुम ,लहर ,झरना ,आंसू ,करुणालय और
कामायनी ।
नाटक: अजातशत्रु ,एक घूंट ,चन्द्रगुप्त ,स्कंदगुप्त और धुवास्वामिनी
कहानी -संग्रह : छाया,प्रतिध्वनि ,आंधी,आकाशदीप और इंद्रजाल ।
उपन्यास : कंकाल ,तितली ,इरावती (अपूर्ण )
निबंध संग्रह : काव्य कला तथा अन्य निबंध।
aapake dwara kiya gaya prayas sahitya ke prasar me mahatvapurna yogdan hai.vidyarthi, shotharthi evam sahitya ke pathak ko achha sahitya padane ko mila.(lekin truti par dhyan de- jay shankar prasad ki janma tithi 1890 hai)
उत्तर देंहटाएंthanks
KRIPAYA BATAYE KI JAYSHANKAR PRASAD JI KI JANM TITHI 1889 HAI YA 1890 . APKI BAHUT KRIPA HOGI..
उत्तर देंहटाएंMujhe ye bahut pasand ayi h
हटाएंJayasankar Prasad ka janm san 1889 men huaa tha.
उत्तर देंहटाएंachha hai ham jaiso ke liye yah ek aashirwaad hi bana pada hai hindi kunj ka raday se aabhaar vykt karta hu..
उत्तर देंहटाएंvery nice natak
उत्तर देंहटाएंvery nice natak.............
उत्तर देंहटाएंJAI SHANKAR PRASAD KA JANM 1889 MEN HUAA THA.
उत्तर देंहटाएंBECAUSE IT GIVEN IN MY CBSE N.C.E.R.T HINDI BOOK SO, THAT'S WHY IT WILL PROVE.
उत्तर देंहटाएंvery nice
उत्तर देंहटाएंplease jai shanker prasad ki sahi janm tithi btayen
उत्तर देंहटाएंYah Kamayani achhi kavita h.
उत्तर देंहटाएंJai sankar parsad k koi bachpan.k photo dikaiye
उत्तर देंहटाएंplzzzz.
मेरे लिए जय शंकर प्रसाद के साहित्य विशिष्टताओं दे दीजिए
उत्तर देंहटाएंmujhe dhruvaswamini natak ki sameeksha chahiye thi
उत्तर देंहटाएंकिए गए
उत्तर देंहटाएंप्रयास सराहनीय हैं
👌
Very nice...
उत्तर देंहटाएंnice
उत्तर देंहटाएंNice
उत्तर देंहटाएंHindi sahitya me apka mahatwapurn yogdan hai
हटाएंApp ka hindi kavya me mahatwaporn yogdan hai
उत्तर देंहटाएंYfgtt
उत्तर देंहटाएंHindi sajityae apka mahatwapurna sthan hai
उत्तर देंहटाएंMera name.rohit kasodham
mujhe bhikharin ki samiksha chahiye thi
उत्तर देंहटाएंप्रसादजी के नाटक बहुत उत्कृष्ट है पुरूस्कार कहानी साहित्य में विशिष्ट स्थान रखती है.
उत्तर देंहटाएंI want his natak in a summary can anyone help me
उत्तर देंहटाएंSkandgupt ke patra ka nam bataye ya nayak ka nam bataye
उत्तर देंहटाएंplz. koi mujhe batayaga kya k jayshankar ji duwara birisit mahakabya ka naam plz.
उत्तर देंहटाएंkindly give the sameeksha of hindi story Bisathi by jayasankar prasad
उत्तर देंहटाएं